31 दिसम्बर तक गोवंश सड़को, खेतों व गलियों में दिखने न पायें-मंत्री धर्मपाल सिंह, जनपद में स्थाई व अस्थाई गौशालाओं में भूसे, चारे, पानी, प्रकाश एवं ठण्ड से बचाव का प्रबन्ध करने के निर्देश दिए

उत्तर प्रदेश स्थानीय समाचार

गोवंश सड़कों पर, किसान के खेतो में, गलियों में दिखाई न दे, इसके लिये 01 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक चलाया जा रहा है एक वृहद अभियान

आगरा.20 नवंबर।आज मंत्री पशुधन एवं दुग्ध विकास, अल्प संख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, राजनैतिक पेंशन तथा नगरिक सुरक्षा विभाग, उ०प्र० श्री धर्मपाल सिंह जी ने सर्किट हाउस में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ निराश्रित गोवंश की प्रगति समीक्षा बैठक की। बैठक में मा0 मंत्री जी ने बताया कि गोवंश सड़कों पर, किसान के खेतो में, गलियों में दिखाई न दे, इसके लिये 01 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक एक वृहद अभियान चलाया जा रहा है, यदि गोवंश सड़कों पर, खेतो में, गलियों में दिखाई देगा तो उसको पकड़कर कांजी हाउस भेजा जायेगा। उन्होंने बताया कि जनपद में ईयर टैगिंग करा दिया गया है, यदि कोई ईयर टैग निकाल देता है तो कादी हाउस से ही ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी व लेखपाल सूचना देने का काम करेंगे, यदि गोवंश द्वारा जितना भी नुकसान हुआ होगा, पशु मालिक से उसकी भरपाई की जायेगी और कांजी हाउस का भी खर्चा वसूला जायेगा, आवश्यकता पड़ने पर पशुक्रूरता अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मा0 मंत्री जी ने जनपद में स्थाई व अस्थाई गौशालाओं में भूसे, चारे, पानी, प्रकाश एवं ठण्ड से बचाव का प्रबन्ध करने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि जनपद में लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम हेतु 242000 गोवंशों का टीकाकरण कराया गया, जिसके फलस्वरूप जनपद आगरा में इस बीमारी से कोई भी गोवंश संक्रमित नही पाया गया। सैक्सड़ सीमेन द्वारा कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य 13750 निर्धारित किया गया है, जिसमें शासन द्वारा रू0 100 लेवी निर्धारित लेवी की गयी है। अभी तक 6172 गौवंशों में सैक्सेड सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत 25 दुधारू गायों की 05 यूनिट को स्थापित करने का लक्ष्य है। योजना की कुल लागत 61 से 62.50 लाख है, जिसमें पशुपालको को 50 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। जिसके सापेक्ष जनपद को प्राप्त 20 आवेदनों में से 18 आवेदन उपयुक्त पायें गये। उपयुक्त आवेदन पत्रों की सूची निदेशालय भेजी जा चुकी है लाभार्थियों का चयन ई लाटरी के माध्यम से निदेशालय लखनऊ से किया जायेगा। बैठक में बताया गया कि मा0 मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के तहत स्वदेशी नस्ल की गायें का दुध 08-12 कि0ग्रा0 है, उनको 10,000 रूपये तथा जिनका दुध 12 कि0ग्रा0 अधिक है, उनको 15,000 रूपयें की धनराशि प्रोत्साहन के रूप में राज्य सरकार द्वारा दी जायेगी। जनपद का माह अक्टूबर, 2023 तक लक्ष्य 27 था जिसके सापेक्ष 62 आवेदन प्राप्त हुये है। चयन की कार्यवाही प्रकियाधीन है। मा0 मुख्यमंत्री जी स्वदेशी गो सवंर्धन योजना के अंतर्गत स्वदेशी नस्ल की 02 गायें की 01 इकाई की स्थापना की जानी है जिसके अंतर्गत प्रति गाय 40,000 रूपयें यथा अधिकतम् 02 गायों को 80,000 रूपयें राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में प्रदान किया जायेगा। जनपद का माह अक्टूबर, 2023 तक का लक्ष्य 56 था, जिसके सापेक्ष 167 आवेदन प्राप्त हुये है। चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बैठक में बताया गया कि पशुपालकों को 02 पशुओं हेतु के०सी०सी० ऋण की सुविधा बैंक द्वारा उपलब्ध करायी जाती है, जिसमें प्रति पशु रू0 25,000 की सहायता धनराशि दी जाती है। जनपद का लक्ष्य 27332 के सापेक्ष 18148 फार्म बैंकों को प्रेषित किये जा चुके है। अभी तक 4516 पशुपालकों को के०सी०सी० कार्ड बैंक द्वारा निर्गत किये जा चुके है।
बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि मा0 मुख्यमंत्री जी सहभागिता योजना के तहत् इच्छुक पशुपालकों को गों आश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित गौवंश को सुपुर्द किया जाता है। एक लाभार्थी को अधिकतम् 04 गौवंश सुपुर्द किये जा सकते है। योजना अनुसार सुपुर्द गौवंश को रू0 50 प्रति पशु प्रतिदिन की दर से भरण-पोषण की धनराशि लाभार्थी के खाते में माह सितम्बर, 2023 तक की दी जा चुकी है। 1848 निराश्रित गौवंश के सुपुर्द किये जाने का लक्ष्य है जिसको शतप्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिये जनपद का लक्ष्य 16916 निर्धारित है, जिसके सापेक्ष 62 अस्थाई/स्थाई/वृहद्ध/कांजी हाउस में 19029 निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया जा चुका है। बैठक में बताया गया कि जनपद में 04 वृहद् गो संरक्षण केन्द्र क्रियाशील हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में 08 नयें वृहद् गो संरक्षण केन्द्रों को शासन द्वारा नामित कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निर्मित किया जा रहा है। जिनका निर्माण 31 मार्च, 2024 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।

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