आगरा, 24 जुलाई। “एक-दो नहीं, हर ब्लॉक में चला निलंबन से बहाली का खेल” के संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार गौड का कहना है कि विभाग में दो शिक्षकों को निलम्बन उपरान्त बहाल किए जाने की प्रक्रिया में भ्रामक तथ्यों के आधार पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए विभाग एवं बीएसए को कुछ मीडिया बंधुओं द्वारा आरोपित किया गया है। जो कि गलत है। उन्होंने इस मामले की शिकायत भारतीय प्रैस कौंसिल में की है।
इसके सम्बन्ध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इंडियन प्रेस कौंसिल को भेजे पत्र में कहा है कि शासनादेश संख्या रिट-981/अरसठ-52022-657/2021 दिनांक 20.08.2022 के द्वारा परिषदीय शिक्षक/शिक्षिकाओं को उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली-1973 सपठित उ०प्र० सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के अन्तर्गत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बहाल किए जाने का प्रावधान है। उक्त के क्रम में ही श्रीमती शोभा शुक्ला प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय बांस जोखी खंदौली आगरा को निलम्बन उपरान्त संदर्भित प्रकरण की जांच अधिकारी के द्वारा जांच करायी गयी। जांच में उनके ऊपर लगे कुछ आरोप सही पाए जाने पर उनकी पोर्टल के माध्यम से ही शासनादेश में वर्णित व्यवस्था के अन्तर्गत बहाली की प्रक्रिया अपनायी गयी। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही उन्हें जांच अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार लघु दण्ड प्रक्रिया में एक विर्निदिष्ट अवधि के लिए वार्षिक वेतनवृद्धि को रोके जाने से दण्डित करते हुए विद्यालय आवंटन की कार्यवाही की गयी, जिसमें उन्हें रैण्डम आधार पर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही प्रधानाध्यापक के रिक्त पद वाले प्राथमिक विद्यालय भागूपुर, विकास खण्ड खंदौली में पदस्थापित किया गया। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय कठूमरी विकास खण्ड जगनेर में कार्यरत तिलक पाल सिंह स०अ० के निलम्बन उपरान्त जांच अधिकारी की जांच में आरोप सही पाए जाने पर उनकी पोर्टल के माध्यम से ही शासनादेश में वर्णित व्यवस्था के अन्तर्गत बहाली की प्रक्रिया अपनायी गयी। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही उन्हें जांच अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार दीर्घ दण्ड प्रक्रिया में एक संचयी प्रभाव से वार्षिक वेतनवृद्धि को रोके जाने से दण्डित करते हुए विद्यालय आवंटन की कार्यवाही की गयी, जिसमें उन्हें रैण्डम आधार पर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही सहायक अध्यापक के रिक्त पद वाले प्राथमिक विद्यालय नगला बड़ा सोन खेरागढ़ में पदस्थापित किया गया।
लभ बेसिक शिक्षा विभाग में किसी भी परिषदीय शिक्षक/शिक्षिकाओं को बहाल किए जाने हेतु राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र (एन०आई०सी०) लखनऊ के द्वारा विकसित साफ्टवेयर के माध्यम से ही पूरे प्रदेश में शिक्षकों की डिपार्टमेंटल प्रोसीडिंग की प्रक्रिया अपनाए जाने का प्रावधान है, जिसमें जनपद स्तर से पोर्टल में किसी भी तरह का बदलाव या छेड़छाड़ किए जाना पूर्णतः असंभव है। साथ ही यह भी अवगत कराना है कि पोर्टल पर किसी भी शिक्षक की डिपार्टमेंट प्रोसीडिंग पूर्ण करने के उपरान्त विद्यालय आवंटन किए जाने से पूर्व ऐसा कोई भी विद्यालय प्रदर्शित नहीं होता है, जिसमें बदलाव किया जा सके। शिक्षक की समस्त प्रविष्टियां पूर्ण किए जाने के उपरान्त विद्यालय आवंटन पर क्लिक किए जाते ही साफ्टवेयर के माध्यम से रैण्डम आधार पर संबंधित शिक्षक के कैडर के अनुसार ही आर०टी०ई० के नियमों के आधार पर उसे विद्यालय आवंटन हो जाता है। उन्होंने कहा है कि इस सम्बन्ध में कोई भी प्रेस प्रतिनिधि कभी भी विभाग में आकर प्रक्रिया को ऑनलाइन देख सकते हैं। उन्होंने कहा है कि पोर्टल में छेडछाड़ करना या किसी को मनचाहा विद्यालय दिए जाने जैसी बातें पूर्णतः काल्पनिक हैं।