आगरा। आगरा और आसपास के जिलों में आज घना कोहरा तो नहीं था, लेकिन बर्फीली हवाओं ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है। दो दिन घने कोहरे में हाथ से हाथ नहीं सूझ रहा था, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था, अब कोहरा थोड़ा छंटा तो बर्फीली हवाओ ने लोगों की कंपकंपी छुड़ा दी है।
ठंड का आलम यह है कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे। सड़कों पर ट्रैफिक आम दिनों के मुकाबले बहुत कम है। वैसे आज रविवार भी है, जिसके कारण सामान्य दिनों के मुकाबले सड़कों पर कम ट्रैफिक है।
आज सुबह सोकर उठे लोगों ने ज्यादा कोहरा न दिखने पर राहत की सांस ली थी, लेकिन घरों से बाहर निकलते ही बर्फीली हवाओं की वजह से लोग फिर घरों में कैद होने को मजबूर हो गए। ठंड का असर पार्कों में भी देखा जा रहा है, जहां इन दिनों बहुत कम लोग मॊर्निंग वॊक के लिए पहुंच रहे हैं।
पिछले दो-तीन दिन के घने कोहरे और आज बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन इस कदर बढ़ा दी है कि इसका असर बाजारों में भी देखने को मिल रहा है। शहर के प्रमुख बाजार देरी से खुल रहे हैं और समय से पहले बंद हो रहे हैं। पिछले दो-तीन सरकारी दफ्तरो में पहुंचने वाले आम लोगों की संख्या में भी कमी देखने को मिली।
कोहरे के बाद अब हाड़ कंपा देने वाली ठंड का सबसे बुरा असर ट्रेनों के परिचालन पर पड़ रहा है। दो दिन पहले चार से छह घंटे देरी से चल रही ट्रेनें अब आगरा में दस से 12 घंटे देरी से पहुंच रही हैं। भीषण ठंड में रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का इंतजार करते यात्रियों की तो हालत बहुत खराब हो रही है। भीषण ठंड में प्लेटफॊर्म पर एक पल रुकना भी मुश्किल हो रहा है। यही हाल बस स्टेशनों का है।
शहर में आज जगह-जगह लोग अलाव जलाकर ठंड से बचाव करते दिखे। टीटीजेड में लगी रोक के कारण नगर निगम तो अब लकड़ियों के अलाव नहीं जलवाता, लेकिन पिछले सालों में नगर निगम ने गैस से चलने वाले हीटर जरूर लगवाए थे, जिससे गरीब लोगों को बहुत राहत मिलती थी।
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