-सरकारी विभागों ने नगर निगम को नहीं चुकाया करोड़ों रुपये का संपत्ति कर
– जिला जेल पर 35,19,6,448 रुपये संपत्तिकर के रूप में चल रहा बकाया
आगरा, 19 जनवरी। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने संपत्ति कर अदा न करने वाले सरकारी कार्यालयों पर कार्रवाई के आदेश अधीनस्थों को दिये हैं। करोड़ों रुपये के बकायेदार सरकारी विभागों के द्वारा तमाम नोटिस एवं पत्राचार के बावजूद नगर निगम को संपत्तिकर का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी के अनुसार लगभग तीन दर्जन सरकारी अर्द्ध सरकारी भवनों की संपत्तियों पर करोड़ों रुपये का टैक्स बकाया चला आ रहा है। इसे वसूलने के लिए नगर निगम की ओर से सभी विभागाध्यक्षों से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। अगर केंद्र सरकार की बात करें इसकी ही आधा दर्जन से अधिक संपत्तियों पर 41,87,26,665 रुपया संपत्तिकर के रुप में बकाया चला आ रहा है। इसमें रेलवे विभाग की सात संपत्तियों पर 12,47,01444 ,केंद्रीय कारागार पर 52,75,7,367 रुपये, यूथ हॉस्टल पर 16,80,6,592 रुपये,इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सोइल एंड वाटर कंजरवेशन पर 12,98,5,315 रुपये, केेंद्रीय लोक निर्माण विभाग की चार संपत्तियों पर 35,22,560 रुपये, केंद्रीय उत्पाद एवं आयात शुल्क की दो संपत्तियों पर 18,8,9145 रुपये, उपनिदेशक हॉर्टीकल्चर की चार संपत्तियों पर 82,0217 रुपये और केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान पर 46,00,41 रुपये बकाया चला आ रहा है। कुल मिलाकर केंद्र सरकार की 23 संपत्तियों पर वित्तीय वर्ष 2024-25 का 41,87,26,667 रुपये का कर बकाया है।
इसके अलावा राज्य सरकार की संपत्तियों पर एक नजर डाली जाए तो जल संस्थान पर 82,35,015 रुपये, जिला जेल पर 35,19,6,448 रुपये,विद्युत विभाग की 17 संपत्तियों पर 96,9,8,936 रुपये, आवास विकास प्राधिकरण की आठ संपत्तियों पर 10,88,6,124 रुपये, शिक्षा दस संपत्तियों पर 11,11,8,580 रुपये टोरंट पावर लिमिटेड की 22 संपत्तियों पर 11,00,7,023 रुपये, पुलिस विभाग की 69 संपत्तियों पर 79,96,558 रुपये, भारत दूर संचार निगम की आठ संपत्तियों पर 95,1,567 रुपये, भारतीय खाद्य निगम दो संपत्तियों पर 61,22,945 रुपये,पीएसी पर 34,54,889 रुपये, लोक निर्माण विभाग की 33 संपत्तियों पर 27,48,187 रुपये के अलावा जल निगम की तीन, स्वास्थ्य विभाग की चार,राजस्व विभाग की दो, उ प्र0 राज्य औद्योगिक विकास विभाग और ग्रीन गैस लिमिटेड की दो -दो संपत्तियों के अलावा जिला सहकारी बैंक, स्टील अथारिटी ,संयुक्त निदेशक उद्योग आगरा मंडल, क्षेत्रीय वन अधिकारी, यमुना प्रदूषण बोर्ड, भारत लैदर कारपोरेशन, नलकूप सिंचाई विभाग एवं सामाजिक वानिकी पर भी करोड़ों रुपये का संपत्तिकर बकाया चला आ रहा है।
–बकाया वसूली को लगातार किया जा रहा पत्राचार —
सरकारी और अर्द्धसरकारी संपत्तियों पर बकाया चले आ रहे टैक्स को वसूलने के लिए लगातार नगर निगम की ओर से पत्राचार किया जा रहा है। जिन विभागों द्वारा बकाया जमा कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही उनके खिलाफ अब शासन को लिखा जाएगा।
—-टैक्स को लेकर ये है प्रावधान—
उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 174, 207, 207 क और 227 के अनुसार नगर निगम सीमांतर्गत स्थित भवनों और भूूमियों पर संपत्ति कर लगाया जा सकता है।