जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान को लेकर चिंताएं जताई हैं. उन्होंने कहा, देश में फिर वही चीजें दोहराई जा रही हैं, जिनकी वजह से बांग्लादेश वजूद में आया था. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक्स पर एक वीडियो भी जारी किया. उन्होंने कहा, पाकिस्तान को 2 हिस्सों में बांटने के लिए बंगाली नेता शेख मुजीबुर्रहमान नहीं, बल्कि सैन्य तानाशाह जनरल याह्या खान और उसके नजदीकी अफसर जिम्मेदार थे.
इमरान ने लिखा कि जिस तरह से देश के टूटने के लिए शेख मुजीब को दोष दिया जाता है और गद्दार कहा जाता है, वो सच नहीं है. मुजीब तो देश के संविधान पर भरोसा करते थे और पाकिस्तान के साथ रहना चाहते थे. देश का गद्दार कौन था, यह जानने के लिए हर पाकिस्तानी को हमूदुर्रहमान आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए, ताकि उन्हें यह जानकार मिल सके कि देश को तोड़ने वाला असली गद्दार जनरल याह्या खान था या शेख मुजीबुर्रहमान.
बंगालियों पर जुल्म, संविधान और कानून को ताक पर रखकर किया काम
इमरान ने एक्स पर पोस्ट में हमूदुर्रहमान आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया. वीडियो में कहा कि मुजीब पाकिस्तान में सबसे पसंदीदा नेता थे, वो जम्हूरियत के हिसाब से हक चाहते थे. याह्या ने कुर्सी बचाने के लिए बंगालियों पर जुल्म ढाए, संविधान और कानून को ताक पर रखकर काम किया. मुजीब को गिरफ्तार किया गया और आर्मी कोर्ट से सजा दिलवाई गई. याह्या ने बंगालियों को हर तरह से लूटा. उनके पैसे भी लूटे गए और जानें भी ली गईं. फौज ने बंगाली बुद्धिजीवियों और राजनीतिक विरोधियों को बेरहमी से कुचला.
बंगाली महिलाओं के साथ रेप किए गए, जो फौज अपने लोगों को दबाने में लगी हो, उसका दुश्मन से लड़ पाना मुमकिन ही नहीं था. इसका नतीजा ये हुआ कि जनरल नियाजी ने 2 हफ्ते में ही हथियार डाल दिए. पाकिस्तानी फौज भारतीय सेना से जंग हारी और नियाजी जलील होकर समझौते पर दस्तखत करने के लिए मजबूर हुआ.
‘जिन लोगों को आवाम ने खारिज किया, उनको सत्ता में बैठा दिया’
इमरान ने आगे कहा, अगर लोगों ने मुजीब को चुना था तो क्यों उसको सत्ता नहीं सौंपी गई. हमें सोचना चाहिए कि गद्दार मुजीब था या फिर उसका हक छीनने वाला जनरल याह्या. 1971 में जो हुआ, वही आज हो रहा है. आज भी पीटीआई को लोगों ने चुना, उसको सत्ता नहीं दी गई और उसके लीडर इमरान खान को जेल में डाला गया, जिन लोगों को आवाम ने खारिज किया, उनको सत्ता में बैठा दिया गया है.
Compiled by up18news