यूनिसेफ के सहयोग से मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं पर मंडल स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
महिलाओं, बालक बालिकाओं को सुरक्षित, संरक्षित रखना, उनका सशक्तिकरण व स्वावलंबन तथा संबंधित सभी विभागों का समन्वय कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य – मंडलायुक्त
आगरा.29 नवंबर। आज मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंडल स्तरीय कार्यशाला का मंडलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी तथा अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन,श्रीमती अनुपम कुलश्रेष्ठ ने मंडलायुक्त सभागार में,दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में श्रीमती श्रुति शुक्ला, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी ने मुख्य अतिथि मंडलायुक्त, आगरा मंडल श्रीमती रितु माहेश्वरी जी तथा विशिष्ट अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक, आगरा जोन, श्रीमती अनुपम कुलश्रेष्ठ का बुके तथा मोमेंटो देकर स्वागत किया। कार्यशाला में मिशन वात्सल्य पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया, कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास पर 03 सत्र आयोजित किए गए, साथ ही खुला सत्र में प्रश्नोत्तरी तथा समूह चर्चा भी की गई एवं कार्यक्रम स्थल पर आकर्षक सेल्फी प्वाइंट, तथा विभिन्न योजनाओं की स्टैंडी तथा होर्डिंग पंफलेट व डिस्प्ले के माध्यम से महिला एवं बाल विकास हेतु सरकार की योजनाओं तथा कार्यक्रम की जानकारी दी गई।
मुख्य अतिथि के रूप में मंडलायुक्त ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति बालक, बालिकाओं तथा महिलाओं से जुड़ी अंब्रेला योजना है, उन्होंने इन योजनाओं के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य सभी हितधारकों को सुरक्षित, संरक्षित रखना तथा अपने पैरों पर खड़े कर शसक्तीकरण करना है, नवरात्रि के समय मिशन शक्ति तथा संबंधित विभागों ने इस क्षेत्र में अच्छा काम किया तथा योजनाओं की जानकारी तथा जागरूकता अभियान चलाया लेकिन अभी जमीन पर यथा न्याय व ग्राम पंचायत, नगर पालिकाओं स्तर पर प्रचार प्रसार व जन जागरूकता की कमी है कोई एक विभाग नही सभी संबंधित विभागों द्वारा योजनाओं के प्रति जागरूकता का समन्वित रूप से कार्य किया जाए, कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारी स्वयं जानकारी लें तथा इसे जमीनी स्तर तक ले जाएं, उन्होंने कहा की जन्म से मृत्यु तक सभी चक्रों को सरकार की योजना संतृप्त करती हैं लेकिन योजनाओं का क्रियान्वयन तथा प्रचार प्रसार की महती आवश्यकता है, उन्होंने आह्वान किया कि चुप्पी तोड़ें, आवाज उठाए, पुलिस विभाग द्वारा भी ऑपरेशन मिशन जागृति चलाया है, अब पुलिस विभाग भी सक्रिय भूमिका में है पहले पुलिस विभाग में भी संवाद की कमी रहती थी, मंडलायुक्त ने बताया कि मंडल में 18 वर्ष से कम आयु की बालक बालिकाओं का विवाह चिंताजनक है, हम सभी को इस पर काम करने की जरूरत है। संरक्षण ग्रह किशोर गृह ठीक से कार्य करें, आर्थिक सहायता हेतु भी सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। सामाजिक जागरूकता पर प्रभावी कार्य कर सामाजिक चिंतन में बदलाव लाऐं। उन्होंने कुपोषित बच्चों की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर की तथा कहा कि कार्यशाला से जानकारी लेकर नीचे तक थाना, तहसील ब्लॉक ग्राम पंचायत स्तर तक दें तथा सबसे पिछड़े, महिला, बच्चों तथा अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कराएं, अंत में मंडलायुक्त महोदया ने सभी का धन्यवाद दिया।
