—-नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में रखे गये दस में से आठ प्रस्ताव पास
—लॉटरी सिस्टम से इसी माह प्रारंभ होगी सफाई कर्मियों की भर्ती
आगरा। नगर निगम सीमा में कारोबार करने वाले रेहड़ी ठेली वालों को अब बोर्ड लगाकर अपनी पहचान का खुलासा करना होगा। इस आशय का प्रस्ताव आज हुई नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। यह प्रस्ताव पार्षद बद्री प्रसाद माहौर के द्वारा रखा गया था। उनका कहना था कि कावड़ यात्रा और विभिन्न धार्मिक मेलों और सार्वजनिक स्थलों पर ऐसे दुकानदारों की सर्वाधिक संख्या होती है। ये लोग अस्थाई व स्थाई तौर पर विभिन्न खाद्य पदार्थों की बिक्री करते हैं। जनता ऐसे आयोजनों के दौरान इनसे सीधे खाद्य पदार्थों का क्रय करती है। पिछले दिनों इस प्रकार के कारोबारियों की कार्यप्रणाली को लेकर सवालिया निशान लोगों के द्वारा लगाये गये थे। इसी को देखते हुए दिल्ली व लखनऊ जैसे शहरों में रेहड़ी वालों को अपनी पहचान उजागर करने के आदेश नगर निकाय की ओर से दिये गये थे। इसलिए इसको आगरा नगर निगम की सीमा में भी लागू किया जाना चाहिए।
महापौर हेमलता दिवाकर की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान कुल दस प्रस्ताव रखे गये जिनमें से आठ को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। कार्यकारिणी सदस्य रवि माथुर ने इस दौरान सफाई, टैक्स, व सम्पत्ति विभाग में अनियमितताओं को लेकर प्रस्ताव रखते हुए इस पर अंकुश लगाये जाने के लिए सभी सफाई इंस्पेक्टर,टैक्स और संपत्ति विभाग के आर आई को बदलने की मांग की, जिसे पारित कर दिया गया। उन्हीं के प्रस्ताव कि नगर निगम के वाहनों को डीजल आदि देने के लिए लंबे समय से तैनात कर्मचरियों को बदलने के साथ ही डीजल देते समय पारदर्शिता के लिए एक जेड एस ओ को भी तैनात किया जाए। इस जेड एस ओ को भी हर माह बदला जाता रहना चाहिए। किन वाहनों को कितना डीजल दिया जा रहा है वे कितने चक्कर लगा रही है कूड़ा उठाती हैं या नहीं और सफाई मशीनें पूर्ण रुप से कार्य कर रही हैं या नहीं आदि की रिपोर्ट भी उक्त जेड एस ओ से ली जाए। इसके अलावा प्रत्यके गाड़ी पर जी पी एस सिस्टम लगाया जाए जिसकी मॉनीटरिंग उच्चाधिकारियों के द्वारा की जाए। इस प्रस्ताव को भी कार्यकारिणी ने पास कर दिया। बंदर कुत्तों के बधियाकरण को लेकर भी इस दौरान सवाल उठाये गये। इस दौरान कार्यकारिणी सदस्य रवि माथुर के इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई कि जिस कक्ष में कुत्ते व बंदर पकड़े जाएं व जब उनका बधियाकरण हो संबंधित क्षेत्र के पार्षद को सूचना दी जाए जिससे वास्तविकता का पता चल सके। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि पार्षदों के क्षेत्र में रखे जाने वाले सफाई कर्मचारियों को लाटरी सिस्टम से रखा जाए जिससे पारदर्शिता बनी रहे। इसके लिए महापौर की अध्यक्षता में लॉटरी सिस्टम को अपनाया जाए। महापौर, पांच पार्षद, दो अधिकारियों के सामने लॉटरी निकाली जाए और इनकी भर्ती भी जल्द से जल्द कराई जाए। इस प्रस्ताव को पारित करते हुए इसी माह से सफाई कर्मियों की भर्ती की बात कही गई। कार्यकरिणी सदस्य बंटी माहौर ने प्रस्ताव रखकर आरोप लगाया कि कई स्थानों पर पीडव्ल्यूडी का क्षेत्र होने के बावजूद विकास कार्य नगर निगम के द्वारा कराये गये हैं जो कि नियम विरुद्ध है। इसके अलावा कोठी मीना बाजार और अन्य बड़े नालों पर सुरक्षा की दृष्टि से जो लोहे के जाल लगाये गये है। वे अभी से क्षतिग्रस्त होने लगे हैं। कई स्थानों पर साइड पटरी ठीक होने के बावजूद ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए इसके कार्य कराये जा रहे हैं। उक्त मामलों की जांच दस दिन में कराकर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई के प्रस्ताव को भी कार्यकारिणी ने मंजूरी दे दी। उन्होंने नालों की सफाई व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि नालों की सफाई में भी अनियमितताएं बरती गयी हैं।
बैठक के दौरान कार्य कारिणी सदस्य रवि माथुर,बंटी माहौर, बद्री प्रसाद माहौर,आशिष सिंह, हेमलता चौहान, हरिओम गोयल, गजेंद्र पिप्पल अमित पटेल और बनवारी लाल के अलावा नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल,अपर नगर आयुक्त शिशिर कुमार, अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी, मुख्य अभियंता निर्माण बी एल गुप्ता, जलकल महाप्रबंधक अरुणेंद्र राजपूत, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा0 संजीव वर्मा,सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम, पशु कल्याण अधिकारी डा0 अजय कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता अरविंद कुमार, के अलावा सहायक अभियंता विद्युत एवं यांत्रिक अभिजीत यादव और पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण भी उपस्थित थे।