सेवा में,
श्रीमान् कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार
विषय- आगरा जनपद में खाद एवं सूक्ष्म तत्व के साथ ही आलू बीज की आपूर्ति के संबंध में
महोदय, निवेदन है कि आगरा में खाद एवं सूक्ष्म तत्वों की भारी कमी चल रही है। इसके अलावा स्तरीय आलू बीज की समय से उपलब्धता न होने के कारण किसान अभी से परेशान हैं। ताज सिटी आगरा आलू उत्पादक समिति के प्रदेश सचिव लक्ष्मीनरायन बघेल और किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने बताया कि आगरा में आलू की खेती लगभग 70 से 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में होती है। बुवाई अक्टूबर-नवंबर में होती है, लेकिन इसकी तैयारी किसान सितंबर से ही शुरू कर देते हैं। इस तैयारी में किसानों की सबसे बड़ी चिंता डीएपी खाद की कमी और रियायती दर पर उत्तम गुणवत्ता वाले आलू और तिलहन के बीज की अनुपलब्धता है।
1-आगरा जनपद में बाढ़ ने भी भारी तबाही मचा दी है। जिससे फल-फूल, सब्जी और बाजरा की खेती पूरी तरह तहस-नहस हो गयी है। पशुओं के लिये चारे का संकट है। लोग घरों से बेघर हो गये हैं। हमारी मांग है कि लोगों को फसल के मुआवजे के साथ ही अन्य राहत भी दी जाए। जिससे कि लोग अपने ट्यूबवैल और क्षतिग्रस्त मकानों को ठीक करवा सकें।
2- सरकार द्वारा किसानों को जो आलू का बीज उपलब्ध करायाजाता है,उसमें काफी मात्रा में सड़ा-गला आलू निकलता है। जिससे किसानों को नुकसान होता है। हमारी मांग है कि किसानों को अच्छी किस्म का छंटा हुआ, सुखाकर बीज उपलब्ध कराया जाए।
3- किसानों ने कहा कि इस बार आलू का दाम उचित नहीं मिल पाया। इसलिए सरकार को चाहिए कि कोल्ड स्टोर का भाड़ा कम करे और सब्सिडी सीधे किसानों को दे, न कि व्यापारियों को।
4-उद्यान विभाग द्वारा दिए जाने वाले 20 एचपी ट्रैक्टर खेती के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसके स्थान पर अधिक क्षमता वाले ट्रैक्टर उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही सब्जी, फल और आलू के बीज उच्चकोटि के होने चाहिए ताकि उत्पादन बढ़े।