29 Apr, 2018
जोश , जज्बा और उत्साह से लबरेज रहे कॉमनवेल्थ गेम्स
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 4 से 15 अप्रैल 2018 तक ऑस्ट्रेलिया में आयोजित 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत सहित दुनिया के 71 देशों ने इसमें हिस्सा लिया। जिनमें हमारे देश के खिलाडियों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 26 गोल्ड, 20 सिल्वर, 20 ब्रांज, कुल 66 पदक जीते। उन्होंने कहा कि जब पदक के साथ भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए एथलीट वहाँ पदक के साथ खड़े होते हैं, तिरंगा झंडा लपेटे होते हैं, राष्ट्रगान की धुन बजती है और वो जो भाव होता है, वह संतोष और खुशी का, गौरव का, मान-सम्मान का होता है। इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स इसलिए भी विशेष थे कि अधिकतर मेडलिस्ट महिला एथलीट थीं। बैडमिंटन में तो फाइनल मुकाबला भारत की ही दो खिलाड़ियों साइना नेहवाल और पी.वी. सिन्धु के बीच हुआ था। मैं उन खिलाड़ियों के साथ-साथ उन सबको भी ढ़ेरों बधाइयाँ देता हूँ, शुभकामनाएँ देता हूँ।
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गरीब बच्चों की शिक्षा का अभियान
श्री मोदी जी ने कहा कि दिल्ली के कुछ युवा ग़रीब बच्चों की पढ़ाई में नि:स्वार्थ भाव से जुटे हुए हैं। इन नौज़वानों के समूह ने दिल्ली में स्ट्रीट चाइल्ड और झुग्गियों में रहने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है। सड़कों पर भीख माँगते बच्चों की हालत ने उन्हें ऐसा झक़झोरा कि वो इस रचनात्मक कार्य में जुट गए। दिल्ली की गीता कालोनी के पास की झुग्गियों में 15 बच्चों से प्रारंभ हुआ ये अभियान आज राजधानी के 12 स्थानों पर 2 हज़ार बच्चों से जुड़ चुका है। युवा, शिक्षक अपनी व्यस्त दिनचर्या में से 2 घंटे का समय निकालकर सामाजिक बदलाव के इस प्रयास में जुटे हुए हैं।
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त्याग की शक्ति दिखाई थी महात्मा बुद्ध ने
श्री मोदी ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा प्रत्येक भारतीय के लिए विशेष दिवस है। भारत करुणा, सेवा और त्याग की शक्ति दिखाने वाले महामानव भगवान बुद्ध की धरती है, जिन्होंने विश्वभर में लाखों लोगों का मार्गदर्शन किया। भगवान बुद्ध, समानता, शांति, सद्भाव और भाईचारे की प्रेरणा शक्ति का नाम है।उन्होंने कहा कि समूचे एशिया में भगवान बुद्ध की शिक्षा हमें विरासत में मिली हैं। चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कम्बोडिया, म्यांमार आदि अनेक एशियाई देशों में बुद्ध की परंपरा, बुद्ध की शिक्षा जड़ों में जुड़ी हुई हैं। यही कारण है कि हम बुद्धिज्म टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। भारत सरकार कई बौद्ध मंदिरों के पुनरुद्धार कार्यों में भागीदार है।11 मई, 1998 को राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था। उसे 20 वर्ष हो रहे हैं। ये परीक्षण भगवान बुद्ध के आशीर्वाद के साथ बुद्ध पूर्णिमा के दिन किया गया था।
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अटल जी ने दिया था एक मंत्र-जय विज्ञान
प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने मंत्र दिया था — जय-जवान जय-किसान, जय-विज्ञान। आज जब हम 11 मई, 1998 को उसका 20वाँ वर्ष मनाने जा रहे हैं, तब भारत की शक्ति के लिए अटल जी ने जो जय-विज्ञान का हमें मंत्र दिया है, उसे आत्मसात करते हुए आधुनिक, शक्तिशाली और समर्थ भारत बनाने के लिए हर युवा योगदान देने का संकल्प लेना चाहिए।