महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ,केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय,सांसद राजकुमार चाहर , जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया, महापौर हेमलता दिवाकर , मंडलायुक्त श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी सहित गणमान्य जन रहे मौजूद
संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित छावा फिल्म के अभिनेता विकी कौशल सहित महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के मंत्री भी रहे मौजूद
लाल किले के दीवाने आम में पहुंच कर मुख्यमंत्री महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस ने छत्रपति शिवाजी को किया नमन
आगरा.19.02.2025.आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस , के आगरा एयरपोर्ट पर पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ,सांसद राजकुमार चाहर , जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया, महापौर हेमलता दिवाकर , जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने पुष्पगुच्छ देकर भव्य स्वागत किया।
तत्पश्चात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लालकिला के दीवाने आम पहुंचे, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज की यादों को ताजा किया और भावुक होकर कहा कि “यहीं छत्रपति को नजर कैद किया गया था”।
मुख्य मंच पर पहुंचकर सभी अतिथियों द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि दी गई तथा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया गया।कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य के राज्य गीत का संगीतमय गायन की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। छत्रपति शिवाजी महाराज के 395 वें जन्म दिवस पर शिवाजी का पायना/लोरी का मंचन किया गया, तत्पश्चात पुरंदर की संधि, छत्रपति शिवाजी महाराज का आगरा आना, औरंगजेब द्वारा नजरबंद किया जाना, और छत्रपति का आगरा से निकलना पर आधारित लघु नाट्य का जीवंत मंचन हुआ जिसे देख कर उपस्थित जन रोमांच से 4भर उठे। कार्यक्रम में मराठा युद्ध कला पर आधारित विभिन्न नृत्यकला का कलाकारों द्वारा विस्मयकारी प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर मा. मुख्यमंत्री श्री फडणवीस जी ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदवी स्वराज के वाहक छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को ना कभी मुगलों ने और ना कभी अंग्रेजों ने सामने आने दिया। जबकि उनके अंदर सभी प्रकार की विधाएं थी। वह संस्कृत हिंदी के साथ-साथ अरबी फारसी और अंग्रेजी के भी प्रखंड पंडित थे। आज बड़े गर्व का विषय है कि उनकी जयंती हम लोग आगरा के उसी किले में मना रहे हैं जहां उन्हें मुगल शासक द्वारा धूर्त से नजर बंद कर लिया गया था और उन्होंने अपनी सूझबूझ और साहस के द्वारा इस अभेद किले को भेदकर कर यहां से निकल गए। उनका मानना था कि स्वराज को बचाने के लिए संधि जरूरी है और लोगों को फिर से जोड़कर स्वराज की स्थापना की जाएगी। इसके लिए उन्होंने उनके द्वारा जीते गए किलो को मुगल शासक के हवाले कर दिया। जब उन्हें आगरा आने का निमंत्रण दिया गया तो लोगों ने कहा कि वहां का शासक औरंगजेब बहुत ही क्रूर है पर वह निर्भीक होकर आगरा के किले में आए और एक राजा की तरह रहे। किले से छूटने के बाद उन्होंने सभी वर्गों के नागरिकों को एक सूत्र में बांधते हुए सेना का गठन कर स्वराज की पुनः स्थापना की। उन्होंने प्रदेश सरकार से विनम्र निवेदन किया कि कोठी मीना बाजार को महाराष्ट्र सरकार को दे दिया जाए ताकि वह उसमें एक अद्वितीय और अनुपम स्मारक की स्थापना करें। उन्होंने कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को से विश्व धरोहर के रूप में संरक्षित करा दिया गया है।