आगरा, 19 जून। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने नगर निगम स्थित विभिन्न कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान गंदगी और अव्यवस्थाएं मिलने पर नाराजगी जताते हुए संबंधित कर्मचारियों को व्यवस्थाएं ठीक करने की सख्त हिदायत दी गई। नगर आयुक्त मंगलवार को अचानक जिला नगरीय अभिकरण डूडा के कमरा नंबर 201का निरीक्षण करने पहुंच गये। कार्यालय के भीतर और बाहर गंदगी देख उन्होेंने नाराजगी जाहिर की। कार्यालय के बाहर स्टैंडी नहीं था। इस पर डूडा विभाग के स्तर से संचालित की जाने वाली सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का विवरण स्टैेंडी पर अंकित करने का निर्देश दिया गया। डूडा आफिस में पीएम स्वनिधि योजना के लिए आए आवेदकों से भी उन्होंने बातचीत की । एक आवेदक ने उन्हें वहां होने वाली असुविधाओं से अवगत कराया। पीएम स्वनिधि योजना के तहत आव’यक दस्तावेजों की सूची कार्यालय के बाहर अंकित करने के निर्देश संबंधितों को दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि डूडा विभाग कक्ष के बाहर डीसीसीसी के हेल्प लाइन व शिकायत दर्ज करने संबंधी नंबर १५३३ अंकित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने जब एनयूएलएम के अंतर्गत दस हजार रुपये का लोन प्राप्तकर्ताओं तथा रोजाना कितने फार्म लोन के संबंध में आये की जानकारी मांगी तो संबंधित कर्मी कोई जानकारी नहीं दे सका। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई।
उन्होंने फार्म कलेक्ट करने के लिए आउटसोर्स के स्थान पर सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी लगाने को कहा। डूडा आफिस में कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे कार्यों का विवरण उनके पटल पर अंकित नहीं था। इसके लिए डूडा के परियोजना अधिकारी को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया। डूडा कार्यालय के निकट कक्ष संख्या २४४ जिसमें सीएलसी का वैनर लगा था को खाली कराने एवं इस कक्ष को नगर निगम के कब्जा लेने के भी निर्देश उनके द्वारा दिये गये।
नगरायुक्त ने जोनल कार्यालय हरी पर्वत जोन का निरीक्षण किया। मौके पर उपस्थित जन्म प्रमाण पत्र निर्गत कराने आये एक आवेदक से बात की। आवेदक ने बताया कि कि जन्म एवं मृत्यु संबंधी फार्म घोषणापत्र आवेदक को कार्यालय से बाहर से लेना पड़ रहा है। इसके अलावा प्रमाण पत्रों को भी बाहर से निकलवाना पड़ता है । इस नगरायुक्त ने कम्प्युटर आपेरटर और संबंधित लिपिक को प्रिंटआउट कार्यालय से निकालने एवं आवेदकों को फार्म-घोषणापत्र कार्यालय से ही उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उनके द्वारा जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीकरण रजिस्टर का भी अवलोकन किया गया यहां भी दो रजिस्टरों में आवेदकों का डाटा रखा जा रहा था। नगरायुक्त ने दो रजिस्टर के स्थान पर एक ही रजिस्टर में उक्त दोनों सूचनाएं समाहित करने के साथ आवेदक का दूरभाष नंबर पुस्तिका में अंकित करने के निर्देश दिये।
जोनल अधिकारी हरीपर्वत जोन को कक्ष में व्यवस्थाए;ठीक कराते हुए कम्प्यूटर आपरेटर व लिपिक की शिकायत की पुनरावृत्ति न हो इसके निर्देश दिये। इसके उपरांत नगरायुक्त पूछताछ कार्यालय का निरीक्षण करते हुए शिकायत पंजिका अवलोकन किया। पूछताछ कार्यालय कोई जिम्मेदार कर्मचारी नियुक्त नहीं था । पूछताछ रजिस्टर को प्रतिदिन मेनटेन नहीं किया जा रहा था। रजिस्टर में १२ जून के बाद कोई रिकार्ड दर्ज नहीं था। इस पर अपर नगर आयुक्त को केयरटेकर के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई किये जाने व रजिस्टर में प्रतिदिन रिकार्ड मेनटेन करने तथा उक्त काउंटर पर जिम्मेदार कर्मचारी की नियुक्ति के निर्देश दिये।