
एल एस बघेल, आगरा, 17 नवंबर। हाकी समेत सभी खेलों में अब मेंटल कंडीशनिंग कोच जरूरी हो गया है। ये कहना है भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान ओलंपियन जगवीर सिंह का। गुरुवार को एकलव्य स्टेडियम में भारतीय खेलों के उत्थान पर बातचीत में उन्होंने कहा कि एक जमाना था कि भारतीय हाकी टीम के साथ केवल एक टीम मैनेजर और कोच जाता था। अब समय बदल गया है। मुख्य कोच के साथ ही दो सहायक कोच, फिजयोथेरेपिस्ट, डाक्टर के अलावा मेंटल कंडीशनिंग कोच भी साथ जाने लगे हैं। आलम ये है कि 18 खिलाड़ियों की टीम के साथ 12 से 14 लोग अलग से जाते हैं। उसके परिणाण भी आ रहे हैं। हाल ही में भारतीय महिला हाकी टीम एशियाई खेलों में हार गयी थी। तभी से भारतीय महिला हाकी टीम को मेंटल कंडीशनिंग कोच की जरूरत महसूस होने लगी थी। भारतीय महिला हाकी टीम को मेंटल कंडीशनिंग कोच मिल गया। इसके पश्चात हाल ही में रांची में हुई एशियन चैंपियनशिप में भारतीय महिला हाकी टीम ने गोल्ड जीता। एशियन गेम्स वाली टीमों को ही हराया है।
भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान ने कहा कि हमारी टीम जब गेम के आखिरी क्षणों में आरपार की लड़ाई लड़ रही होती है तो खिलाड़ियों पर मेंटल प्रेसर बहुत ज्यादा होता है। उनके साथ देश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी होती है। ऐसे में खिलाड़ी को मेंटल कंडीशनिंग कोच की सख्त जरूरत होती है। वही खिलाड़ियों को बताता है कि खिलाड़ी को किस समय सोना है, कब उठना है। कुछ टीमें इनके बिना भी कामयाब हुई हैं। पहले के खिलाड़ी तो इन सारी चीजों में भरोसा ही नहीं रखते थे। लेकिन अब ग्लोबल आर्टीफिसियल इंटेलीजैंस में इतनी तरक्की हो चुकी है कि आपको रिजल्ट पर फोकस करना है। अर्जुन अवार्डी जगवीर सिंह का कहना है कि 2011 में क्रिकेट का विश्व कप जीतने वाली टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका के पैडी अप्टान मेंटल कंडीशनिंग कोच थे। एशियन चैंपियनशिप के पहले भारतीय हाकी संघ ने भी मेंटल कंडीशनिंग कोच नियुक्त किया। साउथ अफ्रीका के ही क्रेग फल्टन भारतीय हाकी टीम के मुख्य कोच हैं। उन्होंने ही पैडी को भारतीय हाकी के उत्थान के लिये हायर कराया है। उसके परिणाम भी आये। एशियन गेम्स में भारतीय हाकी टीम ने गोल्ड जीता। जिसके कारण उनको ओलंपिक में सीधे प्रवेश मिल गया। जबकि 2018 में एशियन गेम्स में भारतीय हाकी टीम सर्वाधिक गोल करने के बाद भी शूटआउट में मलेशिया से हार गयी थी। तभी से भारतीय हाकी टीम को मेंटल कंडीशनिंग कोच की जरूरत महसूस होने लगी थी। अब महिला हाकी को मेंटल कंडीशनिंग कोच की जरूरत थी , वह पूरी हो गयी है। मेंटल कंडीशनिंग कोच के आने के बाद हर खिलाड़ी का रहन सहन, मैच की तैयारीअलग ढंग से होती है। वे हर खिलाड़ी को कमजोरी का आंकलन करते हैं और उसे सही दिशा देते हैं।
जगवीर सिंह ने कहा अब तकरीबन हर खेल में चाहे वह एथलेटिक हो, बैडमिंटन, हाकी, क्रिकेट हो, सभी में मेंटल कंडीशनिंग कोच नियुक्त किये जाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि हाकी में तो अब गोलकीपिंग के भी कोच अलग से रखे जाने लगे हैं। इनको समय-समय पर बुलाया जाता है ताकि टीम के गोलकीपर को कुछ गुर सिखाये जा सकें।