वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सहयोग से द्वितीय इंटरनेशनल बायर-सैलर सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का दो दिवसीय आयोजन जेपी होटल एंड कन्वेशन सेंटर में दीप प्रज्ज्वलित कर कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, मंडलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी, जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी जी की गरिमामय उपस्थित में हुआ शुभारंभ
उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह तथा कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही दूसरे दिन अन्तर्राष्ट्रीय बायर सेलर मीट में रहेंगे मौजूद
संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, ग्रीस, नेपाल, बहरीन सहित 10 देशों के 40 से अधिक खरीदार किये गये हैं सेमिनार में आमंत्रित
फसल उत्पादन में आर्टीफिशयल इन्टेलीजेन्स के प्रयोग के बारे में किसानों को दी गई जानकारी
उच्च कोटि की बागवानी फसलों के 40 से अधिक लगाए गए स्टाल,उत्पादन, तथा आधुनिक कृषि तकनीकी की दी गई जानकारी
किसानों की जागरूकता हेतु विभिन्न तकनीकी सत्रों किया गया आयोजन
आगरा.03 फरवरी। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सहयोग से द्वितीय इंटरनेशनल बायर-सैलर मीट एवं प्रदर्शनी का दो दिवसीय 3 व 4 फरबरी को आयोजन का शुभारंभ आज मुख्य अतिथि मनोज कुमार सिंह जी,कृषि उत्पादन आयुक्त, मंडलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी, जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी, अतुल कुमार सिंह, निदेशक उद्यान, अंजनी कुमार सिंह, डायरेक्टर मंडी बोर्ड तथा अंजनी कुमार श्रीवास्तव, मैनेजिंग डायरेक्टर यूपी स्टेट हॉर्टिकल्चरल कॉपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर,जेपी होटल एंड कन्वेशन सेंटर में किया गया।
सर्व प्रथम मुख्य अतिथि मनोज कुमार सिंह , आयुक्त कृषि उत्पादन तथा मंडलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी, जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी तथा सभी अतिथियों द्वारा सम्मेलन स्थल पर लगी 40 से अधिक स्टॉल का निरीक्षण किया गया। उत्पादकों से जानकारी प्राप्त की। तत्पश्चात,सम्मेलन में सभी अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया तथा निदेशक उद्यान विभाग अतुल कुमार सिंह ने स्वागत संबोधन दिया। सम्मेलन के उदघाटन सत्र में यूपीएल इंडिया कंपनी के नॉर्थ इंडिया हेड ब्रजेश सिंह ने कृषि सुरक्षा, आलू उत्पादन को बढ़ाने हेतु नई तकनीकी से परिचय कराया, रितेश पांडे,सिद्धि विनायक कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट द्वारा आलू तथा अन्य उपजों के एक्सपोर्ट पर प्रकाश डाला । निदेशक मंडी अंजनी कुमार सिंह ने भी सम्मेलन को सम्बोधित किया। सम्मेलन में किसानों ने भी अपने अनुभव बताए, द्वितीय सत्र तकनीक सत्र के रूप में आलू पर वैल्यू चैन का विस्तार, यूपी में यूपीएमआईपी कार्यक्रम का क्रियान्वयन, यूपी में कृषि क्षेत्र में एआई प्रगति तथा कृषि क्षेत्र में डिजिटल ढांचे एवं नवाचार के अवसर जैसे विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ पूर्ण संवाद किया गया।
मुख्य अतिथि मनोज कुमार सिंह,कृषि उत्पादन आयुक्त, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव, पंचायती राज, उद्यान तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग उ०प्र० शासन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आगरा के निकटवर्ती अलीगढ़, कन्नौज, फर्रुखाबाद आदि में आलू की बहुत उन्नत खेती होती है इसी के दृष्टिगत आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर की स्थापना की जा रही है उन्होंने बताया कि कुछ सप्ताह बाद सारी अनुमति और औपचारिकता पूर्ण हो जाएंगी और पोटेटो सेंटर के निर्माण का शुभारंभ होगा। कृषि उत्पादन आयुक्त ने इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर से किसानों को होने वाले फायदे के बारे में बताते हुए कहा कि पेरू की राजधानी लीमा में इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर है, यहीं से आलू की उत्पत्ति मानी जाती है ।वहां से अच्छा व सस्ता आलू बीज लाकर आगरा के इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर में विकसित कर आगरा के आसपास के किसानों को ज्यादा पैदावार व कीमत मिलेगी, किसानों को ट्रेनिंग भी मिलेगी।
