नगर निगम ने गणपति बप्पा के विसर्जन को यमुना घाट पर रखवाया मोबाइल कुण्ड

Religion/ Spirituality/ Culture उत्तर प्रदेश

आगरा, 15 सितंबर। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल की पहल पर इस बार यमुना घाटों पर होने वाले प्रतिमा विसर्जन को नगर निगम ने मोबाइल विसर्जन कुण्ड लगाने का निर्णय लिया है। प्रायोगिक तौर पर हाथी घाट पर इसे स्थापित कर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कराया गया। गणपतिबप्पा मोरया के उद्घोषों के बीच इस कुण्ड मे दर्जनों प्रतिमाओं का विर्जन किया गया।
गणेश उत्सव और दुर्गामहोत्सव पर्व पर मूर्तियों के नदियों में विसर्जन के चलते जल स्त्रोतों की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इससे न केवल जलीय जीव जंतुओं की जान को खतरा उत्पन्न होता है बल्कि जल प्रदूषण की स्थिति भी उत्पन्न होती है। जल स्त्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए ही नगर निगम प्रशासन की ओर से ये कदम उठाया गया है। नगर निगम की कार्यशाला में चार फुट ऊंचा, छह फुट चौड़ा और नौ फुट लंबा मोबाइल कुण्ड बनाया गया है। इसे आज सुबह हाथी घाट पर स्थापित करा दिया गया। इस कुण्ड की क्षमता पांच हजार लीटर की है।

—-साठ से सत्तर छोटी मूर्तियों के विसर्जन की क्षमता—

इस संबंध में जानकारी देते हुए सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने बताया कि फिलहाल प्रायोगिक तौर पर इस व्यवस्था को प्रारंभ किया गया है जल्द ही सभी यमुना घाटों पर इस प्रकार के कुण्ड की व्यवस्था कर दी जाएगाी। कुण्ड में यमुना का जल भरा गया है । कुण्ड भरने के उपरांत कुण्ड को पास ही बनाये कृत्रिम कुण्ड में ले जाकर खाली कराया जाएगा।

—हादसों पर लगेगी रोक—

यमुना में गणेश एवं दुर्गा महोत्सव के उपरांत मुर्तियों को विसर्जन करते समय डूबने के कारण प्रतिवर्ष हादसे होते है। इस प्रकार की व्यवस्था किये जाने से होने वाले इस प्रकार के हादसों की संख्या में भी कमी आएगी।

—-स्टॉल लगाकर लोगों को किया जागरूक—-

नगर निगम की सहयोगी संस्था संवेदना डवेलपमेंट सोसायटी के द्वारा यमुना घाटों पर जल प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए स्टॉल लगाये गये हैं। मूर्तियों का विसर्जन करने के लिए आने वाले भक्तजनों को यमुना में सीधे हवन सामग्री, मूर्ति विसर्जन के कारण होने वाले नुकसान से अवगत कराया गया। लोगों से ये भी अपील की गई कि वे ईको फ्रेण्डली मूर्तियों का अधिकाधिक प्रयोग कर नदियों में होने वाले प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण में अपना योगदान दें। इस दौरान विसर्जन से पूर्व पूजा सामग्री जैसे फूल वस्त्र, कागज, और प्लास्टिक से बनी वस्तुएं अलग करायी जा रहीं थीं।

—-यमुना घाटों पर लगाये जाएंगे अर्पण कलश—-

धार्मिक आयोजनों के उपरांत भारतीयों में नदी आदि में हवन सामग्री के विसर्जन की मान्यता है। हवन सामग्री के साथ लोग पॉलीथिन आदि भी नदियों में डाल रहे हैं। इससे नदियों में प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो गयी है। इसको ध्यान में रखकर यमुना के घाटों पर अर्पण कलश भी रखवाये जा रहे हैं।हाथी घाट के अलावा कैलाश और बल्केश्वर स्थित यमुना घाटों पर कोई भी व्यक्ति हवन सामग्री सीधे नदी में डालने के बजाय इन कुण्डों में विसर्जित कर सकेगा।

प्राकृतिक जल स्त्रोतों को प्रदूषण से मुक्त रखने उद्देश्य से इस प्रकार की व्यवस्था नगर निगम के द्वारा की जा रही है। लोगों की धार्मिक भावनाओं का भी इस दौरान पूरी तरह से ध्यान रखा जा रहा है।

अंकित खंडेलवाल
नगर आयुक्त नगर निगम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *