आगरा। नगर निगम चमड़े की कतरन एकत्रित करने के लिए डोर टू डोर सर्वे कराएगा। सर्वे कार्य को दस दिन में पूरा करने के निर्देश सभी वार्डों के सुपरवाइजरों को दिये गये हैं। इस संबंध में नगर निगम कार्यकारिणी सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव ने की।
ताज नगरी में बड़े पैमाने पर जूते का निर्माण किया जाता है। घर घर होने वाले इस व्यवसाय में बड़ी मात्रा में चमड़े की कतरन निकलती है। हालांकि नगर निगम ने इस कतरन को एकत्रित करने के लिए अभी तक 19 वाहन विभिन्न क्षेत्रों में लगाये हुए हैं। इसके बावजूद बड़ी मात्रा में कतरन नालों में फैंकी जा रही है। इससे नालों के अवरुद्ध होने से बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है। इस समस्या के समाधन के लिए ही आज इस बैठक का आयेजन किया गया था। अपर नगर आयुक्त ने इस संबंध में बताया कि सर्वे में लगाये गये सुरपवाइजरों और टीएसआई की निगरानी की जिम्मेदारी सीएसएफआई को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि अगर आवयश्कता पड़ी तो इस कार्य में राजस्व विभाग और लेखपालों का भी सहयोग लिया जाएगा।
—यहां होता है बड़े पैमाने पर जूता निर्माण का कार्य—
नगर के मंटोला, आजमपाड़ा, लोहामंडी, चक्की पाट,ढोलीखार, शाहगंज, ताजंगज, पक्की सराय आदि में व्यापक पैमाने पर जूता निर्माण कार्य होता है। यहां से निकलने वाली कतरन को उठाने के लिए नगर निगम के वाहन लगे हुए हैं इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग कतरन को नगर निगम के वाहनों को न देकर नालों और घरों के बाहर फैंक रहे हैं। नगर निगम रोजाना करीब साढ़े तीन टन कतरन का उठान कर रहा है। इसे आरटीओ ऑफिस के पीछे गोदाम पर पहुंचाया जा रहा है।
बैठक के दौरान नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजीव वर्मा सभी जेडएसओ, जोनल अधिकारी,सीएसएफआई, एसएफआई के अलावा लेखपाल और एडीएम सिटी भी उपस्थित रहे।