जन्माष्टमी की आधी रात को कृष्णमय हुआ आगरा, घर-घर जन्मे कान्हा

स्थानीय समाचार

आगरा। जन्माष्टमी की आधी रात जैसे ही घड़ी की सुइयां 12 पर आकर थमीं, पूरा आगरा कृष्णमय हो उठा था। मंदिरों से लेकर घर-घर तक “नंद के आनंद भए, जय कन्हैया लाल की” का जयघोष गूंजने लगा। घंटे-घड़ियाल की गूंज और भजनों की मधुर धुन से वातावरण दिव्य हो गया। भक्त कान्हा के जन्मोत्सव में मग्न हो उठे।

रात्रि 12 बजते ही प्रत्येक घर और मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव आरंभ हुआ। पंचगव्य, दूध, दही, शहद से बाल गोपाल का अभिषेक किया गया। उन्हें नई पोशाक धारण कराकर पालने में बिठाया गया और झुलाया गया। आरती, भजन और प्रसाद वितरण के बीच भक्त आनंद में सराबोर हो गए।

नेहरू नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर, नामनेर मंदिर, शहजादी मंडी का सनातन धर्म मंदिर, बम्बई वाली बगीची, श्याम जी मंदिर सहित शहरभर के मंदिरों में मध्यरात्रि से पहले ही भजन-कीर्तन गूंजने लगे थे। 12 बजते ही मंदिरों में कान्हा का अभिषेक व आरती हुई।

नामनेर बाजार कमेटी द्वारा आकर्षक झांकियां सजाई गईं, जिन्हें देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।

लक्ष्मी नारायण मंदिर (बम्बई वालों की बगीची) में श्री राजा रणछोर राय जी, श्री लक्ष्मीनारायण जी, श्रीराम दरबार एवं शिव परिवार का अलौकिक श्रृंगार और फूल बंगला सजाया गया। महन्त ब्रह्म प्रकाश गौड़ ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लड्डू गोपाल के जन्म उत्सव का आयोजन कराया। हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और प्रसाद ग्रहण किया। इससे पहले सुबह से ही मंदिर में पंचामृत स्नान, श्रृंगार और फूल बंगले के दर्शन होते रहे।

पुलिस लाइन में भी जन्माष्टमी हर्षोल्लास से मनाई गई। कलाकारों ने श्रीकृष्ण जन्म से लेकर उनकी बाल लीलाओं का मंचन किया। साथ ही शिव तांडव और महाकाली नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। एडिशनल सीपी रामबदन ने कहा- क्योंकि श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था, इसलिए पुलिस का इस पर्व से विशेष नाता है। बच्चों को धर्म और संस्कृति से जोड़ने में ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण हैं।

आधी रात कान्हा के जन्म के बाद देर रात तक भजन, आरती और श्रृंगार दर्शन का सिलसिला चलता रहा। आज सुबह से आगरा में नंदोत्सव की शुरुआत हो गई है। मंदिरों और घरों में कान्हा को माखन मिश्री का भोग लगाया जा रहा है, ढोल-नगाड़ों के साथ झांकियां निकल रही हैं और हर ओर भक्तिभाव का समंदर उमड़ रहा है।

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