सिंधु सेवा संगम के टीजड़ी मेहंदी नाइट में सुरमई शाम से रंगीन रात तक बरसे रंग
आगरा। खिल गई है रंगोली सी, ये मेंहदी मेरे हाथों की…। रंग नहीं मेरे बिना, मैं हूं खुश रंग हिना। खुशियों कुछ ऐसे ही माहौल सोमवार को दिखाई दिया सिंधु सेवा संगम महानगर के तत्वावधान में कमला नगर स्थित एफ 42 सिंधु भवन में आयोजित टीजड़ी पर्व एवं रंगारंग मेहंदी नाइट कार्यकम में। सिंधी समाज का टीजड़ी पर्व सावन महीने की कृष्ण पक्ष की तीसरी तारीख यानी राखी के तीसरे दिन मनाया जाता है। इससे पूर्व सोमवार को रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुए।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पदमा विश्वानी एवं समाजसेवी अंजू दियालानी रहीं। विशिष्ट अतिथि रहीं भगवंती दीदी (सतनाम साखी पथ) प्रसिद्ध युट्यूबर कृतिका चावलानी और लक्ष्मी देवी जेठवानी। कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान झूलेलाल की पूजा अर्चना की गई। उसके बाद कार्यक्रम की शुरूआत हुई। 500 से ज्यादा महिलाओं के हाथों में मेहंदी रचाई गई। हाथों में रची मेहंदी की महक और महिलाओं के चेहरे की चमक कार्यक्रम की शान बन गई। वहीं गायिका विद्या शर्मा और गायक मोहित अस्नानी ने अपनी सुमधुर आवाज में मेहंदी और डांडिया के गीतों से सभी को झूमने पर विवश कर दिया और कार्यक्रम को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। सुरमई शाम से लेकर रंगीन रात तक झूले और तंबोला का धमाल, डांस की मस्ती और आकर्षक सेल्फी पॉइंट पर महिलाओं की खुशी देखते ही बन रही थी। कई रंगारंग कार्यक्रम हुए
कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में भाविका दियालानी, मधु माखीजा, रश्मि बुधरानी, सिद्धि आयलानी, नैना जेठवानी, आशा माखीजा पूजा सेवकानी ने अहम् भूमिका निभाई।
इस दौरान डॉ कैलाश विशवानी,सूर्य प्रकाश, मेघराज दियालानी,चंद्र सोनी, घनश्याम दास देवनानी, घिरधारी लाल भगतियानी, प्रकाश केशवानी, जय मदनानी, राम चंद शब्रिया, अमृत माखीजा, किशोर बुधरानी, विकास जेठवानी, ईश्वर सेवकानी, सुंदर हरजानी, रोहित आयलानी, कुनाल जेठवानी, बंटी महाराज, महाराज जय किशन बुधरानी,भजन माखीजा, मेघराज शर्मा, राजू खेमानी, खेमचंद तेजानी, इंद्र तुलसानी, शंकर जगवानी, राम चंद हसानी, मुकेश सबानी, सोनू मदनानी कपिल पंजवानी, विक्रम हिंदवानी, हरेश पंजवानी, मुखी भाई सुनील बुधरानी, किशोर मेहता, पवन बत्रा, जगदीश कुकरेजाआदि मौजूद रहे।
मंगलवार को महिलाएं रखेंगी व्रत
टीजड़ी पर्व करवा चौथ जैसा त्यौहार है। महिलाएं सोलह सिंगार करके टीजड़ी माता की पूजा करती हैं। विवाहित महिलाएं कठोर उपवास रखती हैं जल और अन्न दोनों का त्याग करती हैं। सुहागिन के अलावा ये व्रत वो स्त्रियां भी रखती हैं जिनकी शादी तय हो चुकी है। मीडिया प्रभारी मेघराज दियालानी ने बताया कि महिलाएं तड़के उठकर कोकी, मीठी मानी बनाकर अल्पाहार करेगी। दिनभर निराहार रहेगी और दोपहर में कथा सुनेंगी, टीजड़ी माता को हिंडोले (झूले)में झुलाएंगी।