-नए साल के मौके पर किसानों का आंदोलन बना प्रशासन के गले की फांस
-डीएम ने दिया भरोसा, मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए शासन स्तर को सूचना भेज रहे
-अपराह्न तीन बजे से रात आठ बजे तक इनर रिंग रोड की दोनों लेन पर था किसानों का कब्जा
-इससे शहर की तरफ मोड़ना पड़ा ट्रैफिक और यमुना किनारा समेत दूसरे मार्गों पर लग गया जाम
आगरा, 3 दिसंबर। एत्मादपुर तहसील के कई गांवों के किसानों द्वारा अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा न मिलने और अपनी भूमि वापस किए जाने की मांग लेकर छेड़ा गया आंदोलन पुलिस और प्रशासन के गले की फांस बन गया है। किसानों ने इनर रिंग रोड की दोनों लेन पर कब्जा कर लिया था। पांच घंटे बाद डीएम से वार्ता के बाद किसानों ने एक लेन को ट्रैफिक के लिए खोल दिया था। किसानों की मांग है कि मुख्यमंत्री से वार्ता कराओ। इस पर डीएम किसानों को भरोसा देकर आए हैं। इनर रिंग रोड की एक लेन अभी भी बंद है।
इनर रिंग रोड की दोनों लेन बंद कर दिए जाने से प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए थे क्योंकि नव वर्ष को लेकर 31 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर की ओर से हजारों अतिरिक्त गाड़ियों का आगरा की तरफ आना होगा और इनर रिंग रोड इसी तरह अवरुद्ध रहा तो जाम की गंभीर समस्या पैदा हो सकती थी।आंदोलन कर रहे नगला रघुवंश, रहनकलां, संपत गढ़ी, रायपुर, नगला रघुवंश और आसपास के दर्जन भर गांवों के किसान 15 साल पहले अधिग्रहीत की गई अपनी जमीन वापस करने की मांग कर रहे हैं। जो भी अधिकारी बात करने मौके पर पहुंचते हैं, किसान उन्हें यह कहकर लौटा देते हैं कि उनकी मुख्यमंत्री से बात कराओ। जमीन का अधिग्रहण करने वाले आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की तो अब किसानों के बीच जाने की हिम्मत भी नहीं पड़ रही।
बीते कल बड़ी संख्या में किसान इनर रिंग रोड के सर्विस रोड पर धरना देने पहुंच गए थे। बाद में कुछ उत्साही किसान इनर रिंग रोड पर चढ़ गए और एक लेन पर ही बैठकर धरना देने लगे। इससे दिल्ली की ओर से आने वाले वाहनों को यहां से गुजरने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद प्रशासन ने वाहनों को को दूसरी लेन से निकालना शुरू कर दिया था।आज किसानों ने इनर रिंग रोड की दूसरी लेने को भी जाम कर दिया तो प्रशासन बेचैन हो उठा। रोड की एक लेन पर किसान थे तो दूसरी लेन पर उनके परिवारों की महिलाएं और बच्चे बैठ गए। इसके बाद शाम को डीएम इन किसानों से वार्ता करने पहुंचे। 50 मिनट तक चली वार्ता के बाद किसान एक लेन खोलने को तैयार हो गए। डीएम ने यह भी भरोसा दिया कि वे मुख्य सचिव से वार्ता कर उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का प्रयास करेंगे।
प्रशासन की परेशानी की वजह यह है कि 31 दिसंबर की रात को आगरा के सितारा होटलों में न्यू ईयर की पार्टी मनाने के लिए दिल्ली एनसीआर से बड़ी संख्या में लोग आने वाले हैं। आगरा के होटलों तक इनर रिंग रोड होकर ही पहुंचा जा सकता है। किसानों के रोड जाम करने से इनर रिंग रोड पर लम्बा जाम लगने का खतरा पैदा हो गया है। आगरा का इनर रिंग रोड का दस किलोमीटर का हिस्सा यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ता है, जो आगरा महानगर ही नहीं, लखनऊ और दिल्ली की ओर से आने-जाने वाले वाहनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मार्ग है।इन गांवों के किसान लम्बे समय से अपनी जमीन वापस करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस बार वे लम्बी लड़ाई के मूड से इनर रिंग रोड पर पहुंचे हैं। कड़कड़ाती ठंड में किसान ही नहीं, उनके परिवारों की महिलाएं और बच्चे भी आंदोलन में शामिल हैं।
एत्मादपुर तहसील के दर्जन भर गांवों के किसान जमीन अधिग्रहण के बाद भी मुआवजा न मिलने पर अपनी जमीन वापस मांग रहे हैं। एडीए के अधिकारी कह रहे हैं कि उन्होंने जमीन वापस लौटाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, फैसला वहीं से होना है। बता दें कि लगभग 15 वर्ष पहले एडीए ने इन गांवों की 444 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था। जमीन के बदले में उचित मुआवजा नहीं मिलने पर वे अब जमीन वापस मांग रहे हैं। भाकियू (शिव) के राष्ट्रीय सचिव डा. प्रवीण कुमार शास्त्री ने भी किसानों को संबोधित किया।