रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी ने शुक्रवार दोपहर नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन के पहले कांग्रेस कार्यालय से रोड शो निकालते हुए वह कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस दौरान सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अशोक गहलोत मौजूद रहे।
कांग्रेस की पैतृक लोकसभा सीट पर शुक्रवार को नया इतिहास बना। रायबरेली लोकसभा सीट से राहुल गांधी के नामांकन करने पर गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी का राजनीतिक सफर शुरू हो गया। अब कांग्रेस के युवराज मां सोनिया गांधी की रायबरेली में राजनीतिक विरासत को संभालेंगे।
गांधी परिवार की विरासत बनी सीट
रायबरेली लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो सबसे पहले 1952 में फिरोज गांधी ने चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 1958 में भी फिरोज गांधी ने जीत हासिल की। उनके निधन के बाद 1967 के चुनाव में इंदिरा गांधी ने इस सीट से पर्चा भरकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की। ऐसे में यह सीट गांधी परिवार की विरासत बन गई। 2004 में इंदिरा गांधी की बहू सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा और पांच बार सांसद चुनी गईं। अब सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी लोकसभा सीट से उतरकर विरासत को संभालने जा रहे हैं।
सोनिया गांधी ने निभाया वादा
सांसद सोनिया गांधी ने राज्यसभा में जाने से पहले रायबरेली वासियों के नाम पत्र लिखा था, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इसी के बाद से कयास लगाए जाते रहे कि गांधी परिवार से कोई न कोई चुनाव रायबरेली से जरूर लड़ेगा। यहां से प्रियंका गांधी का नाम चल रहा था, लेकिन ऐन मौके पर उनके भाई राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का एलान कर दिया गया।
-एजेंसी