आगरा: ताज साहित्य उत्सव के दूसरे दिन रविवार को छः सत्रों मे विभिन्न कवियों एवं समाज के प्रतिष्ठित अधिकारियों व सम्मानित हस्तियों ने शिरकत की। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो एस पी सिंह बघेल ने दीप प्रज्वलित कर किया ।
दूसरे दिन का आरंभ महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित एक प्रेरक सत्र से हुआ। इस परिचर्चा ने महिलाओं के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक योगदान पर प्रकाश डाला। प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए सरकारी योजनाओं का उल्लेख किया।
डॉ. राजश्री सिंह, आईपीएस ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि समाज में बदलाव की शुरुआत शिक्षा और जागरूकता से होती है। इनके अतिरिक्त मोटीवेशनल लेखिका देविका देवेन्द्र मंगलामुखी एवं डॉ कुमार मनोज ने भी महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने विचारों को व्यक्त किया।
दूसरा सत्र साहित्य और इतिहास के कालजयी व्यक्तित्वों को समर्पित था। मुख्य वक्ता डॉ. शशि तिवारी ने कालजयी रचनाओं की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये रचनाएं समय की सीमाओं को पार कर मानवता को हमेशा प्रेरित करती हैं। सूरज तिवारी, फिल्म निर्देशक और लेखक ने कहा कि फिल्में अपने युग के साहित्य का आईना होती है दोनों साथ साथ चलती है। फिल्मों और साहित्य का संबंध बहुत गहरा है।
वक्ताओं ने तुलसीदास, प्रेमचंद, और महादेवी वर्मा जैसे महान लेखकों की रचनाओं पर चर्चा की और उनके योगदान को आज के संदर्भ में समझने का प्रयास किया। इस सत्र ने साहित्य के श्रोताओं को नई दृष्टि दी और उन्हें प्रेरित किया।
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.