द्वितीय इंटरनेशनल बॉयर-सेलर मीट तथा प्रदर्शनी के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि यहां किसानों, उत्पादकों का प्रोसेसर, एक्सपोर्टर तथा वैज्ञानिक खेती में एक्सपर्ट इंस्टीट्यूट से मिलना, उनसे संवाद करना है जिससे कि कम कीमत पर अच्छी उपज, तथा फसलों को अच्छे दाम मिल सकेंगे। उन्होंने कमिश्नर तथा जिलाधिकारी को आगरा के किसानों को चयनित कर सूची देने को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों को साइप्रिस ट्रेनिंग हेतु भेजें, वहां से किसान कृषि की ट्रेनिंग ले सकें।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने अपने संबोधन में बताया कि उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है, उन्होंने विभिन्न तथ्यों को इंगित करते हुए कहा कि विश्व में 10 प्रतिशत भूमि पर कृषि होती है, जबकि भारत में 55 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 75 प्रतिशत भाग पर खेती की जाती है, इसी प्रकार विश्व में 21 प्रतिशत भूमि पर सिंचित कृषि होती है, भारत में 55 प्रतिशत जबकि यूपी में 86 प्रतिशत सिंचित भूमि है यहां गंगा यमुना का दोआब है भूमिगत जल के अथाह भंडार हैं आज यूपी 600 लाख टन अनाज,400 लाख टन फल, सब्जी कुल 1000 टन उत्पादन करता है हम आलू उत्पादन में प्रथम हैं, देश का कुल गेंहू का 35 प्रतिशत उत्पादन करते हैं। किसानों को कम कीमत पर अधिक उत्पादन प्राप्त हो, इस क्षेत्र में यूपीएल इंडिया कंपनी और अधिक कार्य करेगा यूपीएल द्वारा 150 सेंटर यूपी में स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कुछ किसानों को कृषि करने का परंपरागत अनुभव वैज्ञानिकों से भी ज्यादा हो सकता है लेकिन देश दुनियां में कृषि क्षेत्र में क्या नवाचार हो रहे हैं ये बात इस प्रकार के सम्मेलन से जानकारी मिलती है। कृषि क्षेत्र सर्वाधिक इनपुट तथा प्रोड्यूस मार्केट है, पूरी दुनियां में सर्वाधिक लोग कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं। उन्होंने सम्मेलन के दूसरे दिन कृषकों को ड्रिप व स्प्रिंकलर प्रोजेक्ट का फील्ड विजिट कराने तथा लागत घटाकर उत्पादन तथा गुणवत्ता बढ़ाने की तकनीकी ज्ञान देने की बात कही। अंत में उन्होंने कहा कि उपभोक्ता को बेहतर उत्पाद मिले, उत्पादकों को कम लागत पर अधिक उत्पादन तथा कीमत के साथ बाजार मिले यही इस सम्मेलन का उद्देश्य है।निदेशक उद्यान श्री अतुल कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में उत्पादित कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहे दो दर्जन से अधिक निर्यातकों द्वारा बायर सेलर मीट आयोजन में प्रतिभाग किया जायेगा। साथ ही संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, ग्रीस, नेपाल, बहरीन सहित 10 देशों के 40 से अधिक खरीदार आमंत्रित किये गये हैं। इस आयोजन के तकनीकी सत्र में कृषि फसलों के निर्यात को कैसे बढ़ाया जाय, इस पर वर्ल्ड इकानामिक फोरम, इन्टरनेशनल फाइनेन्स कारपरिशन तथा सेन्टर फोर फोर्थ इण्ड्रस्ट्रियल रिव्ल्यूशन द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी। कृषि क्षेत्र में डिजीटल तकनीकों को बढ़वा देने हेतु डिजीटल एग्रीकल्चर एण्ड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल की बैठक का आयोजन भी किया जायेगा। कृषि में जल संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु वर्ल्ड रिसोर्स ग्रुप द्वारा उत्तर प्रदेश माइक्रोइरीगेशन प्रोग्राम की जानकारी भी कृषकों को उपलब्ध करायी जायेगी। कृषि क्षेत्र में किसानों को अधिक मुनाफा दिलाने हेतु आर्टीफिशयल इन्टेलीजेन्स के प्रयोग के बारे में भी कृषकों को अवगत कराया जायेगा। साथ ही प्रदेश में आलू निर्यात को बढ़ावा देने हेतु, हाईटेक नर्सरी एवं डिजिटल एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट प्रमोशन के पीएमयू गठन के लिए आदि संबंधित क्षेत्रों में एमओयू कराया जायेगा।