दिल्ली चुनाव के बाद हो सकती है यूपी भाजपा जिलाध्यक्षों की घोषणा, एक खास रणनीति के तहत रोक रखी है सूची

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आगरा। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्षों की घोषणा अब दिल्ली के विधान सभा चुनाव बाद ही हो पाएगी। वजह यह है कि भाजपा ने जिलाध्यक्ष पद के तमाम दावेदारों को दिल्ली चुनाव में लगाया हुआ है। पार्टी नहीं चाहती कि दिल्ली चुनाव के बीच जिलाध्यक्षों की घोषणा कर उन नेताओं को नाराज किया जाए जो जिलाध्यक्ष बनने से वंचित होंगे।

यूपी के जिला स्तरीय नेता भी दिल्ली चुनाव में लगाए गए हैं, डर है कि जिलाध्यक्ष बनने से वंचित होने पर दिल्ली चुनाव से विमुख न हो जाएं

भाजपा जिलाध्यक्षों की घोषणा 15 जनवरी को होनी थी। 7 से 10 जनवरी के बीच नामांकन हो चुके थे। तीन-तीन नामों का पैनल बनाने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी थी। जिलाध्यक्षों के नाम तय करने वाली बैठकें भी हो चुकी हैं। सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि जिलाध्यक्षों के नामों की सूची भी टाइप हो चुकी है, लेकिन एक रणनीति के तहत इसकी घोषणा रोक दी गई है।

यूपी के प्रायः हर जिले के वरिष्ठ भाजपा नेताओं को पार्टी ने दिल्ली के चुनाव में लगाया हुआ है। ये नेता अपने जिलों के दिल्ली में रह रहे मतदाताओं को साधने के काम में लगाए गए हैं। पार्टी को डर था कि दिल्ली चुनाव के बीच जिलाध्यक्षों की घोषणा करने पर वे नेता निराश हो सकते थे हैं जो दिल्ली में पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो दिल्ली का विधान सभा चुनाव होने के बाद पार्टी यूपी में अपने जिलाध्यक्षों की घोषणा कर देगी। वैसे तो संकेत यही हैं कि दिल्ली में मतदान होने के बाद ही यूपी में जिलाध्यक्षों की घोषणा होगी, लेकिन यह भी संभव है कि कल तीन फरवरी को प्रचार समाप्त होने के बाद अगले दिन ही सूची घोषित कर दी जाए। फार्मूला वही 45 से 50 जिलाध्यक्षो की घोषणा का रहेगा। शेष बचे जिलों में भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद जिलाध्यक्ष पदों पर मनोनयन किया जाएगा।




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