कार्यशाला को अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन श्रीमती अनुपम कुलश्रेष्ठ ने संबोधित करते हुए कहा कि मिशन वात्सल्य बच्चों तथा मिशन शक्ति महिलाओं के लिए,सरकार ने इनके सर्वांगीण विकास हेतु चलाई है, ऐसे बच्चे जिन ने कोविड के समय अपने अभिभावक खोए उनको हर तरीके से सामाजिक, शैक्षिक देखभाल, परवरिश की जा रही है, मातृ वंदना योजना, सामूहिक विवाह, निराश्रित महिला, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएं, पुलिस विभाग भी गांव में चौपाल लगाकर योजनाओं की जानकारी दे रहा, महिलाओं एवं बालकों को सुरक्षित, सक्षम शक्तिशाली बनाने हेतु पुलिस द्वारा 20 अक्टूबर से 03 माह का ऑपरेशन जागृति शुरू किया है हम ग्राम पंचायत स्तर तक यौन अपराध, साइबर बुलिंग, घरेलू हिंसा आदि बिंदुओं पर जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास,
श्रीमती श्रुति शुक्ला ने कहा कि भारत सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपने सभी प्रमुख कार्यक्रम को दो प्रमुख अम्ब्रेला योजनाओं-मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य-के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। दोनों योजनाओं का मुख्य लक्ष्य महिलाओ, तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास व उनके संरक्षण एवं सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जाना है। मिशन वात्सल्य का लक्ष्य है जोखिमपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना। योजना के अंतर्गत नवाचार और को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। साथ ही महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से मिशन शक्ति योजना शुरू की गई है। जिसके अर्न्तगत विभिन्न विभागों के कर्न्वेजन्स के माध्यम से मिशन के लक्ष्योें की प्राप्त किये जाने को महत्वता दी गई है। प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त तत्वाधान में प्रत्येक मंडल में इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु ऐसी कार्यशालायें आयोजित की जा रही हैं।
इन कार्यशालाओं को मुख्य उद्देश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत् विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के मध्य मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस् को बढ़ावा देना है।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को मिशन वात्सल्य के अंतर्गत संस्थागत देखरेख, गैर संस्थागत देखरेख व कन्वर्जेंस आवश्यकताओं और धटकों तथा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत उपयोजनाओं संबल और सामर्थ्य के मुख्य घटकों और के बारे में संवेदित किया गया। साथ ही मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति से संबंधित मंडल स्तरीय कार्ययोजना का निर्माण किया गया।
मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी द्वारा कार्यशाला के दौरान कहा गया कि विभिन्न जनपदों में महिलाओं तथा बच्चों के संरक्षण, विकास और सशक्तिकरण से संबंधित संकेतकों में सुधार हमारी प्राथमिकता है। उन्होनें सभी मुख्य विकास अधिकारियों को संकेतकों में सुधार के लिये रोडमैप बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जोखिमपूर्ण परिस्थितियों वाली महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के प्रयास करेंगें तो बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण और पुर्नवास स्वतः ही संरक्षित हो जायेगा। मंडल के जनपदों में बाल विवाह तथा जन्म के समय निंगानुपात के संकेतक सुधरने चाहिये, प्रदेश और राष्ट्रीय आंकड़ो से पीछे होना चिंताजनक है। उन्होंनें कहा कि आगामी माह से प्रत्येक माह महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की मंडल स्तर पर भी समीक्षा की जायेगी।
