‘मन की बात 2.0’ की पाँचवी कड़ी में प्रधानमंत्री का सम्बोधन 27 Oct, 2019

Politics दिल्ली/ NCR

‘मन की बात 2.0’ की पाँचवी कड़ी में प्रधानमंत्री का सम्बोधन
27 Oct, 2019

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | आज दीपावली का पावन पर्व है | आप सबको दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं | हमारे यहाँ कहा गया है –

शुभम् करोति कल्याणं आरोग्यं धनसम्पदाम |

शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोस्तुते |

कितना उत्तम सन्देश है | इस श्लोक में कहा है – प्रकाश जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि लेकर के आता है, जो, विपरीत बुद्धि का नाश करके, सदबुद्धि दिखाता है | ऐसी दिव्यज्योति को मेरा नमन | इस दीपावली को याद रखने के लिए इससे बेहतर विचार और क्या हो सकता है कि हम प्रकाश को विस्तार दें, positivity का प्रसार करें और शत्रुता की भावना को ही नष्ट करने की प्रार्थना करें ! आजकल दुनिया के अनेक देशों में दिवाली मनायी जाती है | विशेष बात यह कि इसमें सिर्फ भारतीय समुदाय शामिल होता है, ऐसा नहीं है बल्कि अब कई देशों की सरकारें, वहां के नागरिक, वहां के सामाजिक संगठन दिवाली को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं | एक प्रकार से वहां ‘भारत’ खड़ा कर देते हैं |

 

मेरे प्यारे देशवासियो, 12 नवंबर, 2019 – यह वो दिन है, जिस दिन दुनिया भर में, श्री गुरुनानक देव जी का 550वाँ प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा | गुरुनानक देव जी का प्रभाव भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व मे है | दुनिया के कई देशों में हमारे सिख भाई-बहन बसे हुए हैं जो गुरुनानकदेव जी के आदर्शों के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हैं | मैं वैंकूवर (Vancouver) और तेहरान (Tehran) में गुरुद्वारों की अपनी यात्राओं को कभी नहीं भूल सकता |  माना जाता है कि असम के सुविख्यात सन्त शंकरदेव भी उनसे प्रेरित हुए थे | उन्होंने हरिद्वार की पवित्र भूमि की यात्रा की | काशी में एक पवित्र स्थल, ‘गुरुबाग गुरुद्वारा’ है – ऐसा कहा जाता है कि श्री गुरुनानक देव जी वहां रुके थे | वे बौद्ध धर्म से जुड़ी ‘राजगीर’ और ‘गया’ जैसे धार्मिक स्थानों पर भी गए थे | दक्षिण में गुरुनानक देव जी, श्रीलंका तक की यात्रा की | कर्नाटका में बिदर की यात्रा के दौरान, गुरुनानक देव जी ने ही, वहां पानी की समस्या का समाधान किया था | बिदर में ‘गुरुनानक जीरा साहब’ नाम का एक प्रसिद्ध स्थल है जो गुरुनानक देव जी की – हमें याद भी दिलाता है, उन्हीं को ये समर्पित है | एक उदासी के दौरान, गुरुनानक जी ने उत्तर में, कश्मीर और उसके आस-पास के इलाके की भी यात्रा की | इसे सिख अनुयायियों और कश्मीर के बीच काफी मजबूत सम्बन्ध स्थापित हुआ | गुरुनानक देव जी तिब्बत भी गये, जहां के लोगों ने, उन्हें, ‘गुरु’ माना | वे उज्बेकिस्तान में भी पूजनीय हैं, जहां, उन्होनें, यात्रा की थी | अपनी एक उदासी के दौरान, उन्होंने, बड़े पैमाने पर इस्लामिक देशों की भी यात्रा की थी, जिसमें, Saudi Arab, Iraq और Afghanistan भी शामिल हैं | एक बार फिर मैं शीश झुकाकर गुरु नानक देव जी को नमन करता हूँ |

मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, मुझे विश्वास है कि 31 अक्तूबर की तारीख़ आप सबको अवश्य याद होगी | यह दिन भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती का है जो देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले महानायक थे | सरदार पटेल में जहाँ लोगों को एकजुट करने की अद्भुत क्षमता थी, वहीँ, वे उन लोगों के साथ भी तालमेल बिठा लेते थे जिनके साथ वैचारिक मतभेद होते थे | सरदार पटेल बारीक़-से-बारीक़ चीजों को भी बहुत गहराई से देखते थे, परखते थे | सही मायने में, वे ‘Man of detail’ थे | संविधान सभा में उल्लेखनीय भूमिका निभाने के लिए हमारा देश, सरदार पटेल का सदैव कृतज्ञ रहेगा | उन्होंने मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया, जिससे, जाति और संप्रदाय के आधार पर होने वाले किसी भी भेदभाव की गुंजाइश न बचे |

मेरे प्यारे देशवासियो, 31 अक्तूबर, 2018 का दिन, जिस दिन सरदार साहब की याद में बना ‘Statue of Unity’ देश और दुनिया को समर्पित किया गया था | यह दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा है | अमेरिका में स्थित ‘Statue of Liberty’ से भी ऊँचाई में double है | दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा हर हिन्दुस्तानी को गर्व से भर देती है | हर हिन्दुस्तानी का सिर शान से ऊँचा उठ जाता है | आपको ख़ुशी होगी एक वर्ष में, 26 लाख से अधिक पर्यटक, ‘Statue of Unity’ को देखने के लिए पहुँचें |

