आगरा मंडल में रेल पटरियों की सुरक्षा को मिला डिजिटल कवच: USFD तकनीक से संरक्षा सुदृढ़

Press Release दिल्ली/ NCR

डिजिटल डेटा संग्रहण, विश्लेषण और त्वरित कार्यवाही से संरक्षा को मिल रहा नया आयाम

रेल संरक्षा में तकनीकी सशक्तिकरण: USFD तकनीक से ट्रैक की गहराई तक सुरक्षा सुनिश्चित

आगरा। मंडल रेल प्रबंधक तेज प्रकाश अग्रवाल के मार्गदर्शन में आगरा रेल मंडल द्वारा यात्री सुविधाओं के साथ-साथ रेल बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे है। इसी क्रम में आगरा मंडल में रेल पटरियों की आंतरिक संरचना की सूक्ष्म जांच के लिए अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन (USFD) तकनीक का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। यह नवीनतम तकनीक रेल की पटरियों में समय के साथ उत्पन्न होने वाले आंतरिक दोषों को प्रारंभिक अवस्था में ही चिन्हित कर लेती है, जिससे आवश्यक अनुरक्षण कार्य समय पर पूरा किया जा सके और यात्री व मालगाड़ियों का परिचालन पूरी तरह सुरक्षित और संरक्षित रह सके।
आगरा मंडल में वर्तमान में लगभग 1341 किलोमीटर ट्रैक की नियमित रूप से USFD मशीनों द्वारा जांच की जा रही है। इस जांच की आवृत्ति ट्रेनों के आवागमन के घनत्व (GMT) पर आधारित होती है और मंडल के विभिन्न सेक्शनों में प्रत्येक दो से चार माह में ट्रैक की जाँच की जाती है।
मंडल में वर्तमान में कुल 10 USFD टीमों का गठन किया गया है, जिनमें 15 प्रशिक्षित इंजीनियर कार्यरत हैं। ये सभी इंजीनियर बी-स्कैन USFD मशीनों से लैस हैं, जो ट्रैक की आंतरिक स्थिति को डिजिटल रूप में दर्ज कर तुरंत विश्लेषण की सुविधा प्रदान करती हैं। वेल्ड की सटीक जांच हेतु सभी टीमों को डिजिटल वेल्ड टेस्टर भी प्रदान किए गए हैं, जिससे वेल्डिंग खामियों का सटीकता से पता लगाया जा सके।
ट्रैक जांच के दौरान संपूर्ण कार्य का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाता है, जिसे विश्लेषण कर आवश्यक कार्रवाई की जाती है। वर्ष 2024-25 में मंडल के स्तर पर 7058.5 किलोमीटर ट्रैक, 42456 वेल्ड, 4103 टर्नआउट और 4399 स्वीच एक्सपेंशन जॉइंट्स की सूक्ष्मता से जांच की गई। इस जांच के दौरान विभिन्न नए फ्लॉ चिन्हित किए गए, जिनकी तत्काल मरम्मत कर दी गई, जिससे ट्रेनों के संचालन में कोई व्यवधान न आए और संरक्षा मानकों का पूर्ण पालन हो सके।आगरा मंडल के USFD इंजीनियरों को समय-समय पर आरडीएसओ लखनऊ एवं इरिसेन पुणे जैसे संस्थानों में विशेषज्ञ प्रशिक्षण हेतु भेजा जाता है, ताकि वे नवीनतम तकनीकी मानकों के अनुरूप कार्य कर सकें और संरक्षा में निरंतर सुधार किया जा सके।USFD तकनीक आज भारतीय रेलवे की संरक्षा प्रणाली का एक अविभाज्य अंग बन चुकी है। यह न केवल ट्रैक की विश्वसनीयता और स्थायित्व को सुनिश्चित करती है, बल्कि समय रहते खतरों की पहचान कर संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम में भी सहायक सिद्ध हो रही है। आगरा मंडल इस तकनीक के कुशल क्रियान्वयन से ट्रेनों के संरक्षित संचालन की दिशा में लगातार सफलताएं अर्जित कर रहा है।

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