नगर निगम चला रहा कचरा प्रबंधन हेतु सघन जन-जागरूकता अभियान

Press Release उत्तर प्रदेश

आगरा । नगर निगम ने शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कचरा प्रबंधन हेतु एक सघन जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के अंतर्गत न केवल उन्नत कचरा निस्तारण व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं, बल्कि नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है।

निगम की टीम द्वारा विभिन्न मोहल्लों और वार्डों में घर-घर जाकर निरीक्षण कर रहवासियों को स्वच्छता बनाए रखने हेतु प्रेरित किया गया। नागरिकों को बताया गया कि स्वच्छता केवल नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का भी नैतिक कर्तव्य है। इस दौरान टीम ने नगर निगम की विभिन्न सेवाओं से जुड़ी टोल-फ्री नंबरों की जानकारी भी साझा की।
बताया गया कि सीवर संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु 14420, तथा सड़क की सफाई, नालियों की सफाई व झाड़ू न लगने जैसी समस्याओं के लिए 1533 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है
अभियान के दौरान निगम ने नागरिकों को चार प्रकार के कचरे के पृथक्करण की विस्तृत जानकारी दी, जो न केवल पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है, बल्कि कचरे के सही निस्तारण के लिए भी जरूरी है।

—–गीला कूड़ा – जिसमें फल-सब्ज़ियों के छिलके, बचा हुआ भोजन, चायपत्ती आदि जैविक अपशिष्ट आते हैं।
—–सूखा कूड़ा – जैसे प्लास्टिक, कागज़, धातु, रैपर और अन्य पुनः उपयोगी वस्तुएं।
——जैव अपशिष्ट कूड़ा – जिसमें दवाइयाँ, इंजेक्शन, सर्जिकल वस्तुएं, मास्क आदि शामिल होते हैं।
——घरेलू हानिकारक कूड़ा – जैसे पुराने मोबाइल, बैटरियाँ, ट्यूब लाइट्स, इलेक्ट्रॉनिक कचरा आदि।

नगर निगम द्वारा इन सभी प्रकार के कचरे के लिए अलग-अलग प्रसंस्करण इकाइयों का संचालन किया जा रहा है, जिससे कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण हो रहा है और शहर में गंदगी कम हो रही है।

—–कचरा पृथक्करण का महत्व—–

सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम के अनुसार कचरा पृथक्करण न केवल सफाई व्यवस्था को सुचारु बनाता है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत आवश्यक है। जब गीले और सूखे कचरे को सही तरीके से अलग किया जाता है, तो गीले कचरे से खाद बनाई जा सकती है और सूखे कचरे को रीसायकल कर दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है। जैविक एवं हानिकारक कचरे को अलग करके निस्तारित करने से संक्रमण और विषैले तत्वों के प्रसार को रोका जा सकता है। इस प्रक्रिया से न केवल कचरे की मात्रा में कमी आती है, बल्कि संसाधनों का भी संरक्षण होता है।

नागरिकों की सहभागिता से बनेगा “स्वच्छ आगरा”

नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के अनुसार नगर निगम का यह अभियान ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के उद्देश्यों से जुड़ा हुआ है । इसका मूल उद्देश्य नागरिकों को सहभागी बनाकर *स्वच्छ, सुंदर और हरित आगरा* की परिकल्पना को साकार करना है। सभी नागरिक कचरा पृथक्करण की इस प्रणाली को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और आगरा को स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी बनाएं।

 

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