आगरा. 28/12/23। मंडलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में आज लघु सभागार में मंडलीय विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में सर्वप्रथम युवा कल्याण विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि पूरे आगरा मंडल में 10 ग्रामीण स्टेडियम है। स्टेडियम की बिल्डिंग की मरम्मत करने की आवश्यकता है और विभाग में खेल उपकरण से संबंधित कोई शासनादेश न होने के कारण किसी भी स्टेडियम में खेल उपकरण मौजूद नहीं है। मंडलायुक्त ने चारों जनपदों की बिल्डिंग मरम्मत और आवश्यक खेल उपकरण की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को मांग पत्र भेजने के निर्देश दिए। इसके अलावा जिलाधिकारी और सीडीओ के समन्वय से सीएसआर फंड के माध्यम से खेल उपकरण उपलब्ध करवाने को कहा। युवा कल्याण विभाग द्वारा भी फरवरी माह में जूनियर और सब जूनियर वर्ग में आठ खेलों में प्रतियोगिताएं कराई जा रही हैं। मंडलायुक्त ने सीडीओ को जिलाधिकारी के साथ बैठक कर युवा कल्याण विभाग और खेल प्रोत्साहन समिति द्वारा कराई जाने वाली दोनों प्रतियोगिताओं का कार्यक्रम फाइनल कराए जाने की निर्देश दिए। पोषण अभियान के अंतर्गत आगरा मंडल के आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित किए जाने वाले इंफ्रा किट की समीक्षा करते हुए मंडलायुक्त ने जनपद मैनपुरी में शून्य प्रगति और सैम बच्चों के स्वास्थ्य सुधार हेतु आवश्यक कदम न उठाने एवं संख्या में कमी न आने पर भी नाराज होते हुए मंडलायुक्त ने डीपीओ को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। इसके अलावा जनपदवार पिछले 3 महीने के सैम बच्चों का डेटा विश्लेषण करने और सबसे ज्यादा सैम बच्चों वाले क्षेत्र/गांव/ब्लॉक को चिन्हित करने को कहा। अनुपूरक पुष्टाहार की समीक्षा के दौरान सामने आया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पुष्टाहार तैयार नहीं किया जा रहा है और मैनपुरी जिले में सबसे कम लाभार्थियों की संख्या है। मंडलायुक्त ने सभी केंद्रों पर पुष्टाहार बनाये जाने की व्यवस्था करने को संबंधित को निर्देश दिए।
बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा योजना की समीक्षा करते हुए देखा गया कि आगरा जनपद में सरकारी स्कूलों में प्रवेश होने के सबसे ज्यादा लगभग 542 बच्चे स्कूल से लगातार अनुपस्थित हैं। अनुपस्थित बच्चों को विद्यालय आने के लिए प्रेरित करने की दिशा में कोई विशेष काम न किए जाने से नाराज मंडलायुक्त ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। आगरा और फिरोजाबाद जनपद में 250-250 जबकि मथुरा और मैनपुरी में 100-100 सरकारी विद्यालयों को गोद लिया गया है। इसकी समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि समय-समय पर संबंधित अधिकारी एवं उनकी टीम द्वारा गोद लिए हुए विद्यालयों का निरीक्षण किया जाए। अधीनस्थों के साथ बैठक कर लगातार समीक्षा करें। ऑपरेशन कायाकल्प में सबसे कम काम मैनपुरी जनपद में हुआ। पिछली रिपोर्ट से समीक्षा करते हुए विद्यालय संतृप्तिकरण की प्रगति में कोई खास वृद्धि न दिखने पर सीडीओ से डीएम को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए।
गौसरंक्षण अभियान के तहत आगरा जिले में 6 हज़ार के लक्ष्य के सापेक्ष 6011, मथुरा में 3 हज़ार के सापेक्ष 3 हज़ार प्लस, फिरोजाबाद में 1500 के सापेक्ष 2041 और मैनपुरी में 2000 के सापेक्ष 1856 निराश्रित गोवंश को सरंक्षित कर लिया गया है। इसकी समीक्षा करते हुए मंडलायुक्त ने कहा कि यह अभियान अब खत्म होने को है लेकिन अभी भी छुट्टा गोवंश घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसे गंभीरता से लें। सीडीओ क्षेत्र में निकलकर स्वयं निरीक्षण करें और लापरवाही दिखने पर संबंधित की जिम्मेदारी भी तय करें। गौ आश्रय स्थल की क्षमता विस्तार के लिए नई गौशालाएं भी बनाई जा रही है। मंडलायुक्त ने अगले माह तक निर्माणाधीन सभी गौशालाओं का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। वहीँ भरण पोषण में निर्गत उपयोगिता प्रमाण पत्र की धनराशि जारी करने के निर्देश देने के बावजूद अवशेष रहने पर चारों जनपदों के सीवीओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए जा रहे गोल्डन कार्ड की समीक्षा के दौरान सामने आया कि आगरा और मथुरा जिले में पिछले एक माह में सबसे कम गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं। इसके अलावा जितने गोल्डन कार्ड लाभार्थी हैं उसके सापेक्ष लक्ष्य के अनुरूप लाभार्थियों को इस योजना का वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। मंडलायुक्त द्वारा एडी हेल्थ को इस दिशा में गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए गए। ओडीओपी योजना में किसी भी जिले द्वारा उत्पाद व पैकेजिंग फाइनल कर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी। जिस पर नाराज होते हुए मंडलायुक्त ने मंडल और जिले स्तर पर जल्द से जल्द फाइनल करने के निर्देश दिए।
पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा आगरा मंडल के चारों जनपदों में गड्ढा मुक्त अभियान के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि चारों जनपदों की सभी सड़क शत प्ररिष्ट गड्ढामुक्त हो, यह संबंधित अधिकारी सुनिश्चित कर लें। 15 जनवरी के बाद वे स्वंय निरीक्षण करेंगी। फिर कमी पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी। इसके अलावा चारों जनपदों में अमृत सरोवर का लक्ष्य पूरा करने और उसे सभी सुविधाओं-व्यवस्थाओं से संतृप्त बनाने के निर्देश दिए। बैठक के अंत में मंडलायुक्त ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सप्ताह में दो बार क्षेत्र में निकलकर विभागों के कार्यों का पर्यवेक्षण करें। कमियां मिलने पर सुधार किया जाए और लापरवाही बरतने वाले संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करें।