केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने आगरा, उत्तर प्रदेश में राज्य एड्स नियंत्रण समितियों के परियोजना निदेशकों के साथ राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का उद्घाटन किया
एड्स अब लाइलाज नहीं, एड्स संक्रमण छूने या साथ रहने से नहीं होता, ज्यादा से ज्यादा जांच कराने को किया जाए जागरूक।
एड्स जांच कराने में शर्मिंदगी या झिझक नहीं करें, ये अन्य टैस्ट की ही तरह, एड्स को छुपाएं नहीं, जांच व सावधानी ही बचाव
आगरा, 24 अगस्त। केन्द्रीय राज्य मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, भारत सरकार प्रो. एसपी सिंह बघेल ने होटल क्लार्क शिराज में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक का समस्त प्रोजेक्ट डायरेक्टर एसएसीएस व डीएसीएस के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) का भारत में क्रियान्वन की समीक्षा तथा एड्स मुक्ति हेतु भारत में एचआईवी/एड्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए व्यापक स्तर पर कार्य योजना बनाने हेतु विभिन्न सत्रों में चर्चा की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम में पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया तथा दीप प्रज्ज्वलित कर बैठक का शुभारंभ हुआ। उन्होंने बताया कि 1980 में भारत में जन जागरूकता की कमी से एड्स रोग के प्रति दहशत,अफवाह का माहौल था। 1992 में नाको (नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन) बना, जिसने जन जागरूकता के साथ समाज में इस रोग के प्रति बने भय, अफवाह तथा इलाज हेतु सराहनीय कार्य प्रगति की है। अन्य टैस्ट कराते समय एड्स की जांच हेतु भी प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सहमति देनी चाहिए, एड्स टैस्ट भी अन्य जांच की तरह ही है, उन्होंने बताया कि अब एड्स लाइलाज नहीं है, जितने ज्यादा एचआईवी टेस्ट होंगे उतना ही समाज व देश का भला होगा, एड्स को छुपाना सामाजिक अपराध की तरह है। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किया गया। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) एक ऐसा संगठन है, जो राज्य एड्स नियंत्रण समितियों के माध्यम से देश भर में एचआईवी/एड्स को फैलने से रोकने और नियंत्रित करने की दिशा में काम कर रहा है।
यह दो दिवसीय बैठक 24 और 25 अगस्त, 2023 को आगरा में आयोजित की जा रही है। इस बैठक का उद्देश्य 2030 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में एचआईवी/एड्स को समाप्त करने से संबंधित सतत विकास लक्ष्य का हिस्सा बनना है। राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) वर्तमान में अपने पांचवें चरण में है, जिसका उद्देश्य नए एचआईवी संक्रमणों के साथ-साथ एड्स से संबंधित मृत्यु दर में कमी लाना और समाज से एचआईवी/एड्स से संबंधित रोगियों को अपमान सहना पड़ता है। एचआईवी एड्स के रोगियों को कलंक का सामना करना पड़ता है। उन्होंने एचआईवी/एड्स और एसटीडी (यौन संचारित रोग) का मजबूती से मुकाबला करने की दिशा में प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एड्स टोल-फ्री हेल्पलाइन, आजीवन मुफ्त एआरटी सेवाएं, एचआईवी पीड़ितों के लिए निःशुल्क आजीवन एंटीरेट्रोवायरल (एआरवी) दवाएं, निशुल्क अनुपालन परामर्श, बेसलाइन प्रयोगशाला जांच, सीडी4 काउंट परीक्षण जैसी नैदानिक और निगरानी सेवाएं और पीएलएचआईवी के लिए नियमित वायरल लोड मॉनिटरिंग जैसे कुछ कदम लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने प्रभावित आबादी के साथ होने वाले भेदभाव में कमी लाए जाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। इस संबंध में सरकार ने “प्रतिष्ठानों के लिए एचआईवी और एड्स नीति 2022“ अधिसूचित की है। उन्होंने एचआईवी से निपटने के लिए सामाजिक समावेशिता बढ़ाने और बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण का उपयोग करने पर भी बल दिया।
शुरुआत में केन्द्रीय राज्य मंत्री ने देश के दूरदराज के हिस्सों तक देखभाल सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करते हुए अचूक निदान और उपचार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जांच के लिए सहमति न देने वाला व्यक्ति पूरे समुदाय को नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि वह समुदाय के अन्य सदस्यों में बीमारी फैला सकता/सकती है। उन्होंने कहा, “एचआईवी/एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करना बहुत जरूरी है और हमें समुदाय के बारे में समग्रता से सोचने और अपनी जांच करनी की जरूरत है। हमें एचआईवी/एड्स के रोगियों की भी उसी तरह सहायता करनी चाहिए, जैसे हम अन्य रोगियों की सहायता करते हैं। उन्होंने एचआईवी/एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करने के लिए और अधिक कठोर आईईसी अभियानों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात का भी आह्वान किया कि गहन निश्चय और दृढ़ संकल्प से इसकी रोकथाम की जा सकती है।’’
मा0 केन्द्रीय राज्य मंत्री ने इस कार्यक्रम के लिए 15,471 करोड़ रुपये आवंटित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “यह भारत से एचआईवी/एड्स के उन्मूलन के प्रति प्रधानमंत्री की गहन प्रतिबद्धता को दर्शाता है।“ राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। सुश्री हेकाली झिमोमी, अपर सचिव और महानिदेशक नाको ने देश में एचआईवी के बोझ को कम करने में असाधारण भूमिका निभाने के लिए देश को बधाई दी। इस कार्यक्रम में सुश्री शोबिनी राजन, डीडीजी, नाको और डॉ.चिन्मयी दास, एडीजी, नाको सहित सभी राज्यों के परियोजना निदेशक और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे।