खुले में कचरा फेंकने पर लगेगा जुर्माना, होटल-उद्योगों पर होगी कड़ी कार्रवाई

Press Release उत्तर प्रदेश

बल्क वेस्ट कचरा उत्पादकों को करना होगा गीले सूखे कचरे का पृथक निस्तारण
 नियमों के उल्लंघन पर उद्योगों पर जुर्माना, होटल्स की रेटिंग और ट्रेड लाइसेंस भी हो सकता है निरस्त
75 संस्थानों ने किया अनुबंध, बाकी को भी जल्द लाया जाएगा दायरे में

आगरा। स्वच्छता में टॉप रैंकिंग के लक्ष्य के साथ आगरा नगर निगम ने कचरा प्रबंधन के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। नगर निगम द्वारा साफ संकेत दिए गए हैं कि अब रोजाना बल्क वेस्ट कचरा उत्पन्न करने वाले उद्योगों, अस्पतालों, होटल्स, रेस्टोरेंट्स और मेरिज होम्स आदि को कचरे का पृथक्करण कर ही देना होगा। नियमावली का पालन सुनिश्चित कराने के लिए सभी थोक कचरा उत्पादकों को नोटिस भी जारी किए जाएंगे।
इस दिशा में नगर निगम ने एन डब्ल्यू एम एस नामक निजी कंपनी के साथ अनुबंध किया हुआ है, जो कचरा निस्तारण की प्रक्रिया को संचालित कर रही है। टेढ़ी बगिया में 210 टन क्षमता का एम आर एफ (मेटेरियल रिकवरी फेसेलिटी) प्लांट और धांधूपुरा में 4 टन क्षमता का वेस्ट टू कंपोस्ट प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से कचरे का आधुनिक ढंग से निस्तारण किया जा रहा है।
सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने जानकारी दी कि इस प्रक्रिया में नगर निगम द्वारा कंपनी को कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है। कंपनी द्वारा थोक कचरा उत्पादकों से लिए जाने वाले शुल्क से ही इन प्लांट्स का संचालन किया जा रहा है। अब तक 75 थोक कचरा उत्पादकों ने अनुबंध कर लिया है जबकि लगभग 100 संस्थाएं शेष हैं, उन्हें भी नगर निगम द्वारा अधिकृत कंपनी के साथ अनुबंध सुनिश्चित करना होगा।

—–उल्लंघन पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई—-

नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खुले में या सार्वजनिक स्थलों पर कचरा फेंकने वालों पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 और उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट ( प्रबंधन, संचालन एवं सत्ता) नियमावली 2021 के तहत 1000 रुपए प्रति सप्ताह जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा नियमों का पालन न करने वाले होटल्स और रेस्टोरेंट्स की ट्रेड लाइसेंस और स्टार रेटिंग निरस्त कराने के लिए कार्रवाई की जाएगी। जुर्माना न देने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। सहायक नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि थोक कचरा उत्पादक केवल नगर निगम या उसके द्वारा अधिकृत कंपनी के प्रतिनिधियों को ही कचरा निस्तारण के लिए देंगे। यदि किसी के द्वारा निजी वेंडर को कचरा निस्तारण के लिए दिया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

—– इन्हें बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में रखा गया है —–

नियमावली के अनुसार प्रतिदिन सौ किलोग्राम से अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले तीन और उससे उच्च स्टार श्रेणी वाले होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय के अलावा समारोह के दौरान 100 किलो तक प्रतिदिन कचरा उत्पन्न करने वाले मैरीज होम, व्यापार मेले, प्रीति भोज स्थल, सामुदायिक हाल और क्लब , 50 किलोग्राम से अधिक प्रतिदिन कचरा उत्पन्न करने वाली वध शालाएं चिकिन ,मछली और मटन की दुकान, 20 बैड से अधिक वाले चिकित्सालय और प्रतिदिन 100 किलो तक कचरा उत्सर्जन करने वाली स्वास्थ्य देखभाल करने वाली संस्थाएं, 50 किलोग्राम तक प्रतिदिन कचरा उत्सर्जन करने वाले औद्योगिक क्षेत्र, निजी उद्यान, सार्वजनिक पार्क के अलावा 5000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल के समस्त द्वारा बंद समूह संस्थाओं के साथ दुग्ध शाला और पशु शाला को इस श्रेणी में रखा गया है।

—– कंपनी प्रतिनिधियों के साथ की गई बैठक —–
इसको लेकर बुधवार को कंपनी प्रतिनिधियों और नगर निगम अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई, जिसमें 100 फीसदी कचरा निस्तारण सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।

—-स्वच्छ सर्वेक्षण में लक्ष्य—

उल्लेखनीय है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में आगरा नगर निगम ने उत्तर प्रदेश में दूसरा और देश में 10वां स्थान प्राप्त किया था। अब निगम का लक्ष्य देशभर में शीर्ष स्थान पाना है, जिसके लिए कचरा प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है।

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