पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे लोग, नगर निगम करेगा जब्त

Press Release उत्तर प्रदेश

आगरा। शहर में पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवाने को लेकर लोग गंभीर नहीं हैं। वित्तीय वर्ष 2025–26 में अब तक सिर्फ 377 कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इससे नगर निगम को 1,46,500 रुपए की आय तो हुई, लेकिन ये आंकड़ा शहर में मौजूद अनुमानित 5000 से ज्यादा पालतू कुत्तों के मुकाबले बहुत ही कम है।
नगर निगम अब इस लापरवाही पर सख्ती करने के मूड में है। बिना रजिस्ट्रेशन पाए जाने पर कुत्तों को जब्त किया जाएगा, मालिक पर 2500 रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। ट्रांसपोर्ट व खाने-पीने का खर्च भी अलग से लिया जाएगा।
नगर निगम ने देसी नस्ल के लिए 100 सालान एवं विदेशी नस्ल के लिए 500 रुपए सालाना रजिस्ट्रेशन शुल्क रखा है l ‘मेरा आगरा’ ऐप से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है या सीधे नगर निगम कार्यालय जाकर ऑफलाइन पंजीकरण भी करवा सकते हैं।
——-सिर्फ नियम नहीं, ये शहर को रेबीज़-फ्री और पेट-फ्रेंडली बनाने की दिशा में अहम कदम—-

नगर निगम का ये अभियान सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं है। रजिस्ट्रेशन से पालतू कुत्तों का रिकॉर्ड बनेगा, जिससे रेबीज़ जैसी बीमारियों की रोकथाम, टीकाकरण, और आपात स्थिति में पहचान जैसे काम आसान हो जाएंगे।
पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह के अनुसार “हम चाहते हैं कि आगरा न सिर्फ साफ-सुथरा और स्मार्ट बने, बल्कि एक रेबीज़-फ्री और पेट-फ्रेंडली सिटी के रूप में भी पहचाना जाए। लेकिन जब तक पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, तब तक कोई योजना आगे नहीं बढ़ सकती।”

—–पेट-फ्रेंडली शहर के लिए जरूरी है डेटा—-

नगर निगम आगे चलकर शहर में पेट-फ्रेंडली पार्क, डॉग वॉकिंग एरिया, और बेहतर पशु चिकित्सा सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रहा है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि ये पता हो कि शहर में कितने पालतू जानवर हैंऔर ये तभी संभव है जब सभी का रजिस्ट्रेशन हो।
—–जल्द चलेगा विशेष जांच अभियान—

नगर निगम अब पूरे शहर में विशेष जांच अभियान चलाने जा रहा है। टीम अलग-अलग इलाकों में जाकर देखेगी कि किन पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। नियम तोड़ने वालों पर सीधे कार्रवाई होगी। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने साफ कहा है कि पालतू जानवर पालना आपकी आज़ादी है, लेकिन उनकी जिम्मेदारी निभाना भी जरूरी है। समय पर रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि न जुर्माना लगे, न जानवर जब्त हो , और साथ ही शहर को एक स्वस्थ, सुरक्षित और पेट -फ्रेंडली माहौल मिल सके।

 

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