आगरा। भारतीय शास्त्रीय संगीत की गौरवशाली परंपरा को सहेजने और नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से 61वां निनाद महोत्सव 20 एवं 21 दिसंबर 2025 को खंदारी स्थित जे. पी. सभागार में भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा।
यह द्वि-दिवसीय सांगीतिक उत्सव पं. रघुनाथ तलेगांवकर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केन्द्र, आगरा के संयुक्त तत्वावधान में होगा। आयोजन में प्राचीन कला केन्द्र तथा सामुदायिक रेडियो 90.4 – डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का सहयोग रहेगा।
फाउंडेशन ट्रस्ट की प्रबंध न्यासी/सचिव प्रतिभा केशव तलेगांवकर ने बताया कि महोत्सव में देश के छह विभिन्न प्रांतों से आए ख्यातिप्राप्त कलाकार शास्त्रीय संगीत की विविध विधाओं में अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। निनाद महोत्सव बीते छह दशकों से आगरा की सांगीतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित करता आ रहा है।
20 दिसंबर को महोत्सव का उद्घाटन प्रो. आशु रानी, कुलपति डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, द्वारा किया जाएगा। उद्घाटन सत्र में डॉ. विलिना पात्रा (पुणे) का शास्त्रीय गायन तथा पं. मोरमुकुट एवं मनोज कुमार (केडिया बंधु) की सितार–सरोद युगलबंदी श्रोताओं को सुर-लय की दुर्लभ संगति से रूबरू कराएगी।
21 दिसंबर की प्रातःकालीन सभा में डॉ. रामशंकर का शास्त्रीय गायन और अकबर हुसैन (जयपुर) का तबला वादन प्रस्तुत होगा। सायंकालीन सभा में पं. प्रवीण शेवलीकर (भोपाल) द्वारा वॉयलिन वादन तथा डॉ. समीरा कौसर (चंडीगढ़) की कथक प्रस्तुति संगीत और नृत्य की भावपूर्ण अभिव्यक्ति से दर्शकों को शास्त्रीय रस में डुबो देगी।
आयोजकों के अनुसार निनाद महोत्सव न केवल कलाकारों के लिए सशक्त मंच है, बल्कि युवा श्रोताओं और विद्यार्थियों के लिए भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराइयों को समझने का उत्कृष्ट अवसर भी प्रदान करता है। आगरा के संगीत प्रेमियों से इस सांस्कृतिक उत्सव में सहभागी बनने की अपील की गई है।
