आगरा.03.06.202।.उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) के सीईओ मयूर महेश्वरी की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें 1058 एकड़ में फैले इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) आगरा परियोजना की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। IMC आगरा परियोजना का उद्देश्य एक एकीकृत मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करना है, जो आगरा को एक अत्याधुनिक निवेश गंतव्य में बदलने और क्षेत्र के औद्योगिक बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में मार्गदर्शन करेगा। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सरकारी विभागों के प्रतिनिधि और UPSIDA के ACEO श्री चर्चित गौर, ADA के उपाध्यक्ष श्रीमती अनीता यादव, अपर आयुक्त श्री राजेश यादव , पीजीएम यूपीसीडा श्री राजीव त्यागी और आगरा विकास प्राधिकरण (ADA), यूपी जल निगम, यूपी पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPTCL), DFO आगरा, यूपी सिंचाई विभाग, यूपी ब्रिज कॉर्पोरेशन जैसे सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल हुए, जिससे आगरा को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए एक मजबूत सहयोगात्मक प्रयास पर बल दिया गया।
UPSIDA, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम लिमिटेड (NICDC) के साथ साझेदारी कर रहा है, जो भारत सरकार के उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय की नोडल एजेंसी है, ताकि IMC आगरा परियोजना को लागू किया जा सके। बैठक के दौरान कई प्रमुख प्रतिबद्धताओं और पहलों को उजागर किया गया। UPSIDA के सीईओ श्री मयूर महेश्वरी ने ADA को निर्देश दिया कि वे मुक़दमों के मामलों को हल करें और ऐसी भूमि पार्सल को जल्द से जल्द UPSIDA को हस्तांतरित करें। उन्होंने जिला प्रशासन को शेष ग्राम सभा भूमि पार्सल को UPSIDA को हस्तांतरित करने का भी निर्देश दिया। यूपी स्टेट ब्रिज कॉर्पोरेशन को आंतरिक रिंग रोड से IMC आगरा परियोजना क्षेत्र तक कनेक्टिविटी की खोज करने के निर्देश दिए गए ताकि दृश्यता और पहुंच में वृद्धि हो सके। UPPCL को परियोजना क्षेत्र के लिए MRSS सबस्टेशन और पावर ट्रांसमिशन लाइन के विकास को तेज करने और 132KV हाई टेंशन लाइन को मोनोपोल में बदलने के निर्देश दिए गए। यूपी जल निगम को नमूना परीक्षण और चरणबद्ध रैनी कुएं के निर्माण को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए। DFO आगरा को परियोजना क्षेत्र के भीतर पेड़ों की संख्या को चरणबद्ध तरीके से कम करने और पेड़ों को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए। परियोजना सलाहकार को परियोजना की लागत को युक्तिसंगत बनाने और परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता की पुन: समीक्षा करने के लिए कहा गया है।
सीईओ श्री मयूर महेश्वरी ने परियोजना की शीघ्रता से पूरा होने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह समन्वित प्रयास इस प्रतिष्ठित केंद्रीय और राज्य परियोजना को निर्धारित समय सीमा के भीतर सफलतापूर्वक संपन्न करने का उद्देश्य रखता है, जिससे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक उत्कृष्टता को बढ़ावा मिलेगा।