सरकारी स्कूलों में किताबों के प्रकरण में बेसिक शिक्षा अधिकारी पर कार्यवाही क्यों नहीं, किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने आंदोलन की चेतावनी दी

Press Release उत्तर प्रदेश

आगरा,  18 जुलाई। सरकारी स्कूलों में किताबों के प्रकरण में बीईओ पर निलंबन की गाज गिर गयी लेकिन बीएसए को निलंबित क्यों नहीं किया गया । इस मामले को लेकर किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने आंदोलन की चेतावनी दी है।  उन्होंने कहा है कि वे इस मामले में मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र भेज कर अवगत कराएंगे।

किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने  कहा है कि समायोजन से लेकर निलंबन, बहाली और किताब वितरण में धांधली पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का काला चिठ्ठा उजागर हुए विभिन्न गंभीर प्रकरणों को लेकर उन्होंने बीएसए की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उनके खिलाफ जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने आरोप लगाया  कि बेसिक शिक्षा विभाग, केंद्र एवं प्रदेश सरकार के संयुक्त सहयोग से बच्चों को बुनियादी शिक्षा मुहैया कराता है। बच्चे पढ़ाई के साथ ही अन्य गतिविधियों में पारंगत बनें, इसके लिए दोनों ही सरकार मिलकर भारी भरकम धनराशि आवंटित करती हैं। आगरा में सरकार के इन प्रयासों एवं कार्यों पर विभागीय अधिकारी ही मिलकर पलीता लगाने में तुले हैं। हाल ही में समायोजन के नाम पर जो भी हुआ, इसने विभाग की व्यवस्था को तार तार करके रख दिया है। जैतपुर, बाह पिनाहट के विद्यालय लगभग शिक्षक विहीन हो गए हैं। समायोजन की आड़ में कथित रूप से अपनी सेटिंग के बलबूते उनको ट्रांसफर का लाभ प्रदान कर दिया गया। ठीक ऐसा ही पिछले दो से तीन महीनों के अंदर निलंबन और बहाली के खेल में हुआ है। साठ गांठ और धनराशि बल पर शिक्षकों को पहले निलंबित किया गया, इसके बाद उनको मनचाही तैनाती दी गई। जो शिक्षक नॉन एचआरए विद्यालय में तैनात था, उसको एचआरए विद्यालय मिल गया। यह प्रक्रिया आगरा से लखनऊ तक पूरी प्लानिंग के साथ की गई। श्री चाहर ने  बीएसए पर भ्रष्टाचार के खुलकर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस दिन से जितेंद्र कुमार गोंड ने आगरा में कार्यभार संभाला, उस दिन से ही विभाग का बेड़ा गर्क हो गया । अपने निजी लाभ की खातिर मलाईदार पटलों पर चहेते बाबुओं को तैनात किया गया।
समाज सेवी सुरेंद सिंह ने बीएसए की भूमिका पर खुलकर आरोप लगाते हुए कहा है कि अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र के बाद भी जुलाई माह तक किताबें स्कूल में नहीं पहुंची तो इसकी जिम्मेदारी किसकी थी। शासन से किताबों के परिवहन हेतु मोटी धनराशि मिलती है, यह धनराशि कहां गई, इसकी एडीएम स्तर से कड़ी जांच होनी चाहिए।
आलू विकास समिति के पर्व जिला अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण बघेल ने आरोप लगाते कहा, सैंया में छुट्टी के दिन भी किताबों को वितरण के लिए अवैध रूप से डंप करने का मामला प्रकाश में आया तो अपनी गर्दन बचाने के लिए बीईओ को निलंबित करवा दिया गया।किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने बीएसए सहित मुख्यालय पर अनियमितताओं को अंजाम दे रहे बाबुओं के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यालय पर ऐसे बाबू अवैध रूप से तैनात हैं, जिन पर गंभीर आरोप लग चुके हैं। इसके बावजूद आज तक उन पर कार्रवाई नहीं हुई है भ्रष्टाचार के खेल को बीएसए खुलकर संरक्षण दे रहे हैं।

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