कनाडा के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप झूठे निकले, दस्तावेजों ने खोली पोल

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कनाडा के सरकारी मीडिया CBC ने कनाडा की सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (CSIS) के दावे से कहा था कि भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने 2019 और 2021 में कनाडा के संघीय चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की। भारत इस दावे को पूरी तरह नकार चुका है। लेकिन अब कनाडा की उसके ही दस्तावेजों ने पोल खोल दी है। कनाडा के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों से जुड़ी आधिकारिक जांच में यह निष्कर्ष निकला है कि भारत ने कनाडा की राजनीति में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की।

जांच में पाया गया कि देश में 2021 के चुनावों की निगरानी करने वाले वरिष्ठ कनाडाई अधिकारियों के एक पैनल को भारत की ओर से राष्ट्रीय चुनावों को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास के बारे में नहीं सूचित किया गया था।

एक चुनाव अधिकारी ने जांच पैनल को बताया, ‘मुझे विश्वास नहीं है कि 2021 के चुनाव के दौरान हमने भारत सरकार की ओर से अभियान में ऐसे टूल्स के इस्तेमाल के सबूत देखे थे।’ हालांकि इसी गवाही के मुताबिक कनाडा की इंटेलिजेंस एजेंसी ने पाया कि चीन ने पिछले दो चुनावों में हस्तक्षेप किया था।

जांच के लिए आयोग गठित किया

कनाडा की सुरक्षा खुफिया सेवा की ओर से भारत पर आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद यह सच्चाई सामने आई है। 2019 और 2021 के जिन चुनावों की बात हो रही है उसमें पीएम जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को जीत हासिल हुई थी। जब से चीन की इस चुनाव में भूमिका की खबर आई है, तब से कनाडा में विपक्ष नाराज है। मीडिया रिपोर्ट्स से नाखुश विपक्षी विधायकों के दबाव में ट्रूडो ने विदेशी हस्तक्षेप की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है।

जस्टिन ट्रूडो भी देंगे गवाही

जस्टिन ट्रूडो बुधवार को पैनल के सामने गवाही देंगे। भारत ने पहले दावों का खंडन किया था और कहा था कि वह अन्य देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं करता।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने फरवरी में कहा, ‘हमने कनाडाई आयोग की जांच से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं। हम कनाडा के चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप के आधारहीन आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं।’ इन आरोपों से पहले ही भारत और कनाडा के बीच आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर तनाव है।

-एजेंसी

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