लखनऊ, कानपुर में मेट्रो संचालन के बाद अब अब आगरा में भी मेट्रो के परिचालन की तैयारी हुई तेज़. उत्तर प्रदेश में मेट्रो वाला छठा शहर होगा आगरा।
आगरा, मार्च। पीएसी स्थित आगरा मेट्रो डिपो में प्रथम आगरा मेट्रो ट्रेन को आज सफलतापूर्वक ट्रैक पर उतारा गया। इस अवसर पर मण्डलायुक्त अमित गुप्ता, जिलाधिकारी नवनीत चहल ने ट्रेन के इंजन व कोच का शुभ नारियल फोड़कर विधि विधान से पूजन किया। यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि मेक इन इण्डिया के तहत ट्रेन का निर्माण गुजरात के सांवली में हुआ है। मेट्रो ट्रेनों में एक बार में 974 यात्री सफर कर सकेंगे। इसके साथ ही ट्रेनों की रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटा तक होगी। उन्होंने बताया कि आगरा मेट्रो ट्रेनें आधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी युक्त डिजाइन की गई हैं।
प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, इससे दुर्घटना का बचाव करने में सहायता मिलेगी। इन कैमरों की फुटेज ट्रेन आपरेटर और डिपो में बने सिक्योरिटी रूम में पहुंचेगी। उन्होंने आगे बताया कि आगरा मेट्रो ट्रेन में कार्बन-डाई-ऑक्साइड बेस्ड एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगाया गया है, जो कार्बन-डाई-ऑक्साइड की मात्रा को माप कर चलेगा, जिससे ऊर्जा की भी बचत होगी। आगरा मेट्रो का एयर कंडीशनिंग सिस्टम सामान्य तौर पर ट्रेन में निर्धारित तापमान को बनाए रखेगा तथा यात्रियों की संख्या बढ़ने पर एयर कंडीशनिंग सिस्टम खुद ही कार्बन-डाई-ऑक्साइड का आंकलन कर ऑक्सीजन युक्त साफ हवा को ट्रेन के भीतर लाएगा, जिससे यात्रियों को कभी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने आगरा मेट्रो ट्रेनों की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ का फ़ीचर होगा, जिसकी मदद से ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक्स के माध्यम से 35 प्रतिशत तक ऊर्जा को रीजेनरेट करके फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा। वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्सन सिस्टम’ भी मौजूद होगा। मैट्रो ट्रेनों में कार्बन-डाई-ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा। ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए ये ट्रेनें संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी। आगरा मेट्रो की ट्रेन की यात्री क्षमता 974 यात्रियों की होगी। इन ट्रेन की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी./घंटा और ऑपरेशन स्पीड 80 किमी./घंटा तक होगी। ट्रेन के पहले और आख़रि कोच में दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी। व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबाकर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं ताक़ी वे आराम से ट्रेन से उतर सकें। ट्रेनों में फ़ायर एस्टिंग्यूशर (अग्निशमन यंत्र), स्मोक डिटेक्टर्स और सीसीटीवी कैमरे आदि भी लगें होंगे। आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल यानी पटरियों के समानान्तर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, इसलिए इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी और बुनियादी ढाँचा बेहतर और सुंदर दिखाई देगा। ट्रेन को अत्याधुनिक फ़ायर और क्रैश सेफ़्टी के मानकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है। हर ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका विडियो फ़ीड सीधे ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में पहुँचेगा। हर ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग पॉइंट्स भी होंगे। इन्फ़ोटेन्मेंट के लिए हर ट्रेन में 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे। टॉक बैक बटनः इस बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकते हैं। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फ़ुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौजूद मॉनीटर पर दिखाई देगा।
ताजनगरी आगरा में 8379.62 करोड की लागत से 29.4 कि.मी लंबे दो मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच बन रहे प्रथम कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं, जिसमें कि 6 ऐलिवेटिड व 7 भूमिगत स्टेशन हैं। वहीं, आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच बनने वाले दूसरे कॉरिडोर में 14 ऐलिवेटिड स्टेशन होंगे। फिलहाल, ताज ईस्ट गेट से जामा मस्जिद के बीच प्रयोरिटी कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेज गति के साथ किया जा रहा है। प्रयोरिटी कॉरिडोर में 3 ऐलिवेटिड व 3 भूमिगत स्टेशन है।इस अवसर पर यूपीएमआरसी के निदेशक (कार्य एवं संरचना), निदेशक रोलिंग स्टॉक संजय मिश्रा, निदेशक (रोलिंग स्टॉक) अतुल गर्ग, आगरा मेट्रो के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार राय एवं आगरा मैट्र सुरक्षा आयुक्त विजय कपिल सहित अन्य मैट्रो के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।