मौके पर उपस्थित विशिष्ट अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक आगरा ज़ोन अनुपम कुलश्रेष्ठ द्वारा ज़ोन में उनके नेतृत्व में शुरू किये गये ऑपरेशन जागृति के संबंध में अवगत कराते हुये कहा गया कि ऑपरेशन जागृति उ0प्र0 के मिशन शक्ति अभियान को बल देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ऑपरेशन के अंतर्गत हम 4 मुख्य थीम यथा महिलाओं के विरूद्ध हिंसा व साइबर हिंसा के पर जागरूकता, बढ़ाते हुये झूठे प्रकरणों और युवाओं के प्रेम-संबंधों के प्रकरणों में परिवारों द्वारा दर्ज किये जा रहे प्रकरणों पर रोकथाम हेतु जन-जागरूकता करने के प्रयास हैं। उन्होंनें आगे कहा कि ऑपरेशन मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के उद्देश्यों को पूरा करने में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपरघों का उनपर गहरा असर होता है इसलिए हमें एकजुट होकर इनके विरुद्ध आवाज उठानी होगी और महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित करना होगा।
महिला कल्याण विभाग के उपनिदेशक श्रुति शुक्ला द्वारा कार्यशाला के दौरान मंडल के संकेतकों पर प्रस्तुति दी गई।
कार्यशाला के अंतर्गत विभिन्न विभागों के मध्य कन्वर्जेन्स हेतु निम्न बिन्दुओं पर कार्ययोजना का निर्माण किया गयाः
– उ0प्र0 कौशल विकास मिशनः गृहों और गैर-संस्थागत देखभाल में स्थापित बच्चों का अभिमुखिकरण व कौशल विकास पाठ्यक्रमों में पंजीकरण।
– उच्च/माध्यमिक/ बेसिक शिक्षाः गृहों में आवासित बच्चों का विद्यालयों में नामांकन तथा शिक्षकों की गृहों में नियुक्ति।
– गृह/पुलिसः – प्रशिक्षण कैलेंडर विकसित करते हुये निपसिड के सहयोग से मिशन वात्सल्य के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण।
– विशेष किशोर पुलिस इकाइयों का प्रशिक्षण व क्षमतावद्धन।
– गह मंत्रालय की 112 पुलिय हेल्पलाइन के साथ चाइल्डलाइन सेवाओं का एकीकरण।
– गुमशुदा बच्चों को खोजने हेतु बेहतर अभिसरण व समन्वय।
– बच्चों के प्रकरणों में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को जॉच अधिकारी बनाये जाने हेतु सुसंगत योजना निर्माण व अवाश्यक दिशा-निर्देश।
– छोटे-अपराधों जिनमें अपराध की सजा 3 वर्ष से कम है, में बच्चों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ0आई0आर0) न लिखने और बच्चों को थाने से कानूनी प्रवधानों के अंतर्गत छोड़े जाने हेतु कार्मिकों का प्रशिक्षण और सुसंगत दिशा-निर्देश।
– राज्य/जिला विधिक सेवा प्राधिकरणः प्रशिक्षण कैलेंडर विकसित करते हुये मिशन वात्सल्य के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण।
– महिलाओं तथा बच्चों को निशुल्क कानूनी सहयता।
– स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याणः
– प्रत्येक बच्चे को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पी0एम0-जे0ए0वाई0) कार्ड प्रदान करते हुये 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज।
– व्यक्तिगत देखरेख योजना और बाल चिकित्सा सेवाओं सहित किशोर न्याय नियमों के अनुसार गृहों में चिकित्साधिकारी (चिकित्सक) की सेवाओं की उपलब्धता।
– गृहों के सभी बच्चों के टीकाकरण का प्रबंध।
– विघि से संघर्षरत् बच्चों के प्रारंभिक मूल्यांकन हेतु क्लीनीकल मनोवैज्ञानिक/ मनोचिकित्सक/ सोशलवर्कर मनोवैज्ञानिक/परामर्शदाता की नियुक्ति।
– गृहों में बच्चों के लिए नियमित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर0के0एस0के0) के अंतर्गत स्वास्थ्य जांच और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श का आयोजन।