साथियो, जैसा कि आप जानते है 2014 से हर साल 31 अक्तूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाया जाता है | यह दिन, हमें, अपने देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा की हर कीमत पर रक्षा करने का सन्देश देता है | 31 अक्तूबर को, हर बार की तरह Run for Unity का आयोजन भी किया जा रहा है | इसमें समाज के हर वर्ग के, हर तबके के लोग शामिल होंगे | Run for Unity इस बात का प्रतीक है, यह देश एक है | एक दिशा मे चल रहा है और एक लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है | एक लक्ष्य – एक भारत, श्रेष्ठ भारत I

मेरे प्यारे देशवासियो, सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में बांधा | एकता का ये मंत्र हमारे जीवन में संस्कार की तरह है और भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में हमें हर स्तर पर, हर डगर पर, हर मोड़ पर, हर पड़ाव पर, एकता के इस मंत्र को मज़बूती देते रहना चाहिए | मेरे प्यारे देशवासियो, देश की एकता और आपसी सदभावना को सशक्त करने के लिए हमारा समाज हमेशा से बहुत सक्रिय और सतर्क रहा है | हम अपने आसपास ही देखें तो ऐसे कई उदाहरण मिलेगें जो आपसी सदभाव को बढ़ाने के लिए निरंतर काम करते रहे हैं, लेकिन, कई बार ऐसा भी होता है कि समाज के प्रयास, उसका योगदान, स्मृति पटल से बहुत जल्द ओझल हो जाता है |

साथियो, मुझे याद है कि सितम्बर 2010 में जब राम जन्मभूमि पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया | जरा उन दिनों को याद कीजिये, कैसा माहौल था | भांति-भांति के कितने लोग मैदान में आ गये थे | कैसे-कैसे Interest Groups उस परिस्थितियों का अपने-अपने तरीके से फ़ायदा उठाने के लिए खेल खेल रहे थे | माहौल में गर्माहट पैदा करने के लिए, किस-किस प्रकार की भाषा बोली जाती थी | भिन्न-भिन्न स्वरों में तीखापन भरने का भी प्रयास होता था | कुछ बयानबाजों ने और कुछ बड़बोलों ने सिर्फ और सिर्फ खुद को चमकाने के इरादे से न जाने क्या-क्या बोल दिया था, कैसी-कैसी गैर – ज़िम्मेवार बातें की थी हमें सब याद है | लेकिन ये सब, पांच दिन, सात दिन, दस दिन, चलता रहा, लेकिन, जैसा ही फैसला आया, एक आनंददायक, आश्चर्यजनक बदलाव देश ने महसूस किया | एक तरफ दो हफ्ते तक गर्माहट के लिए सब कुछ हुआ था, लेकिन, जब राम जन्मभूमि पर फैसला आया तब सरकार ने, राजनैतिक दलों ने, सामाजिक संगठनों ने,

मेरे प्यारे देशवासियो, 31 अक्टूबर, हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा जी की हत्या भी उस दिन हुई थी | देश को एक बहुत बड़ा सदमा लगा था | मैं आज उनको भी श्रद्दांजलि देता हूँ |

मेरे प्यारे देशवासियो, उत्सव, हम सबके जीवन में एक नई चेतना को जगाने वाला पर्व होता है | और दीवाली में तो खासतौर पर कुछ-न-कुछ नया खरीदना, बाजार से कुछ लाना हर परिवार में कम-अधिक मात्रा में होता ही होता है | मैंने एक बार कहा था कि हम कोशिश करें – local चीजों को खरीदें | हमारी जरुरत की चीज हमारे गाँव से मिलती है तो तहसील में जाने की जरुरत नहीं है | तहसील में मिलती है तो जिले तक जाने की जरुरत नहीं है | जितना ज्यादा हम अपने local चीजें खरीदने का प्रयास करेंगें, ‘गांधी 150’, अपने आप में एक महान अवसर बन जाएगा | और मेरा तो आग्रह रहता ही है कि हमारे बुनकरों के हाथ से बना हुआ, हमारे खादी वालो के हाथ से बना हुआ, कुछ-न-कुछ तो हमें खरीदना ही चाहिए | इस दीवाली में भी, दीवाली के पहले तो आपने बहुत कुछ खरीद कर लिया होगा लेकिन बहुत लोग ऐसे भी होते हैं वो सोचते हैं कि दिवाली के बाद जायेंगें तो शायद थोड़ा सस्ता भी मिल जाएगा | तो बहुत लोग होंगे जिनके अभी खरीदी बाकी भी होगी | तो दीपावली की शुभकामनाओं के साथ-साथ मैं आपसे आग्रह करूँगा कि आओ हम local खरीदने के आग्रही बनें, स्थानीय चीजें खरीदें | देखिये, महात्मा गाँधी के सपने को सिद्ध करने में हम भी कितनी अहम भूमिका निभा सकते हैं | मैं फिर एक बार, इस दीपावली के पावन पर्व पर आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ | दीवाली में हम भांति-भांति के पटाखे उसका उपयोग करते हैं | लेकिन, कभी-कभी असावधानी में आग लग जाती है | कहीं injury हो जाती है | मेरा आप सब से आग्रह है कि खुद को भी संभालिये और उत्सव को बड़े उमंग से मनाइये | मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं |

बहुत-बहुत धन्यवाद |

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