महाकुंभ से अर्जित धन को दान करने की परंपराः अखिलेश यादव

Politics उत्तर प्रदेश

लखनऊ, 27 फरवरी।  उप्र सरकार का दावा है कि महाकुंभ से उप्र की अर्थव्यवस्था में कई लाख करोड़ की कमाई हुई है। इस बात को सच मानते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि वो पुरातन परंपरा का निर्वहन करते हुए इस धन का कल्याणकारी सदुपयोग करें। क्योंकि परंपरा कुंभ से धन कमाने की नहीं बल्कि अर्जित धन को दान करने की रही है।
इसी पुरातन परंपरा का निर्वहन करते हुए माननीय से आग्रह है कि: – ⁠इस अर्जित धन में से ही मृतकों के परिजनों को क्षतिपूर्ति और घायलों के उत्तम उपचार के लिए धन का प्रबंध किया जाए।
– इसमें से कुछ पैसा जो हज़ारों लोग लापता हैं, उनको खोजने और घर पहुँचा⁠ने के लिए बचाकर रख लेना चाहिए। – ⁠इस अकूत कमाई में से ही उन दुकानदारों के घाटे की पूर्ति की जाए, जिन्होंने उप्र सरकार की बदइंतज़ामी की वजह से मेले में दुकान लगाकर घाटा उठाया है।  ⁠इसमें से कुछ रक़म समस्त मेलाकर्मियों को होली के बोनस के रूप में देने की घोषणा करनी चाहिए।
महादानी सम्राट हर्षवर्धन से प्रेरणा लेते हुए अधिकांश धन प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दान कर देना चाहिए।  ⁠लाखों-करोड़ों की इस राशि में से कुछ पैसा ‘सत्य बोलने की प्रेरणा’ देनेवाले और ‘नैतिकता’ सिखानेवाले किसी ‘आत्म सुधार’ के सत्यनिष्ठ संस्थान के निर्माण के लिए देना चाहिए। और इन सबके बाद भी अगर कुछ धन बच जाए तो उन मीडियाकर्मियों और कैमरामैनों को दे दिया जाए जिन्होंने आपके कहने पर कैमरा वहाँ नहीं लगाया जहाँ महाकुंभ के गोरखधंधे के सच का भंडाफोड़ करती हुई सच्ची तस्वीरें थीं।

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