RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री देवेंद्र यादव हुए बागी, लगाई आरोपों की झड़ी

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लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में लोकसभा चुनाव के बीच आपसी खींचतान और आरोप-प्रत्यारोप बढ़ा है। बीते कुछ दिनों में पार्टी के कई बड़े नेता दल छोड़ चुके हैं।

अब पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने बागी तेवर अपना लिए हैं। देवेंद्र यादव ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर राजद मुखिया और राजद पर आरोपों की झड़ी लगा दी।

देवेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने लालू प्रसाद (Lalu Yadav) को पत्र लिख आगाह किया था कि पार्टी को कारोबारीकरण और व्यापारीकरण से बचाने की जरूरत है, लेकिन उनकी सलाह के बाद पार्टी व्यवसायीकरण से तो नहीं ही बची उसने एक कदम आगे बढ़कर सांप्रदायिक शक्तियों के पोषक दलों से उम्मीदवार आयात कर मैदान में उतार दिए।

विधानसभा चुनाव कैसे जीतेंगे, यह समझ से परे है: देवेंद्र यादव

इससे स्पष्ट हो गया है कि राजद चुनाव लड़ने की औपचारिकता पूरी कर रहा है। यह लड़ाई जीतने के लिए नहीं लड़ी जा रही, बल्कि विधानसभा चुनाव 2025 जीतने की तैयारी में अभी से लग गई है। लोकसभा चुनाव में कामयाब नहीं होंगे तो विधानसभा चुनाव कैसे जीतेंगे यह समझ से परे है।

उन्होंने कहा पार्टी का मूल जनाधार अल्पसंख्यक है, उसे मात्र दो सीटें देकर वोट बैंक बनाए रखना बिना उचित हिस्सेदारी कितना मुश्किल होगा यह आने वाला चुनाव बताएगा। वामपंथी दलों को एक-एक सीट देना और वीआइवी को तीन सीट परोस देना तथा कांग्रेस की परंपरागत सीटों पर दावा ठोक देना यह बड़ा रहस्य है।

पार्टी में कुछ जनाधार विहीन, विद्वान व अति महत्वपूर्ण नेता जो ए टू जेड और माई-बाप के फार्मूले का उद्घोष कर रहे हैं, उससे पार्टी का जनाधार दरकेगा। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को इस्तेमाल करो और फेंक दो की नीति पर भी देवेंद्र ने पार्टी को घेरा है।

आने वाली पीढ़ी हम लोगों को कोसेगी: देवेंद्र यादव

उन्होंने कहा यदि राजनीति बिना सिद्धांत के होगी तो आने वाली पीढ़ी हम लोगों को कोसेंगी और गालियां भी देगी। दबे कुचले, पिछड़े व गरीब, सवर्ण, अल्पसंख्यक, वंचित, नौजवानों के विश्वास और भरोसे को ज्यादा दिनों तक टाला नहीं जा सकता। न ही उनकी आंखों में ज्यादा दिनों तक धूल झोंक कर रखा जा सकता है।

देवेंद्र यादव ने कहा कि कथनी और करनी में जब इतना अंतर होगा तो विरोध होना लाजिमी है। उन्होंने कहा यदि सच बोलना बगावत है तो समझ लिया जाए कि वे भी बागी है। उन्होंने कहा संघर्ष करते रहेंगे, हम थके नहीं है क्योंकि हम डॉ. लोहिया, जेपी, गांधी, डा. आंबेडकर और कर्पूरी के लोग हैं।

-एजेंसी

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