तबीयत या तकरार… प्रेमानंद महाराज की रात्रि यात्रा बंदी से सोशल मीडिया पर वॉर

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मथुरा। वृंदावन में संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन यात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद होने पर तरह तरह की चचाएं चल रही हैं। खास तौर से सोशल मीडिया पर और शुरू हो गई है। लोग तरह तरह के कमेंट कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि उनकी खराब तबीयत के कारण यह कदम उठाया गया तो कोई इसे सियासत बता रहा है। किसी ने लिखा कि इस यात्रा का एक कालोनी की महिलाओं ने विरोध किया जिसके चलते यह कदम उठाया गया है।

गुरुवार को श्री हित राधा केलि कुंज परिकर की और से सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट कर जानकारी दी गई कि प्रेमानंद महाराज जी के स्वास्थ्य एवं भीड़ को देखते हुए उनकी रात्रि दो बजे से होने वाली पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद की जाती है। इसी के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने कमेंट शुरू कर दिए। कटाक्ष और व्यंग्य बाण भी शुरू हो गए। हर कोई अपने अपने हिसाब से इस निर्णय के मायने निकाल रहा है।

एक ने लिखा कि आसपास रहने वाली महिलाओं ने पूज्य महाराज की इस यात्रा का विरोध किया। सुनरख मार्ग स्थित एनआरआई ग्रीन कालोनी की महिलाओं ने हाथों में तख्ती लेकर विरोध जताया था। कहा था कि रात की इस यात्रा में ढोल नगाड़े बजते हैं। पटाखे चलाए जाते हैं। इससे लोगों को परेशानी होती है। खास तौर से बुजुर्ग परेशान हो जाते हैं।

दूसरे एक व्यक्ति ने इस पर तंज कसा कि रात को हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। कटाक्ष किया कि लोगों की ध्वनि प्रदूषण से नींद उड़ गई है। ऐसे अवरोध पैदा कर समाज को भला क्या देना चाहते हैं। एक ने एक्स पर लिखा हम उसी कालोनी में रहते हैं। कोई विरोध नहीं कर रहा है। क्या सनातनी दूसरे सनातनी को कष्ट देंगे। बस यात्रा आराम से निकालें। पटाखे एवं शोर शराबा न किया जाए।

एक अन्य ने पोस्ट किया कि वृंदावन आने के बाद बद्धालुओं का एक लक्ष्य संत प्रेमानंद के दर्शन करना भी राहता है। उनकी रात्रि यात्रा से लोगों को रोजगार मिलता है। योगी जी यह सुनिश्चित करें कि इस तरह को यात्रा रुकनी नहीं चाहिए।

यात्रा रोक देने पर लोगों ने सियासी तड़का भी खूब लगाया है। एक ने लिखा है प्रेमानंद जी का चारों शंकराचार्यों खास तौर पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का सपोर्ट करना भारी पड़ा। सियासत के कारण ही उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा।

इनमें सबसे अहम बिंदु उनकी तबीयत का है। दरअसल प्रेमानंद किडनी समस्या से ग्रस्त हैं। वह पिछले कुछ दिनों में कई बार परिक्रमा पर निकले पर तबीयत खराब होने के कारण उन्हें बीच में ही यात्रा रोककर वापस लौटना पड़ा। उनकी यात्रा पर भीड़ तो उमड़ती ही है और लोग उन्हें दंडवत प्रणाम करते हैं।

नए वर्ष पर उनकी यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी और दंडवती को लेकर धक्का मुक्की हो गई। इस पर उन्होंने नाराज होते हुए दंडवती करने पर रोक लगा दी थी। लोगों से अपील की थी कि वे ऐसा न करें।

संत प्रेमानंद महाराज ने अपने श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए गुरुवार रात रमणरेती क्षेत्र में कार से उतरकर पैदल चलकर भक्तों को दर्शन दिए और आशीर्वाद दिया। जैसे ही उनकी कार श्रीराधाकेलि कुंज आश्रम की ओर बढ़ी, रास्ते में पहले से बड़ी संख्या में मौजूद भक्तों ने जयकारे लगाते हुए पुष्पवर्षा की। संत प्रेमानंद महाराज ने भक्तों की श्रद्धा और उत्साह को देखकर कार रोक दी और वहीं से पैदल चलकर आगे बढ़ने का निर्णय लिया। आश्रम  तक के इस छोटे से पैदल सफर में उन्होंने रास्ते में खड़े भक्तों से मुलाकात की, उनका हालचाल पूछा और सभी को अपना आशीर्वाद दिया।

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