लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित सरकारी विद्यालयों में अब फेस रिकॉग्निशन आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जायेगी। नई शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने विगत दिवस आदेश जारी कर दिया गया है। पहले चरण में 6 जनपदों में फेस रिकॉग्निशन आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जायेगी। इस संबंध में सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिया गया है।
पहले चरण में 6 जनपदों में तत्काल प्रभाव से लागू हुई व्यवस्था
शिक्षा महानिदेशक की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया कि पहले चरण में 6 जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ये व्यवस्था शुरू की जा रही है। इसमें प्रमुख रूप से उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, हरदोई, लखीमपुर व बाराबंकी जिले का चयन किया गया है। शिक्षा महानिदेशक ने बताया कि इन सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर व्यवस्था पर अमल करने को कहा गया है। बता दें कि के क्रम में प्रेरणा ऐप के माध्यम से विभिन्न माड्यूल विकसित किये गये थे। उपस्थिति माड्यूल के अनुसार विद्यालय खोलने तथा बंद होने के समय शिक्षकों द्वारा स्वयं की उपस्थित अंकित करने का तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थित अंकित करने का प्रावधान है। वर्तमान में बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के अधीन संचालित विद्यालयों में प्रति विद्यालय 2 टेबलेट वितरण की प्रक्रिया गतिमान है। टेबलेट वितरण प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात समस्त विद्यालयों में फेस रिकॉग्निशन आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू किया जाना प्रस्तावित है।
इंटरनेट नहीं तो भी काम करेगा
अमृत विचार से बातचीत में अधिकारियों ने बताया कि फेस रिकॉग्निशन आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली सम्बन्धी एप्लीकेशन समस्त छः जनपदों के टेबलेटों में मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट के माध्यम से स्टेट लेवल से पुश कर दी जायेगी। सभी टेबलेट्स में जिनमें इंटरनेट कनेक्टेड होगा उनमें एप्लीकेशन प्रदर्शित होने लगेगा। प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर का प्रयोग करके एप्लीकेशन पर लॉगइन किया जा सकेगा। लॉगइन ओटीपी आधारित होगा।
शिक्षक प्रतिदिन दोनो टाइम और बच्चों की महीने में एक बार उपस्थिति अनिवार्य
शिक्षकों व कर्मियों की उपस्थिति प्रतिदिन विद्यालय खोलने तथा बंद होने के समय अंकित की जायेगी। अमृत विचार से बातचीत में अधिकरियों ने बताया कि ‘पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों की उपस्थिति विद्यालय समयावधि में किसी भी समय अंकित की जा सकेगी। फेस रिकॉग्निशन आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली पर उपलब्ध प्रथम 15 कार्य दिवसों का डाटा शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों वेतन, मानदेय भुगतान हेतु अथवा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु संज्ञान में नहीं लिया जायेगा। छात्र, छात्राओं की उपस्थिति प्रथम बार 27 दिसम्बर को व तत्पश्चात प्रति माह 27 तारीख को (प्रति माह 01 बार) अंकित की जायेगी। 27 तारीख को अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्य दिवस में छात्र व छात्राओं की उपस्थिति अंकित की जायेगी।