आगरा, 16 जुलाई। नगर निगम सभागार में आयोजित नगर निगम के छठवें अधिवेशन में वर्ष 2024-25 के लिए 169725.39 लाख का बजट अनुमोदित किया गया। सभी पार्षदों द्वारा निगम की आय बढ़ाने पर जोर दिया गया। इस दौरान नगर निगम सदन के चतुर्थ और पंचम अधिवेशन के कार्यवृत की भी पुष्टि की गयी।
कार्यकारिणी समिति द्वारा पारित गृहकर में पूर्व में दी गयी दस प्रतिशत की छूट की समय सीमा सितंबर माह तक करने के प्रस्ताव के अलावा कार्यकारिणी समिति द्वारा पारित उ.प्र.नगर निगम के अधिनियम 1959 की धारा 140 के अंतर्गत रिक्शा,तांगा, बैलगाड़ी प्राइवेट भारकस आदि पर लाइसंेस शुल्क की दरों पर विचार करने और नगर निगम के वर्ष 2024-25 मूल बजट के आय व्यय पर चर्चा करने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया।
सदन में कई सभासदों ने सदन से पन्द्रह के स्थान पर पचास -पचास स्ट्रीट लाइनें देने की मांग की तो वहीं सभासदों को मिलने वाले मानदेय को बढ़ाकर पन्द्रह हजार करने की मांग रखी जिस पर सदन अध्यक्ष हेमलता कुशवाह ने विचार करने का आश्वासन दिया। पार्षदों ने टोरंट पावर पर चले आ रहे बकाये वसूली के अलावा नगर निगम के आवासों और दुकानों के बारे बताया कि जिन लोगों को ये आवंटित हुए थे उनमें से कई ने उनके अंदर सिकमी किरायेदारों को बसा दिया है और मनमाना किराया वसूल रहे हैं। जबकि निगम को इससे कोई लाभ नहीं हो रहा है। उनका कहना था कि जो लोग सिकमी किरायेदार के रुप में रह रहे हैं उन्हीं को 25 प्रतिशत सर्किल रेट लेकर किरायेदार बना दिया जाए। जिन भवनों के 99 वर्ष के पट्टे हैं उनको रिन्यू करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। इस पर अध्यक्ष ने नगर आयुक्त से कहा कि ऐसे लोगों का चौबीस घंटे के अंदर डाटा निकालकर कार्ययोजना बनाकर निगम की आय बढ़ाने के उपाय किये जाएं। इस दौरान सदस्यों ने स्लाटर हाउस , घरों की छतों पर लग रहे टॉवर,घरों में चलने वाले मैरिज होम का मुद्दा भी उठाया गया। सदस्यों ने कहा कि इनमें से कई पर टैक्स लगाकर निगम अपनी आय में बढोत्तरी कर सकता है। पॉलीथिन अभियान पर सवाल उठाये जाने पर सभापति ने कहा कि छोटे दुकानदारों के बजाय पॉलीथिन का उत्पादन करने वालों पर शिकंजा कसा जाए।
अधिवेशन के दौरान नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल, अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव, जलकल महाप्रबंधक अरुणेन्द्र राजपूत के अलावा निगम के अधिकारी उपस्थित रहे। सदन का संचालन अपर नगर आयुक्त विनोद कुमार गुप्ता द्वारा किया गया।