शहर के मुख्य मार्गों व चौराहों पर महाकुंभ अदभुत तस्वीरें लोगों को कर रहीं आकर्षित
आगरा, 12 जनवरी । धर्म आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने वाला महाकुंभ भले ही ताजनगरी से लगभग 480 किलोमीटर दूर प्रयागराज में आयोजित हो रहा हो लेकिन भारतीय संस्कृति से जुड़े इस महापर्व के महत्व से नई पीढ़ी को साक्षात्कार कराने के लिए सुलहकुल की नगरी आगरा में भी नगर निगम अनूठी पहल कर रहा है । शहर के मुख्य चौराहों की दरो दीवारों पर महाकुंभ की अद्भुत छटा की तस्वीर उकेरी जा रही हैं ताकि समाज को नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करने वाले दुनिया के इस महापर्व के प्रति राह गुजरने वाले लोग भी जानने को उत्सुक हों।
प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ को लेकर आस्था धीरे-धीरे उन्मुख हो रही है। इस महापर्व में भाग लेने के लिए राजस्थान मध्य प्रदेश के अलावा कान्हा की कर्मस्थली ब्रज क्षेत्र से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। विश्व विख्यात ताजमहल के दीदार को आगरा आने वाले पर्यटकों की उत्सुकता को यमुना किनारे बनाई जा रहीं महाकुंभ की आकृतियां बढ़ा रही हैं। इस बार शासन ने महाकुंभ को लेकर न केवल श्रद्धालुओं के लिए परिवहन सुविधा बेहतर की है बल्कि आगरा नगर निगम ने भी महाकुंभ से जुड़ी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के महत्व को दर्शाती तस्वीरों को शहर के प्रमुख रास्तों पर पड़ने वाले भवनों की दीवारों पर उकेरने की मुहिम शुरू की है। इसके तहत नगर निगम की ओर से महाकुंभ से जुड़ी स्मतियां अमृत कलश, साधु संतों के क्रियाकलापों और गंगा जमुना की तस्वीरें बनाई जा रही हैं।
सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने बताया कि नई पीढ़ी को महाकुंभ के प्रति प्रेरित करने को लेकर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देशन में यह अभिनव पहल की जा रही है ताकि इन तस्वीरों के जरिए वह महाकुंभ की पौराणिकता को नजदीक से जानने के लिए मनन करें । महाकुंभ को समझने व उसके महत्व को बताने का इससे अच्छा माध्यम और नहीं हो सकता है।
—-++ मुख्य मार्ग पर हो रही चित्रकारी——
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—–सहायक नगर आयुक्त ने बताया कि वॉटर वर्क्स चौराहे से हाथी घाट तक यमुना किनारे स्थित दीवारों पर इस प्रकार की चित्रकारी करने के कार्य का श्री गणेश किया गया है। शाहजहां और मुमताज के प्रेम की अनूठी मिसाल ताजमहल को देखने के लिए विश्व भर से आने वाले अधिकांश पर्यटक इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। लिहाजा यमुना किनारे स्थित दीवारों पर महाकुंभ से जुड़ी कई तरह की तस्वीर चित्रकारों की ओर से बनाई जा रही हैं।
—-चित्रकारी पर बरबस ठहर रही नजर—
महाकुंभ को दर्शाती चित्रकारी को देखकर राह गुजरने वाले हर आमो-खास की नजर बरबस ठहर रही हैं। कुछ लोग तो वाहनों को किनारे रोक कर चित्रकारों से महाकुंभ के बारे में पूछताछ करने से भी गुरेज नहीं कर रहे। महाकुंभ को लेकर हो रही तैयारी की जानकारी मिलने पर खुश होने के साथ ही नगर निगम की पहल की सराहना भी ये लोग कर रहे हैं ।
—-+कुंभ में लगाएं आस्था की डुबकी पर रखें स्वच्छता का ध्यान। —+-
शहर में आगरा नगर निगम की ओर से जगह-जगह बैनर पोस्टर और माइक के माध्यम से आस्था के महाकुंभ में भाग लेने जा रहे श्रद्धालुओं से महाकाल की धरती पर स्वच्छता बनाए रखने की भी अपील की जा रही है।
—-144 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग —–
कुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है, लेकिन ग्रहों की स्थिति और पंचांग गणना के हिसाब से इस बार दुर्लभ कुंभ योग बन रहा है। इस बार कुंभ राशि में बृहस्पति और मेष राशि में सूर्य का होने से दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस तरह का संयोग बहुत लंबे समय के बाद आता है, जो इस महाकुंभ को ज्योतिषीय दृष्टि से अद्वितीय बना रहा है। ऐसे दुर्लभ योग में गंगा स्नान और पूजा-अर्चना को अत्यधिक फलदायी और मोक्षदायी माना जाता है।
वर्जन —–+
महाकुंभ हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति का प्रतीक ही नहीं, बल्कि हमारी अनूठी व आलौकिक विरासत है। महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है, लेकिन हमारे शहर की युवा पीढ़ी महाकुंभ व हमारी प्राचीन संस्कृति को जान सके, इसके लिए नगर निगम द्वारा वॉल पेंटिंग के माध्यम से अनूठी पहल की जा रही है। नगर निगम आस्था के साथ शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के प्रति भी लोगों को जागरुक कर रहा है।
-हेमलता दिवाकर कुशवाह, महापौर
नगर निगम आगरा
वर्जन ——
अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा भारतीय संस्कृति को सहेजने वाले इस महापर्व से जुड़ी स्मृतियों को चित्रकारों द्वारा वॉल पेंटिंग के माध्यम से दिखाया जा रहा है ताकि इसके बारे में युवा पीढ़ी को ज्ञान हो सके ।
अंकित खंडेलवाल
नगर आयुक्त
नगर निगम