पशुपालक भाइयों से अपील , सर्वेयर तथा पशुगणना कर्मियों द्वारा पूछी गई जानकारी सही सही दर्ज कराएं
आगरा.24.02.2025.आज वार्ड 26 में 21 वीं पशुधन गणना का शुभारंभ केन्द्रीय राज्य मंत्री पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास, भारत सरकार प्रो० एस०पी० सिंह बघेल के शाहगंज स्थित आवास से शुभारंभ किया गया। जिसमें पशु गणनाकार तथा केंद्र सरकार के राज्य पर्यवेक्षक व डा.मुकेश कुमार शर्मा शर्मा,अपर निदेशक, सांख्यिकीय,पशुधन भारत सरकार नई दिल्ली, डा, डी.पी सिंह, अपर निदेशक ग्रेड-2, पशुपालन विभाग आगरा मण्डल आगरा, डा. डी के पाण्डेय मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आगरा, डा विपिन कुमार, जपनद पशुगणना नोडल एवं सोफ्टवेयर टीम के सदस्यों द्वारा पशुधन गणना संबंधी प्रक्रिया पूरी की गई।
तत्पश्चात उन्होंने नवीन सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि पशुगणना सरल बनाये जाने के लिए जनपद आगरा में पशु गणना को तहसीलवार विभाजित किया है पशुगणना में 270 गणनाकार, 52 सुपरवाईजर 10 गणनाकारों को आरक्षित किया गया है, 1264 गाव एवं वार्ड में पशुगणना की जा रही है,21 वीं पशुधन गणना प्रक्रिया में इस बार कुछ बदलाव किए गए हैं इसमें पशुओं की कुल 16 प्रकार की प्रजातियों यथा गाय,भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सूअर,घोड़े, खच्चर, गधे, ऊंट, हाथी खरगोश मुर्गी, बतख अन्य कुक्कुट पक्षी आदि को शामिल किया गया है। डाटा संग्रह मोबाइल ऐप के माध्यम से वास्तविक समय में डेटा प्रविष्टि, मानवीय त्रुटियां कम होंगी तथा पारदर्शिता बढ़ेगी। पहली बार घुमंतू समुदायों के पशुधन की व महिलाओं की भूमिका अलग से दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। महिलाओं के योगदान की पहचान, पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण आदि के दृष्टिगत भी डेटा संग्रहण की व्यवस्था शामिल की गई है।
मा. केंद्रीय मंत्री महोदय ने सभी किसान एवं पशुपालक भाइयों से अपील करते हुए कहा कि सर्वेयर तथा पशुगणना कर्मियों द्वारा पूछी गई जानकारी सही सही दर्ज कराएं जब सही संख्या तथा आंकड़े सरकार के पास होंगे तो वह उनका उपयोग बजट की मांग, सटीक टीकारण में सुगमता, अस्पतालों, डॉक्टरों की उपलब्धता, चारा,बीज रोग नियंत्रण आदि हेतु योजना बनाकर किसान व पशुपालक भाइयों के विकास एवं लोक कल्याण तेजी आएगी,पशुगणना से देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहयोग मिलेगा।
श्री बघेल ने बताया कि भारत में पशुधन गणना का एक समृद्ध इतिहास है, जिसकी शुरुआत 1919 में हुई थी। हर पांच साल में आयोजित की जाती है,पशुधन न केवल भारत की कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा, आजीविका और महिलाओं के सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2019 में संपन्न 20वीं पशुधन गणना के अनुसार, भारत में कुल पशुधन की संख्या 535. 78 मिलियन थी, जिसमें 192.49 मिलियन गायें और 109.85 मिलियन भैंसें शामिल थीं। बकरी की संख्या 148.88 मिलियन और भेड़ों की संख्या 74.26 मिलियन दर्ज की गई थी।वर्तमान में, भारत में 21 वीं पशुधन गणना चल रही है, जो अक्टूबर 2024 में शुरू हुई थी। यह अब तक की सबसे व्यापक और विस्तृत गणना है, जिसमें 88,000 गणनाकार और 15,000 पर्यवेक्षक देशभर के 7.61 लाख गाँवों और शहरी वार्डों में पशुधन गणना कर रहे हैं।उत्तर प्रदेश में ही यह संख्या क्रमशः 10,469 और 1,469 है। अब तक कुल गाँवों और शहरी वार्डों में से लगभग 27% में डेटा संग्रह पूरा हो चुका है, जबकि 46% स्थानों पर कार्य प्रगति पर है। यह प्रक्रिया मार्च 2025 तक पूरी होने की संभावना है। इसलिए, मैं सभी पशुपालकों से अपील करता हूँ कि वे अपने पशुधन की सही जानकारी प्रदान करें और डेटा संग्रहकर्ता इस कार्य को पूरी ईमानदारी से संपन्न करें ।
इस अवसर पर डा.मुकेश कुमार शर्मा शर्मा,अपर निदेशक, सांख्यिकीय,पशुधन भारत सरकार नई दिल्ली, डा, डी.पी सिंह, अपर निदेशक ग्रेड-2, पशुपालन विभाग आगरा मण्डल आगरा, डा. डी के पाण्डेय मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आगरा, डा विपिन कुमार, जपनद पशुगणना नोडल सहित संबंधित विभाग के अधिकारीगण शामिल रहे।