आगरा, 21 जुलाई। आगरा सिविल एन्क्लेव का निर्माण फेस-1 के रूप में अगस्त में शुरू करने की जानकारी जहां कई राजनेताओं के द्वारा दी गयी। वहीं जो जानकारियां आयी हैं उनसे लगता है कि अगस्त तो दूर आने वाले कई सालों में भी कार्य शुरू होना मुश्किल है। एयरपोर्ट अथॉरिटी के द्वारा निर्माण शुरू करवाने की जवाबदेही से बचने को 15 एकड़ जमीन और अधिग्रहित करवाने तथा 5 .79 अरब की राशि उपलब्ध करवाने की बात प्रचारित की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट से क्लियर प्रोजेक्ट शुरू होने के स्थान पर दो गुनी राशि से भी अधिक का कैसे टूरिस्ट ट्रेड के प्रतिनिधियों से लेकर आम जनता तक को दिलचस्पी एवं आश्चर्य है। दरअसल आगरा का दिल्ली में रहा कमजोर प्रतिनिधित्व इसका मुख्य कारण है।
सुप्रीम कोर्ट के जनवरी 2023 में सिविल एन्क्लेव आगरा को वायुसेना परिसर से धनौली अभयपुरा बल्हेरा आदि गांवों की जमीन पर शिफ्ट करने का प्रोजेक्ट सुप्रीम कोर्ट से क्लीयर हो जाने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया के सीनियर ऑफिसर से नहीं मिला। यह जानकारी एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया ने दी है। इसी प्रकार की जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय के द्वारा दी गयी है। जो किसी भी आगरा वासी के लिये बेहद निराशाजनक है।जमीन को खरीदने के लिये बजट की अस्पष्टता नई जरूरत के हिसाब से 45 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जाती है। इसके लिए एक सर्वेक्षण भी किया हुआ बताया गया है. किन्तु इसके बारे में आधिकारिक जानकारी अब तक प्रकाश में नहीं आ सकी है। इस जमीन को राज्य सरकार के द्वारा खरीदा जाता है इसके लिये बड़ी राशि की जरूरत है। साथ ही कैबिनेट की स्वीकृति भी जरूरी है किन्तु न तो इसे स्वीकृति मिली है और नहीं इसे कैबिनेट की बैठक तक ले जाया हो गया है।
वैसे जमीन अधिग्रहण करने के लिए चर्चा में रहे संयुक्त सर्वेक्षण संबंधी जानकारी पर भी एयरपोर्ट अथारिटी और आगरा प्रशासन दोनों ही जानकारी देने से बच रहे है। सिविल एडमिनिस्ट्रेशन ने जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के लिये दी गयी अर्जी एयरपोर्ट अथारिटी को ट्रांसफर कर दिया। वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कोई कोई जवाब ही नहीं दिया गया। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के जनरल सेक्रेटरी अनिल शमो ने कहा है कि वह इस मामले में उपलब्ध विकल्प का उपयोग कर एयरपोर्ट अथारिटी के विरुद्ध सूचना आयुक्त के यहांअपील करेंगे।सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आगरा प्रशासन की ओर से तहसील स्टाफ तथा एयरपोर्ट अथारिटी की संयुक्त टीम के सर्वेक्षण के बाद अकोला विकास खंड के अनेकों गांवों के किसानों में अपनी खेती की जमीन को लेकर तमाम आशंकाएं हैं। सिविल एन्क्लेव को वायुसेना परिसर से बाहर ले जाये जाने का प्रोजक्ट 2012 में शुरू हुआ लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने इसकी महत्ता नहीं समझी।
एक जानकारी में आवेदक को वायुसेना परिसर में टर्मिनल को शिफ्ट करने के लिये उप्र सरकार का एकड़ जमीन अधिग्रहित कर उपलब्ध करवानी है। जिसका इस्तेमाल एयर टर्मिनल के काम के लिये किया जायेगा। अन्य कारणों से हाईटेंशन तारों के खम्बों को चिन्हित जमीन में शिफ्ट किया जाता है। नये एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के संबंध में बताया गया है कि जब जमीन अधिग्रहण तथा मंत्रालय से क्लीयरेंस की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तभी निर्माण शुरू हो सकेगा। ताज ट्रिपेजियम जोन प्रतिबंधित क्षेत्र में आगरा होने के कारण नये एयरपोर्ट का निर्माण तो बाधा नहीं है पर दी गयी जानकारी में एयरपोर्ट निर्देशक ने कहा है कि उपरोक्त जानकारी देना जनसूचना अधिकार अधिनियम 2015 के दायरे में नहीं आता है। आज की प्रेसवार्ता में शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना ,ग्रुप कैप्टन डॉ जय पाल सिंह चौहान ,दीपक दान, शमशुद्दीन के एन अग्निहोत्री, अभिनय प्रसाद, प्रशात अग्रवाल अमित खत्री, असलम सलीमी आदि उपस्थित थे।