नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आज मुख्य रूप से कोविड-19 के संकट पर चर्चा की। संयोग से आज ही केंद्र में मोदी के नेतृत्व को सात साल पूरे हो रहे हैं। ‘मन की बात’ के 77वें एपिसोड में पीएम मोदी ने देश के कोने-कोने में ऑक्सीजन पहुंचाने वाले ‘कोरोना वारियर्स’ से बातचीत की। इसमें ऑक्सीजन टैंकर ड्राइवर और ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लोको पायलट्स शामिल रहे। मोदी ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन से भी बात की और उसके बाद उनकी बेटी का हालचाल भी लिया। कोविड-19 की टेस्टिंग में लैब टेक्नीशियन से उनका अनुभव जाना और इसके बाद कृषि क्षेत्र की सफलताएं गिनाने लगे।
पुराने विवाद शांति से सुलझाए गए: पीएम
सरकार के 7 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “इन 7 सालों के अंदर भारत ने ‘डिजिटल लेन देन’ में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। आज किसी भी जगह जितनी आसानी से आप चुटकियों में डिजिटल पेमेंट कर देते हैं, वो कोरोना के इस समय में भी बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। आज स्वच्छता के प्रति देशवासियों की गंभीरता और सतर्कता बढ़ रही है। हम रेकॉर्ड सैटेलाइट भी प्रक्षेपित कर रहे हैं और रेकॉर्ड सड़कें भी बना रहे हैं। इन 7 वर्षों में ही देश के अनेक पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं। पूर्वोतर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है।”
अपनी सरकार के 7 साल पूरे होने पर क्या बोले मोदी?
बतौर प्रधानमंत्री सात साल पूरे करने पर पीएम ने कहा, “आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है। देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से हम सभी ने काम किया है।” मोदी ने उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, “जब हम ये देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, तो हम सबको गर्व होता है। जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है। जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती हैं, तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।”
कृषि क्षेत्र ने कोरोना के हमले से खुद को दूर रखा: पीएम
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के कृषि क्षेत्र के बचे रहने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि “हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा। कृषि-व्यवस्था ने ख़ुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा। सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी। क्या आपको पता है कि इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रेकॉर्ड उत्पादन किया है? किसानों ने रेकॉर्ड उत्पादन किया, तो इस बार देश ने रेकॉर्ड फसल खरीदी भी की है। इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को MSP से भी ज्यादा भाव मिला है।”
कोविड टेस्टिंग में लगे लैब टेक्नीशियन का अनुभव देश को सुनाया
पीएम मोदी ने कहा, “इस तरह की आपदा तो दुनिया पर सौ साल बाद आई है, एक शताब्दी के बाद इतना बड़ा संकट! इसलिए, इस तरह के काम का किसी के पास कोई भी अनुभव नहीं था। इसी से देश ने वो काम किया है जो पहले कभी नहीं हुआ। सामान्य दिनों में हमारे यहाँ एक दिन में 900 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता था जो अब 10 गुना तक बढ़ गया है।” इसके बाद पीएम मोदी ने दिल्ली के लैब टेक्नीशियन प्रकाश कांडपाल से बात की। कांडपाल कोविड-19 टेस्ट करने वाली लैब में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘इस संघर्ष के दौर को निजी तौर मैं राष्ट्र, मानवता के प्रति हमारे अधिक योगदान की अपेक्षा के रूप में देखता हूं।” कांडपाल ने कहा कि परिवार जब चिंता करता है तो वे उन्हें सीमा पर तैनात जवानों की याद दिलाते हैं।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस, विदेशों से सप्लाई पर भी बात
पीएम मोदी ने ऑक्सिजन सप्लाई में भारतीय रेलवे के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए सड़क पर चलने वाले टैंकर से ज्यदाा ऑक्सीजन तेजी से, कहीं ज्यादा मात्रा में देश के कोने-कोने तक पहुंचाई गई है। इसके बाद उन्होंने एक ऑक्सिजन एक्सप्रेस जिसे पूरी तरह महिलाएं चला रहीं हैं, उसकी लोको पायलट शिरिषा गजनी से बात की। फिर पीएम मोदी ने सेना, नौसेना और वायुसेना के योगदान के बारे में भी बताया। हिंडन एयरबेस पर तैनात ग्रुप कैप्टन पटनायक जी से बात की। पीएम मोदी ने ग्रुप कैप्टन की बेटी अदिति से भी बात की। अदिति ने कहा कि उनके पापा जो कुछ भी कर रहे हैं, उसपर उसे बहुत गर्व होता है।
ऑक्सीजन संकट का जिक्र कर क्या बोले पीएम?
पीएम मोदी ने कहा कि “कई लोग ऐसे भी हैं, जिनकी कोरोना की सेकेंड वेव से लड़ने में बहुत बड़ी भूमिका रही है। साथियो, जब सेकेंड वेव आई तो अचानक से ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई तो बहुत बड़ा चैलेंज था। मेडिकल ऑक्सीजन को देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। ऑक्सीजन टैंकर ज़्यादा तेज़ चले। छोटी-सी भी भूल हो, तो उसमें बहुत बड़े विस्फोट का ख़तरा होता है।” इसके बाद प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन टैंकर के ड्राइवर दिनेश बाबूलनाथ उपाध्याय का अनुभव साझा किया। मोदी ने दिनेश से बात करके जाना कि क्या चुनौतियां आती हैं और वे उनसे कैसे निपटते हैं।
देश मजबूती से लड़ रहा है: पीएम
पीएम मोदी ने कोविड-19 महामारी का जिक्र किया। उसके बाद उन्होंने साइक्लोन ताउते और यास, छोटे-मोटे भूकंपों का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे कई राज्य प्रभावित हुए। मोदी ने कहा कि देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी। मोदी ने राहत और बचाव कार्यों में हिस्सा लेने वालों लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने इन आपदाओं में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवदेना प्रकट की।
पिछले महीने पीएम मोदी ने क्या कहा था?
25 अप्रैल को ‘मन की बात’ 76वें एपिसोड में पीएम मोदी ने लोगों को कोविड-19 को लेकर सावधानी बरतने और वैक्सीनेशन की सलाह दी थी। मोदी ने कहा था कि “कोरोना हम सभी के धैर्य, हम सभी के दुख को बर्दाश्त करने की सीमा की परीक्षा ले रहा है। बहुत से अपने हमें असमय छोड़कर चले गए। कोरोना की पहली वेव का सफलता पूर्वक मुकाबला करने के बाद देश हौसले से भरा हुआ था, आत्मविश्वास से भरा हुआ था। लेकिन इस तूफान ने देश को झकझोर दिया है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि भारत सरकार की तरफ से मुफ्त वैक्सीन का जो कार्यक्रम अभी चल रहा है, वो आगे भी चलता रहेगा। पीएम ने कहा था कि ‘मेरा राज्यों से भी आग्रह है कि वो भारत सरकार के इस मुफ्त वैक्सीन अभियान का लाभ अपने राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए। जैसे आज हमारे मेडिकल फील्ड के लोग, फ्रंटलाइन वर्कर्स दिन-रात सेवा कार्यों में लगे हैं। वैसे ही समाज के अन्य लोग भी इस समय पीछे नहीं हैं।’
-एजेंसियां