आगरा, 15 फरवरी।आगरा कॉलेज के प्रोफेसर हो या फिर अन्य स्टाफ, हर कोई आगरा कॉलेज में नौकरी करके खुश है क्योंकि उन्हें अच्छी खासी सैलरी मिल रही है लेकिन आगरा कॉलेज के ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जो लगभग 20 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, वे सभी अपने ही मैनेजमेंट से नाराज हैं।इन सभी कर्मचारियों ने आगरा कॉलेज मैनेजमेंट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विगत कई वर्षों से वेतन बढ़ोतरी की मांग करने के बावजूद वेतन न बढ़ाए जाने से नाराज कर्मचारी आज मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचे और शांतिपूर्वक तरीके से अपना आक्रोश व्यक्त किया। इस दौरान उन्हें मंडलायुक्त अमित गुप्ता तो नहीं मिले लेकिन उन्होंने अपर मंडलायुक्त को अपनी समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपा और इस पर उचित कार्रवाई की मांग की।
मात्र चार हजार में कर रहे नौकरी
मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचे कॉलेज के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने बताया कि आज महंगाई आसमान छू रही है। प्रतिदिन हर वस्तु महंगी हो रही है और उन्हें आगरा कॉलेज से मेहनताना के रूप में सिर्फ 3 से 4 हज़ार रुपये ही मिल रहे हैं। वे सब संविदा कर्मचारी हैं और वेतन बढ़ाए जाने की मांग विगत कई वर्षों से करते हुए आ रहे हैं लेकिन आगरा कॉलेज मैनेजमेंट इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
गुमराह कर रहा है मैनेजमेंट
अपनी समस्या को लेकर मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचे कर्मचारियों का कहना था कि लगभग 5 सालों से लगातार वह अपनी सैलरी को बढवाने के प्रयास में लगे हुए हैं। मैनेजमेंट को कई बार लिखित में दिया जा चुका है। सिर्फ आश्वासन मिलता है कि इसको मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में रखा जाएगा और आपकी सैलरी बढ़ाई जाएगी लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही नजर आता है। क्या आश्वासन से घर चल सकता है यह तो किसी के लिए संभव नहीं है। कर्मचारियों ने बताया कि आगरा कॉलेज प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मंडलायुक्त आगरा है। इसीलिए मंडल आयुक्त कार्यालय आकर वे अपनी पीड़ा उन्हें बताना चाहते थे लेकिन हमारी किस्मत तो देखिए कि आज वह आगरा में ही नहीं है। इसीलिए उनसे मुलाकात नहीं हो पाई है लेकिन उनकी अनुपस्थिति में अपर मंडलायुक्त को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा से अवगत कराया गया है।
श्रम विभाग को दिए निर्देश
अपर मंडल आयुक्त ने कर्मचारियों की इस समस्या को गंभीरता से लिया और इस संबंध में श्रम विभाग के अधिकारियों को फोन करके उनकी इस समस्या के समाधान के निर्देश दिए हैं। हालांकि पर अपर मंडलायुक्त आगरा ने अपने स्तर से कार्यवाही कर दी है लेकिन देखना होगा श्रम विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाता है या नहीं।
हड़ताल की चेतावनी
कर्मचारियों ने कहा कि अगर इस बार भी आगरा कॉलेज प्रबंधन समिति ने उनकी मांग पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया तो वह कार्यभार ठप करके हड़ताल पर बैठ जाएंगे। जिसकी जिम्मेदारी फिर आगरा कॉलेज प्रबंधन की होगी।वहीँ एक कर्मचारी ने बताया कि आगरा कॉलेज प्रबंधन कमेटी के लोग उनसे कहते हैं कि इतनी सैलरी में ही नौकरी करो नहीं तो नौकरी छोड़कर चले जाओ। इतना ही नहीं जो लोग आउटसोर्सिंग पर लगाए गए हैं उन्हें इन से दुगनी तनख्वाह मिल रही है। उन्हें कागजों पर 15000 दिए जाते हैं लेकिन हाथ में 8 से 10000 थमाए जाते हैं। जबकि वे संविदा कर्मचारी हैं, फिर भी उन्हें मात्र 3 से ₹4000 ही मिलते हैं।