महिला पर्यटक की मौत से पर्यटन जगत में आक्रोश, अखिलेश यादव ने पूछा- प्रदेश सरकार कहां है?

Crime उत्तर प्रदेश दिल्ली/ NCR स्थानीय समाचार

आगरा, 22 सितंबर।फतेहपुर सीकरी में फ्रांसीसी महिला पर्यटक की मौत को लेकर शहर के पर्यटन उद्यमियों में गहरा आक्रोश है। महिला की मौत के मामले में विभागों की लापरवाही सामने आ रही है, जिसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव ने पूछा है कि प्रदेश सरकार कहां है?
बता दें कि फतेहपुर सीकरी स्मारक में रेलिंग टूटने से नीचे गिरी फ्रांसीसी महिला पर्यटक अस्मा एक घंटे तक एंबुलेंस के इंतजार में तड़पती रही। दोपहर 12.45 पर हादसा हुआ। एक घंटे बाद करीब 1:45 बजे सरकारी एंबुलेंस पहुंची। एक घंटा फतेहपुर सीकरी से आगरा आने में लगा। महिला को पहले एसएन इमरजेंसी ले जाया गया। यहां से अपराह्न 3:45 बजे सिकंदरा हाईवे स्थित निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।विश्वदाय स्मारक में आकस्मिक स्थिति में पर्यटकों के लिए एंबुलेंस सुविधा नहीं मिली। पति मदद के लिए चिल्लाता रहा। सिर में गंभीर चोट लगने के बाद एक घंटे तक एंबुलेंस के इंतजार में अस्मा स्मारक में फर्श पर पड़ी तड़पती रही।

महिला पर्यटक की मौत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, जिसमें लिखा है ‘उप्र के फतेहपुरसीकरी में एंबुलेंस उपलब्ध न होने की वजह से किसी विदेशी मूल के मेहमान की जान चली जाना बेहद दुखद खबर है। श्रद्धांजलि!’ आगे लिखा, ‘इन ख़बरों से देश-प्रदेश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तार-तार हो जाती है। आखिर प्रदेश सरकार कहां है?’कंफेडरेशन ऑफ टूरिज्म एसोसियेशंस के अध्यक्ष राजीव तिवारी ने एक बयान में मांग की कि जिला प्रशासन को इस पूरे प्रकरण में लापरवाह विभागों की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और आगरा विकास प्राधिकरण स्मारकों में प्रवेश शुल्क और पथकर के नाम पर पर्यटकों से धनराशि वसूलते हैं, लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं देते। जिले के तीनों विश्वदाय स्मारकों पर एंबुलेंस की सुविधा रहनी चाहिए।उन्होंने कहा कि यह मात्र हादसा नहीं है, बल्कि लापरवाही का भी जीता जागता उदाहरण है। इससे आगरा को को लेकर दुनियाभर में विपरीत संदेश जाएगा जो पर्यटन के लिए अच्छा नहीं है।

पर्यटन से जुड़े लोगों ने इस हादसे को लेकर निम्न सवाल भी उठाए।
– स्मारक में जिस रेलिंग पर हादसा हुआ वो लकड़ी की थी और करीब तीन साल पुरानी थी। कहा जा रहा है कि रेलिंग जर्जर थी, ऐसे में वहां पर कोई चेतावनी बोर्ड क्यों नहीं लगा था?
– स्मारक में एएसआई के सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। ऐसे में हादसे के बाद उन्होंने क्या किया?
– महिला पर्यटक को प्राथमिक उपचार मिलने में देरी कैसे हुई?
– पुलिस को इस हादसे की जानकारी क्यों नहीं दी गई, अगर दी गई तो पुलिस ने इलाज के लिए क्या किया?
– सरकारी एम्बुलेंस को पहुंचने में देरी हुई तो क्या निजी एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकती थी?
– विदेशी महिला पर्यटक की हालत गंभीर होने के बाद भी लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
– महिला पर्यटक को आगरा लाने के बाद एसएन मेडिकल कॉलेज में उनको अटेंड करने के लिए पहले से टीम को अलर्ट क्यों नहीं किया गया?

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