—- निगम की प्रवतन टीम प्रतिदिन करेगी पेट क्लीनिक का निरीक्षण
—– नगर निगम की टीम ने पेट क्लीनिक का निरीक्षण कर पशु चिकित्सकों से की अपील
आगरा। नगर निगम ने पालतू कुत्तों के पंजीकरण को लेकर सख्त कार्रवाई करने का मूड बना लिया है। अब नगर निगम की प्रवर्तन टीम नियमित रूप से शहर के पशु चिकित्सालयों (वेटरनरी क्लिनिक) का निरीक्षण करेगी और यदि किसी कुत्ते को बिना पंजीकरण के इलाज हेतु लाया गया पाया गया, तो उसे नियमों के तहत जब्त किया जाएगा।
नगर निगम का यह कदम शहर को पेट फ्रेंडली और रेबीज फ्री बनाने के व्यापक अभियान का हिस्सा है। इस कार्रवाई का उद्देश्य पालतू जानवरों के बेहतर प्रबंधन, बीमारी की रोकथाम, और लावारिस छोड़े गए जानवरों की घटनाओं पर नियंत्रण करना है। पशु कल्याण अधिकारी डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने बताया कि निगम की टीम द्वारा डॉ. नेहरू, डॉ. एलेन, डॉ. एल.एन. गुप्ता, डॉ. गौतम और डॉ. योगेश शर्मा सहित कई प्रमुख पशु चिकित्सालयों का निरीक्षण किया गया, जहां चिकित्सकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि इलाज से पहले पालतू जानवर का नगर निगम में पंजीकरण सुनिश्चित करें और उसकी प्रति रिकॉर्ड में रखें।
पंजीकरण प्रक्रिया ‘मेरा आगरा’ मोबाइल ऐप पर ऑनलाइन तथा नगर निगम कार्यालय में ऑफलाइन उपलब्ध है। पंजीकरण शुल्क देशी नस्ल के कुत्तों के लिए 100 और विदेशी नस्ल (एक्जॉटिक) के लिए 500 रुपए निर्धारित है। बिना रजिस्ट्रेशन पाए जाने पर 2500 रुपए तक का जुर्माना और अब कुत्ते की जब्ती का प्रावधान लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि
नगर निगम अब सख्ती से यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पालतू कुत्ता बिना पंजीकरण के शहर में न घूमे और न ही इलाज के लिए लाया जाए। अगर कोई जानवर बिना रजिस्ट्रेशन पाया गया तो उसे नियमों के तहत जब्त कर लिया जाएगा। यह कदम जानवरों की सुरक्षा, रेबीज नियंत्रण और उन्हें लावारिस छोड़े जाने की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक है। नगर निगम ने पशु चिकित्सकों और नागरिकों से अपील की है कि वे पालतू कुत्तों का समय से पंजीकरण कराएं और इस नियम का पालन सुनिश्चित करें। यह न केवल शहर को स्वस्थ और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि एक जिम्मेदार और पशु-अनुकूल समाज की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।