मुकेश उपाध्याय
आगरा, 15 फरवरी। भारतीय क्रिकेट में अब आगरा का एक युवा क्रिकेटर ध्रुव तारे की तरह चमक उठा है। क्रिकेट के सबसे अहम और सबसे बड़े संस्करण ‘टेस्ट क्रिकेट’ में आगरा के ध्रुव जूरैल का पदार्पण हो गया है। आज गुरुवार को इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट के निरंजन शाह क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में दो खिलाड़ियों को टेस्ट कैप पहनने का मौका मिला। डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करने वाले सरफराज का भी लंबे समय का इंतजार खत्म हो गया। सरफराज खान को अनिल कुंबले ने डेब्यू कैप पहनाई। वहीं विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जूरैल को दिनेश कार्तिक ने डेब्यू कैप पहनाई।
अगर हम 23 साल के ध्रुव जूरैल की बात करें तो उन्होंने 15 फर्स्ट क्लास मैचों में 46.47 की औसत से 790 रन हैं। जिसमें एक सेंचुरी के अलावा 5 फिफ्टी भी शामिल है। उन्होंने टीम में केएस भरत को रिप्लेस किया। भरत इंग्लैंड के खिलाफ शुरुआती दो टेस्ट में केवल 92 रन ही बना सके थे।
अब जब आप आगरा की क्रिकेट की बात करेंगे तो ध्रुव जूरैल को आगरा की क्रिकेट का ‘अमिताभ बच्चन’ का सकते हैं। वह आगरा की क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी और सबसे बड़े स्टार बन गए हैं। आगरा के सफलतम क्रिकेटर्स की गिनती अब ध्रुव जूरैल से शुरू होगी। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में आगरा की लड़कियां तो पहले ही परचम लहरा चुकी हैं। हेमलता काला, प्रीति डिमरी, पूनम यादव और दीप्ति शर्मा टेस्ट क्रिकेटर है लेकिन पुरुष क्रिकेट में आगरा का एक लंबे समय से चला रहा इंतजार खत्म हो गया। ध्रुव जूरैल आगरा के पहले ऐसे क्रिकेटर बन गए जो टेस्ट क्रिकेट की दहलीज को पार करने में कामयाब रहे।
इस अवसर पर मुझे आगरा के सबसे बड़े टूर्नामेंट आयोजक स्वर्गीय केके कपूर याद आते हैं, उनसे जब भी मेरी मुलाकात होती थी तो वह हमेशा कहते थे कि वह आगरा के किसी क्रिकेटर को हिंदुस्तान की टेस्ट में देखना चाहते हैं। उनके जीते जी तो यह हो ना सका लेकिन आज यह कारनामा हो ही गया। आप सभी जानते हैं कि केके कपूर शहीद क्रिकेट टूर्नामेंट के जरिए सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर जैसे बड़े नाम से लेकर देश के सभी बड़े और छोटे भारतीय टीम के क्रिकेटर्स को आगरा की धरती पर बुलाने और उन्हें मैच खिलाने में कामयाब रहे लेकिन आज आगरा की धरती से भी एक टेस्ट क्रिकेटर बाहर आ गया।
आगरा को लेकर बदली धारणा
आगरा के बारे में अब तक लोगों की धारणा थी कि आगरा के क्रिकेटरों को यूपी की रणजी टीम तक भी कम मौके मिल पाते हैं भारतीय टीम की बात तो दूर है लेकिन ध्रुव जूरैल ने अब इस मिथ को तोड़ दिया है। ध्रुव आगरा के मूल खिलाड़ी हैं जिनका सफर आगरा से शुरू हुआ और लगातार यूपी से खेले और भारतीय टेस्ट टीम तक पहुंचे। आगरा से जुड़े दीपक चाहर और राहुल चाहर से भी आगे निकल गए ध्रुव जूरैल। भारत के लिए वनडे और टी-20 खेल चुके दीपक चाहर और राहुल चाहर को आज भी टेस्ट कैप पहनने का इंतजार है।
पिता को समर्पित की टेस्ट कैप
टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर ध्रुव ने कहा था कि अगर मुझे इंडिया कैप मिलती है तो मैं इसे अपने पिता को समर्पित करना चाहूंगा क्योंकि वह मेरे हीरो हैं। जब भी मैं भ्रमित महसूस करता हूं तो मैं उनसे बात करता हूं। वह मेरा मार्गदर्शन करते हैं। वह मेरे हीरो हैं। वहीं आगरा में ध्रुव के कोच परवेंद्र यादव ( स्प्रिंगडेल क्रिकेट अकादमी) ने बताया कि कल उनकी ध्रुव से बात हुई तो एक कोच के रूप में उन्होंने उसे सिर्फ यही कहा कि उसे अपना सौ प्रतिशत देना है। आगरा के क्रिकेट में उन्होंने इतिहास लिखा है अब उन्हें देश की क्रिकेट में इतिहास लिखना है।