– गर्भावस्था का चिकित्सीय समापन संशोधित अधिनियम 2021 के प्रावधानों के अंतर्गत नाबालिक गर्भवती बालिकाओं को सुरक्षित गर्भापात की सुविधा।
– पॉक्सो प्रकरणों में पीडित बालिकाओं के गर्भापात की स्थिति में स्थानीय पुलिस से उनके भू्रण को सुरक्षित रखने हेतुु संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण व आवश्यक दिशा-निर्देश।
– पॉक्सो पीडितों सहित बाल कल्याण समितियों/किशोर न्याय बोर्ड से संदर्भित बच्चों को प्राथमिकता पर जनरल स्वास्थ्य जांच, विशेष चिकित्सीय तथा आयु परीक्षण की सुविधा।
– गृहों में निवासरत् महिलाओं/ गर्भवती/ धार्त्री बालिकाओं/ महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस, किशोरी स्वास्थ्य दिवस, किशोर स्वास्थ्य केंद्र अर्श क्लीनिक/साथिया केंद्र, साप्ताहिक आयरन फोलिक वितरण, निःशुल्क सेनेटरी नेपकिन की व्यवस्था।
– प्ंचायती राजः
– बाल पंचायत का आयोजन।
– ब्लॉक और ग्राम स्तरीय बाल कल्याण व संरक्षण समितियों की सुविधा हेतु मानकनुसार 5 प्रतिशत बजट आवंटन।
– विभिन्न स्तरों पर गठित बाल कल्याण तथा संरक्षण समितियों को सशक्त करने हेतु विभाग के अंतर्गत कार्यरत् कार्मिकों का प्रशिक्षण व सुसंगत दिशा-निर्देश।
– श्रमः
– शिक्षा मंत्रालय के समग्र शिक्षा अभियान के साथ विलय की जाने वाली राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना योजना के अनुसार बाल श्रम की घटनाओं को कम करने और बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु मानक संचालन प्रक्रिया का निर्माण।
– रेस्क्यू अभियानों का संचालन।
– रेस्क्यू किये गये बच्चों को अन्य विभागों की विभिन्न योजनाओं हेतु संदर्भित करना।
– बाल श्रम करा रहे न्योक्ताओं पर कानूनी कार्यवाही करते हुये महिला एवं बाल विकास विभाग को अवगत कराना।
– बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहारः बाल देखरेख संस्थाओं में आवासित छोटे बच्चों व किशोरी बालिकाओं/गर्भवती धात्रियों को आंॅगनवाड़ी केन्द्रों से जोड़ते हुये विभिन्न पोषण व स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों का लाभ।
– अनुभव के आधार पर समय-समय पर बच्चों के भोजन मेन्यू में गुणवत्ता पूर्ण पोषण को शामिल करने हेतु सुक्षाव।
– विभिन्न स्तरों पर गठित बाल कल्याण तथा संरक्षण समितियों को सशक्त करने हेतु विभाग के अंतर्गत कार्यरत् कार्मिकों का प्रशिक्षण व सुसंगत दिशा-निर्देश।
– खेलकूद विभागः
– संस्थाओं में निवासरत् बच्चों को विभाग की योजनाओं का लाभ देने हेतु आवश्यक योजना निर्माण व क्रियान्वयन।
– गृहों सहित अन्य बच्चों के समग्र विकास हेतु खेलकूद का मैदान प्रत्येक बच्चे की पहुंच में हो, इस हेतु महिला कल्याण, ग्रामीण व शहरी विकास व अन्य विभागों के साथ योजना निर्माण।
– समाज कल्याणः संबंधित गृहों में नशामुक्ति गतिविधियां।
– दिव्यांगजन कल्याणः गृहों में दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना का लाभ।
कार्यशाला में सभी जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग से राज्य सलाहकार नीरज मिश्र व प्रीतेश तिवारी सहित जनपद जनपद आगरा, मथुरा, फिरोज़ाबाद तथा मैनपुरी से जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित विभिन्न विभागों यथा पुलिस, स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार, दिव्यांगजन, श्रम, शिक्षा, कौशल विकास मिशन आदि के जनपद स्तरीय अधिकारी तथा बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेन्टर, हब फॉर वूमेन इम्पॉवरमेन्ट, आदि के सदस्य मौजूद रहें।