कोरोना के पहले विदेशी ट्यूरिस्ट हर साल भारत आता था, जो अब घटकर 70-80 लाख तक रह गया
ताजमहल देखने के बाद फुर्र हो जाते हैं अधिकांश पर्यटक, किला और फतेहपुरसीकरी देखने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत कम
आगरा में पुरातत्व विभाग के 70 मोनूमेंट में से केवल आठ पर लगता है टिकट, कई ऐतिहासिक स्मारक तो स्थायी रूप से किये गये बंद
एल एस बघेल, आगरा, 19 नवंबर। ताजनगरी में ट्यूरिस्टों को ठहरने में कोई खास रुचि अब नहीं रह गयी है। सौ में से 70 फीसदी तो डे रिटर्न रहते हैं और बाकी के 30 फीसदी ट्यूरिस्ट ऐतिहासिक इमारतों के कारण नहीं बल्कि शादी या कांफ्रेंस के चलते आगरा शहर के विभिन्न होटलों में ठहरते हैं। इसके कारण होटल उद्यिमयों की परेशानी स्वाभाविक है। ये कहना है नार्दन इंडिया होटल रेस्टोरेंट प्रबंध समिति के सदस्य एवं उत्तर प्रदेश होटल एसोसिएशन के सचिव अरुण डंग का।
बुधवार को अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि यूरोपीय पर्यटक तो अभी भी भारत कम ही आ रहा है। कोरोना के पहले यानी कि वर्ष 2019 में लगभग 1.25 करोड़ विदेशी पर्यटक भारत आये थे। जिनकी संख्या अब वर्ष 2024-25 में घटकर 70 से 80 लाख रह गयी है। इसका कारण एक तो कोरोना था ही, जिसके कारण लोगों की आमदनी घटी है। इसके अलावा असुरक्षा की भावना लोगों के दिमाग में घर कर गयी है। जिसके चलते घूमने का विचार घटता जा रहा है। वर्ष 2019 में लगभग 9 लाख विदेशी पर्टकों ने ताजमहल देखा था और 70-80 लाख भारतीयों ने ताजमहल देखा है। अब वर्ष 2024-25 में विदेशी पर्यकों की संख्या सवा करोड़ से घटकर 70-80 लाख तक रह गयी है। इनमें से भी लगभग दस प्रतिशत यानी कि सात लाख विदेशियों ने ताजमहल देखा है। आगरा फोर्ट तक पहुंचते-पहुंचते इनकी संख्या घटकर 1.41 लाख ही रह गयी है। जबकि फतेहपुरसीकरी जाते-जाते इनकी संख्या केवल 91 हजार रह गयी। सिकंदरा तक लगभग 25,600 विदेशी पहुंचे। एत्मादुद्दौला और मेहताबबाग तक पहुंचते-पहुंचते इनकी संख्या और भी कम हो गयी।
आगरा में पुरातत्व विभाग के 70 स्मारक, जिनमें कई स्थायी रूप से बंद किये गये
आगरा जनपद में पुरातत्व विभाग के लगभग 70 स्मारक हैं। जिनमें कई तो स्थायी रूप से बंद कर दिये गये हैं। टिकट वाले स्मारकों में ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुरसीकरी के अलावा एत्मादुद्दौला, अकबर टांब, मरियम टांब, मेहताब बाग, रामबाग हैं। इनके अलावा चीनी का रोजा, शाही जामा मस्जिद, जहांगीर पैलेस, ढाकरी का महल आदि हैं, जिन पर टिकट नहीं है। कागारौल का बारहखंभा आदि स्मारक तो बंद ही हो गये हैं।
टांब का शुल्क दो सौ रुपये सभी के लिये
ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की टांब को देखने का शुल्क दो सौ रुपये सभी पर्यटकों के लिये है। इसमें किसी ट्यूरिस्ट को कोई छूट नहीं है। ताजमहल का देशी पर्यटकों के लिये 50 रुपये, विदेशियों के लिये 1100 रुपये और सार्क देशों के ट्यूरिस्टों के लिये 540 रुपये टिकट है। किले पर भारतीय की 50, विदेशी की 650 रुपये है।15 साल तक के बच्चों का प्रवेश निशुल्कहै।
विदेशी ट्यूरिस्टों के आगरा स्टे के सरकार के प्रयास नाकाफी
श्री डंग ने बताया कि विदेशी ट्यूरिस्टों को आगरा में स्टे कराने के सरकार के प्रयास तो काफी चल रहे हैं लेकिन ये सब नाकाफी हैं। आगरा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर काम चल रहा है।जिसके कारण विदेशी उड़ानें यहां आने लगेंगी तो कुछ स्टे आगरा में बढ़ेगा।
