SEBI का आदेश, 12 करोड़ की अवैध कमाई वापस करें रवींद्र बालू भारती

Business

नई दिल्‍ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक फाइनेंस इन्फ्लुएंसर से 12 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध रूप से प्राप्त कमाई वापस करने को कहा है. सेबी का बाजार में बढ़ती धोखाधड़ी के बीच निवेशकों के हितों की रक्षा करने और बाजार की अखंडता को बनाए रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है. बता दें कि  बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों की शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने के लिए सोमवार को स्कोर्स का नया संस्करण 2.0 भी पेश किया था.

इस इन्फ्लुएंसर की पहचान रवींद्र बालू भारती के रूप में की गई है. रवींद्र बालू भारती को सेबी ने एक राष्ट्रीयकृत बैंक में ब्याज वाले एस्क्रो खाते में ₹ 12 करोड़ जमा करने का निर्देश दिया है. इस एस्क्रो खाते का निर्माण सेबी के अधिकार क्षेत्र के तहत धन को सुरक्षित करने का काम करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें नियामक निकाय की स्पष्ट अनुमति के बिना जारी नहीं किया जा सकता है.

रवीन्द्र बालू भारती रवीन्द्र, भारती एजुकेशन इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक हैं. आरबीईआईपीएल कंपनी की स्थापना उन्होंने 2016 में अपनी पत्नी शुभांगी भारती के साथ की थी. आरबीईआईपीएल कथित तौर पर “भारती शेयर मार्केट” नामक वेबसाइट के माध्यम से स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से संबंधित शैक्षिक गतिविधियों में शामिल है।

सेबी का अंतरिम आदेश केवल रवींद्र बालू भारती तक सीमित नहीं है. नियामक के आदेश में आरबीईआईपीएल और इकाई से जुड़े कई अन्य व्यक्ति शामिल हैं. विशेष रूप से सेबी ने उन्हें अगली सूचना तक निवेश सलाहकार सेवाएं प्रदान करने या प्रतिभूति व्यापार गतिविधियों में शामिल होने से रोक दिया है. सेबी की जांच में दुर्व्‍यवहार के एक पैटर्न का खुलासा हुआ, जिसमें निवेशकों को अत्यधिक रिटर्न के वादे के साथ गुमराह किया गया, जो 1000 प्रतिशत तक पहुंच गया.

सेबी के आदेश में कहा गया है, “हाल के दिनों में भारत के पूंजी बाजार में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, विशेष रूप से निवेशकों के विश्वास के आधार पर आम जनता की बढ़ती भागीदारी के कारण. निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करके पूंजी बाजार में इस विश्वास को काफी हद तक कायम रखा जा सकता है. स्‍पष्‍टीकरण और पारदर्शिता दो स्तंभ हैं, जिस पर बाजार की अखंडता निर्भर करती है.”

बता दें कि जिन निवेशकों ने इन सेवाओं को चुना, उन्हें एक कॉन्‍ट्रेक्‍ट करना पड़ा, जिसमें निवेश सलाह प्राप्त करने के लिए विशिष्ट नियमों और शर्तों की रूपरेखा दी गई थी. इस समझौते में सलाहकार सेवाओं तक पहुंचने से जुड़ी फीस, अनुमानित निवेश रिटर्न और उम्मीदों से अधिक रिटर्न मिलने पर साझा किए जाने वाले मुनाफे के प्रतिशत का विवरण दिया गया है.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने मंगलवार को कहा कि पूंजी बाजार का पूरा ढांचा भरोसे पर टिका है और यह पारदर्शी व्यवस्था से पैदा होता है. उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार नियामक सार्वजनिक शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिनिधि के रूप में काम करता है. इन शेयरधारकों की सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी 56 प्रतिशत है जबकि प्रवर्तकों के पास 44 प्रतिशत हिस्सा है.

बता दें कि बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों की शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने के लिए सोमवार को स्कोर्स का नया संस्करण 2.0 पेश किया. इससे नामित निकायों को शिकायतों की बेहतर ढंग से निगरानी करने में मदद मिलेगी. स्‍कोर्स एक ऑनलाइन प्रणाली है, जहां प्रतिभूति बाजार में निवेशक वेब यूआरएल और एक ऐप की मदद से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं.

– एजेंसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *