देश में शिक्षा अधूरी छोड़ देने वाले बच्चों की संख्या में कमी और उच्च शिक्षा में लड़कियों के नामांकरण में वृद्धि की ओर ध्यान दिलाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि सरकार परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंता से अवगत है और इसे रोकने के लिए एक कानून लायेगी
संसद के बजट सत्र की शुरुआत में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पंजीकरण में अनुसूचित जाति के छात्रों के पंजीकरण में लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के पंजीकरण में 65 प्रतिशत से अधिक और ओबीसी के छात्रों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मुर्मू ने कहा, ”मेरी सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। इसलिए ऐसे गलत तरीकों पर सख्ती के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।”
उन्होंने कहा, ”मेरी सरकार के प्रयासों से देश में पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई है। उच्च शिक्षा में लड़कियों का नामांकन बढ़ा है। अनुसूचित जाति के छात्रों के पंजीकरण में लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के नामांकन में 65 प्रतिशत से अधिक और ओबीसी के छात्रों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।”
उन्होंने कहा कि पक्के घर वाले परिवारों में बच्चों की शिक्षा में सुधार हुआ है और इसके परिणामस्वरूप स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की दर में गिरावट आई है।
उन्होंने कहा, ”मेरी सरकार भारत के युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास के लिए निरंतर नई पहल कर रही है। इसके लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई और उसे तेजी से लागू किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा और भारतीय भाषाओं में शिक्षा पर बल दिया गया है। इंजीनियरिंग, मेडिकल, कानून जैसे विषयों का शिक्षण भारतीय भाषाओं में शुरू किया गया है। ”
उन्होंने कहा कि स्कूली छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार 14,000 से ज्यादा ‘पीएम श्री विद्यालयों’ पर काम कर रही है। इनमें से 6,000 से अधिक स्कूलों ने काम करना शुरू कर दिया है।
-एजेंसी