आगरा। सद्गुरु स्वामी लीलाशाह भगवान की पावन तपोभूमि श्रीकृष्ण गौशाला, शाहगंज पर नए साल की खुशी में संकीर्तन कथा आयोजित की गई। स्वामी गुरमुख दास उदासीन और दीपक उदासीन ने प्रवचन दिए।
संतो ने बताया भगवान को विग्रह या मूर्ति ना समझें। उसमें साक्षात प्रभु के दर्शन करें तो प्रभु साक्षात ही दर्शन देंगे क्योंकि अगर आपका भाव सच्चा नहीं होगा तब तक कोई कार्य भी अच्छा नहीं होगा। भावना से भव नहीं तो भावना बेकार है। भावना में भव है तो भव सागर से बेड़ा पार है। बिना भाव प्रभु नहीं मिलते।
इस मौके पर सिंधी सेन्ट्रल पंचायत के अध्यक्ष चद्र प्रकाश सोनी, श्याम भोजवानी, हेमंत भोजवानी, लालचंद मोटवानी, जयप्रकाश धर्मानी, मनीष हरजानी, भोजराज लालवानी, लक्ष्मण कल्याणी, तुलजाराम पुरसानी, सुशील नोतनानी, पीलू भाई, सतीश मोटवानी, गुरमुख वयानी गुरदासमल योगेश जारानी, गोवर्तधन सोनेजा, तरुण खेमानी, राजा सुखनानी, संजय नोतनानी, सुंदर चेतवानी, जितेन्द्र मोटवानी, पूरनचंद, मनोज नोतनानी, जगदीश शोभनानी और बॉबी भल्ला आदि मौजूद थे।
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